
‘मन की बात’ में सऊदी अरब में संस्कृत उत्सव, भारत के गांव-देहात के मेलों की चर्चा
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि सऊदी अरब में हाल में भारतीय संस्कृति पर संस्कृत में हुए एक कार्यक्रम में वहां के स्थानीय लोगों की भी भागीदारी देखी गयी।श्री मोदी ने आकाशवाणी से ‘मन की बात’ की आज प्रसारित ताजा कड़ी में विभिन्न विषयों के साथ अपनी जानकारी में आए भारत की वैविध्यपूर्ण समृद्ध संस्कृति से जुड़े प्रसंगों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “इसी महीने सऊदी अरब में ‘संस्कृत उत्सव’ नाम का एक आयोजन हुआ। यह अपने आप में बहुत अनूठा था, क्योंकि ये पूरा कार्यक्रम ही संस्कृत में था। संवाद, संगीत, नृत्य सब कुछ संस्कृत में, इसमें, वहाँ के स्थानीय लोगों की भागीदारी भी देखी गयी।
“उन्होंने कहा, “भारतीय संस्कृति की सुंदरता को सऊदी अरब में भी महसूस किया गया।”प्रधानमंत्री ने अपने सुझाव पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित मेला मोमेंट्स कंटेस्ट (मेलों की झलक प्रतिस्पर्धा) में हज़ारों लोगों की भागीदारी का जिक्र किया। उनमें कई लोगों की भेजी मेले की तस्वीरों को पुरस्कार दिया गया।श्री मोदी ने बताया कि कोलकाता के रहने वाले श्री राजेश धर ने पश्चिम बंगाले के प्रसिद्ध “चरक मेला” में गुब्बारे और खिलौने बेचने वाले की अद्भुत फोटो के लिए पुरस्कार जीता।वाराणसी की होली का फोटो भेजने वाले श्री अनुपम सिंह को मेना पोर्ट्रेट का पुरस्कार मिला।
अरुण कुमार नलिमेला जी, ‘कुलसाई दशहरा’ के एक आकर्षक पहलू का फोटो भेजने के लिए पुरस्कृत किए गए। महाराष्ट्र के श्री राहुल ने पंढरपुर की भक्ति को दिखाने वाली सबसे अधिक पसंद की गयी फोटो भेजी।इस प्रतियोगिता में मिली बहुत सारी तस्वीरें, मेलों में बिकने वाले स्थानीय व्यंजनों की भी थी। ऐसी ही एक तस्वीर के लिए पुरलिया के श्री आलोक अविनाश ने पुरस्कार जीता जिसमें बंगाल के ग्रामीण क्षेत्र के खानपान को दिखाया था।श्री प्रणव बसाक की वह तस्वीर भी पुरस्कृत हुई, जिसमें भगोरिया महोत्सव के दौरान महिलाएँ कुल्फी का आनंद ले रही हैं। रूमेला ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में एक गाँव के मेले में भजिया का स्वाद लेती महिलाओं की फोटो भेजी थी -इसे भी पुरस्कृत किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “गाँव-गाँव में लगने वाले मेलों की तरह ही हमारे यहां विभिन्न नृत्यों की भी अपनी ही विरासत है।”उन्होंने झारखण्ड, ओडिशा और बंगाल के जन-जातीय इलाकों में एक बहुत प्रसिद्ध नृत्य ‘छऊ’ का जिक्र किया और कहा कि ‘एक -भारत, श्रेष्ठ- भारत’ की भावना के साथ श्रीनगर में ‘छऊ’ पर्व का 15 से 17 नवम्बर का आयोजन किया गया। ।प्रधानमंत्री ने बताया कि श्रीनगर के नौजवानों को ‘छऊ’ नृत्य की ट्रेनिंग देने के लिए एक कार्यशाला का भी आयोजन हुआ।उन्होंने कुछ सप्ताह पहले ही कठुआ जिले में ‘बसोहली उत्सव ’ के आयोजन तथा वहां स्थानीय कला, लोक नृत्य और पारंपरिक रामलीला के आयोजन की भी चर्चा की। (वार्ता)
A unique event, as part of "Pravasi Parichay", "Samskritotsava" took place on November 5. The entire programme was in Sanskrit & recognised the efforts by the Indian Community in keeping the language of India's ancient wisdom, civilization, history & traditions alive in KSA. pic.twitter.com/NK4WIzEOM2
— India in Saudi Arabia (@IndianEmbRiyadh) November 6, 2023