Astrology & ReligionCover Story

सरयू में स्नान कर सीधे रामलला के मंदिर पहुंच सकेंगे भक्त

विश्वनाथ धाम की तर्ज पर सरयू नदी से सीधे जुड़ जाएगा श्रीराम मंदिर.भ्रमण पथ के निर्माण से अयोध्या में राम मंदिर तक के मार्गों पर दबाव होगा कम .

  • इसी साल बनकर तैयार हो जाएगा भ्रमण पथ.भ्रमण पथ मार्ग में रामायण काल के पौधे भी रोपे जाएंगे
  • हेरिटेज लाइट, स्टोन क्लैडिंग और मार्ग पर भगवान राम के जीवन प्रसंग की पेंटिंग उकेरी जाएगी

अयोध्या । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सरकार ने नव्य-भव्य श्रीराम मंदिर तक पहुंचने वाले जन्मभूमि पथ, रामपथ और भक्ति पथ के बाद अब भ्रमण पथ का एक चौथाई कार्य पूरा कर लिया गया है। ये भ्रमण पथ अब काशी में गंगा और विश्वनाथ धाम को जोड़ने की तर्ज पर सरयू नदी से राम मंदिर को जोड़ेगा। इसके बन जाने के बाद रामभक्त सरयू स्नान के बाद सीधे रामलला के दर्शन के लिए पहुंच सकेंगे। इस योजना पर लगभग 23.38 करोड़ रुपए खर्च हो रहा है। यह पथ सरयू नदी के घाटों से होते हुए राजघाट तक, राजघाट से भगवान श्रीराम के मंदिर तक बनाया जा रहा है। इस पथ में हेरिटेज टाइल्स, पत्थरों की परत के साथ मार्ग की दीवारों पर भगवान राम के जीवन चरित्र के प्रसंगों को पेंटिंग के माध्यम से उकेरा जा रहा है। सुंदरीकरण और जीर्णोद्धार का यह कार्य यूपी प्रॉजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।

अन्य मार्गों पर दबाव होगा कम

पर्यटन विभाग की योजना है कि श्रद्धालु और पर्यटक सरयू नदी में स्नान करने के बाद कई मार्गो से मंदिर तक पहुंच सकें। इससे भीड़ का दबाव भी एक मार्ग पर कम हो जाएगा। अभी तक की योजना में राम पथ होते हुए भक्ति और जन्मभूमि पथ के जरिए श्रद्धालु और पर्यटक जा रहे हैं, लेकिन भ्रमण पथ बन जाने के बाद सरयू नदी में स्नान करने के बाद सीधे राम जन्मभूमि परिसर तक जाया जा सकेगा। जानकारी के मुताबिक इसके बीच में कुछ मीटर पंचकोसी परिक्रमा मार्ग भी पड़ता है।

हेरिटेज टाइल्स और स्टोन क्लैडिंग से सजाया जा रहा पथ

हेरिटेज टाइल्स को सुरूचि पूर्ण और टिकाऊ माना गया है। यह भारत के प्रमुख वास्तुकारों की पहली पसंद है। यह टाइल्स मजबूत बोर्ड लाइन और निश्चित आकार के लिए प्रसिद्ध है। अनोखा लुक और एक विशिष्ट क्षेत्र को उजागर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसी के साथ पत्थरों का प्रयोग बाहरी और अंदर की दीवारों पर किया जाता है। इसके लगाने से पत्थर से ढकी मजबूत चहारदीवारी दिखाई पड़ती है। यह दीवार को धूप, बारिश, हवा, बढ़ते और घटते तापमान के साथ प्रदूषण से भी बचाती है। इसी के बीच-बीच में भगवान राम के जीवन चरित्र के प्रसंग को पेंटिंग के माध्यम से चित्रित किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को रास्ते में भक्ति पूर्ण माहौल दिखाई दे इसके लिए रामायण काल के पौधे भी लगाए जाएंगे। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव का कहना है कि भ्रमण पथ का निर्माण दिसम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा। मेलों के दौरान निर्माण कुछ धीमा हो जाएगा किन्तु मेले समाप्त होते ही फिर निर्माण कार्य तेज हो जाएगा।

पौधरोपण के साथ लगाएं ट्री-गार्ड, पौधों के साथ सेल्फी लें और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड भी करेंः सीएम

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button