कांग्रेस नेताओं के दुर्व्यवहार से आहत डॉक्टर ने दिया इस्तीफा…
मरीज की मौत के बाद नेताओं ने लगाई थी फटकार
भोपाल । भोपाल स्थित जेपी अस्पताल में एक युवक की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरती गई। मौत की सूचना मिलते ही पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और पूर्व पार्षद गुड्डू चौहान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल पहुंच गए। यहां नेताओं ने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों को जमकर फटकारा।
इस हंगामे के बाद मरीज का इलाज करने वाले डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव ने अपने साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि `मरीज बहुत ही गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था। उसका सैचुरेशन लेवल 30% था और हमने परिवार को पहले ही बता दिया था कि इनका बचना मुश्किल है। उन्हें बाहर नहीं भेज सकते थे, क्योंकि उनकी स्थिति बेहद नाजुक थी। जब 2 घंटे बाद उनकी मौत हुई तो कुछ बाहरी लोग आए और मेरे साथ दुर्व्यवहार किया, मुझ पर सबके सामने चिल्लाया, जिससे मैं बहुत आहत हूं और मैं ऐसे नौकरी नहीं कर सकता, मैंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है।`
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और पूर्व पार्षद गुड्डू चौहान ने आरोप लगाया कि विधायक के अस्पताल में आने के बावजूद कोई स्टाफ उन्हें जानकारी नहीं दे रहा था। पीसी शर्मा ने कहा कि उन्होंने किसी से बदतमीजी नहीं की, लेकिन उनके साथ आए लोगों ने ऊंची आवाज में डॉक्टर से बात जरूर की। उनका गुस्सा जायज था, क्योंकि अस्पताल में कोई जवाब ही देने वाला नहीं था, जो यह बता दे कि मरीज के साथ हुआ क्या था।
वहीं घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए घटना की निंदा करते हुए लिखा है कि `हमारे कोरोना योद्धा लगातार अपनी जान दांव पर लगाकर पीड़ित मानवता की सेवा में कार्यरत हैं। मैं स्वयं भी कई बार अपील कर चुका हूं कि हम सभी को एकजुट होकर, राजनीति से ऊपर उठकर इन सभी का सहयोग करना चाहिए और इनका मनोबल बढ़ाना चाहिए, ताकि वे और बेहतर तरीके से समाज की सेवा करें। आज भोपाल के जेपी अस्पताल में जिस प्रकार कुछ लोगों ने डॉक्टर्स और वहां मौजूद स्टाफ के साथ अभद्र व्यवहार किया, हंगामा खड़ा किया, वह बेहद शर्मनाक है। किसी भी व्यक्ति को हमारे डॉक्टर्स के साथ दुर्व्यवहार करने का कोई अधिकार नहीं है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज की घटना के कारण जेपी अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने अत्यंत व्यथित होकर इस्तीफा तक सौंप दिया है. हम एक सभ्य समाज में रह रहे हैं, इस समय जब साथ मिलकर खड़े होने की ज़रूरत है, ऐसे में हंगामा करना न तो जनहित में है और न ही इससे कोरोना का मुकाबला किया जा सकता है। आज जेपी अस्पताल में जो घटना हुई, ऐसी घटनाओं से दिन और रात कार्यरत हमारे डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और चिकित्सा सेवाओं से जुड़े लोगों का मनोबल गिरता है। मैं पुनः अपील करता हूं, सभी लोग सभ्य और जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें, डॉक्टर्स का मनोबल गिराने की जगह उनका मनोबल बढ़ाएं।`