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पीएम के दीपदान के साथ दीयों से रोशन हुई काशी ,देव दीपावली पर देवलोक सी सजी काशी नगरी

वाराणसी । वाराणसी के घाटों का नजारा अद्भुत बनाने के लिए लोग सुबह से ही उत्‍साह के साथ जुट हुए थे। हर किसी की कोशिश थी कि तैयारियों में कोई कमी न रह जाए। क्‍योंकि देव दीपावली पर पहली बार एक साथ प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ काशी पधार रहे थे। शाम 5.58 बजे राजघाट पर पीएम मोदी व मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने गंगा पूजन के बाद पहला दीया जलाया। इसके बाद पूरी काशी व घाटों पर रोशन हुए एक के बाद एक दीयों ने पूरे नजारे को आलौकिक बना दिया। 40 मिनट में पूरी काशी दीयों की रोशनी झिलमिला उठी।

काशी महादेव मंदिर में की पूजा-अर्चना , मुख्यमंत्री योगी मौजूद थे इस ऐतिहासिक मौके पर

सोमवार को सुबह से ही काशी के घाटों पर कहीं दीये धुले जा रहे है,तो कहीं दीयों को घाट की सीढ़ियों पर सजा कर उसमें तेल भरने का काम किया जा रहा था। पीएम के दीपदान के बाद काशी के घाट दीयों की रोशनी से जो रोशन हुए तो उन्‍होंने चांदनी रात में आसमान के टिमटिमाते तारों को मात दे दी। कई दिनों पूर्व ही काशी के घाटों पर देव दीपावली की तैयारियां शुरू हो गई थी। घाटों का रंग रोगन कर दीवारों पर पौराणिक कथाओं और देवी देवताओं की चित्रकारी की गई थी। 

घाट के पार भी रेत पर घाटों की कहानी कहते हुए आकृतियां बनकर बनाई गई थी। खजूरी में जनसभा के आजबाद प्रधानमंत्री के बाद श्री अवधूत भगवान राम घाट पहुंचे। उनके साथ मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ मौजूद रहे। यहां से गंगा में 12 किलोमीटर की जल यात्रा की । क्रूज से पीएम सीधे ललिता घाट से होते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे, जहां वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ उन्‍होंने महादेव की पूजा-अर्चना की। पीएम ने महामृत्‍युंजय जाप के साथ महादेव का रूद्राभिषेक किया। फिर वह क्रूज से ही राजघाट पहुंचे। क्रूज से पीएम लोगों को हाथ‍ हिला कर अभि‍नंदन कर रहे थे तो वहीं काशी वासी मोबाइल की लाइट जलाकर उनका स्‍वागत कर रहे थे। पीएम ने राजघाट पर पहला दीप दान करके उन्‍होंने देव दीपावली की शुरूआत की। नौकाविहार करते हुए चेत सिंह घाट पहुंचे जहां शिव महिमा पर आधारित 10 मिनट का लेजर शो देखा।

16 लाख दीयों से 84 घाट हो गए जगमग,दिखा अद्भुत नजारा

राजघाट स्थित भैंसासुर घाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देव दीपावली का पहला दीपदान किया तो लगभग 16 लाख दीपों से गंगा के 84 घाट जगमग हो उठे। हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच प्रधानमंत्री ने यहां लगभग 45 मिनट तक लोगों को संबोधित किया। उन्‍होंने कार्तिक माह में काशी में गंगा नहान की चर्चा ठेठ बनारसी अंदाज में की तो लोग पुनः हर हर महादेव, जय श्री राम ,मोदी मोदी के नारे गुंजायमान कर दिये। इस दौरान प्रधान मंत्री ने कहा कि, काशी जीवंत है, काशी की गलियां ऊर्जावान है। आज काशी गंगा तट पर प्रकाश गंगा का उत्‍सव मना रही है। काशी मां अन्‍नपूर्णा के आगमन की खुशी में मना रही है। देव दीपावली के साक्षी स्‍वंय महादेव बने हुए है। काशी की महिमा ही ऐसी है। काशी तो आत्‍म ज्ञान से प्रकाशित होती है। काशी पूरे विश्‍व को प्रकाश देने वाली है। हर युग में काशी ने विश्‍व का मार्ग दर्शन किया है। काशी के लोग भी देव स्‍वरूप है और काशी के 84 घाटों को देवता ही प्रज्‍ज्‍वलित कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने प्रकाश पर्व पर गुरुनानक देव का किया बखान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश पर्व पर सिखों के महान संत गुरु नानक देव को याद कर उनका खूब बखान किया । उन्होंने कहा कि महान संत गुरु नानक देव ने लोगों को सच्चा मार्ग दिखाया। उन्होंने सिख बंधुओं को प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए गुरुद्वारों के पुनीत कार्यों को भी याद किया।

कॉरिडोर से राम मन्दिर तक की हुई चर्चा

काशी की संस्कृति से दुनिया को रूबरू कराते हुए प्रधानमंत्री ने आज कृषि कानून से लेकर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर व अयोध्या में बन रहे राम मंदिर तक की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत में सुधार की प्रक्रिया शुरू की तो हर बदलाव का विरोध होता रहा है। चाहे वह किसानों के लिए बना नया कृषि कानून हो या काशी में विश्‍वनाथ कारिडोर। इन विरोध के बीच लोकतंत्र के सजग प्रहरी जनता ने चाह लिया तो लम्बेअर्से बाद श्रीराम मंदिर का निर्माण भी शुरू हो गया। बनारस में विकास की गति भी तेज हो गई है। प्राचीन बनारस का अब बदलता आधुनिक रूप भी दिखाई देने लगा है। कोरोना संक्रमण काल में काशी के लोगों ने जो सेवा किया उसके लिए मैं आपके सेवा भाव को प्रणाम करता हूं। मैं भी आपकी सेवा में कोई कमी नहीं रहने दूंगा। प्रधान मंत्री ने देव दीपावली और गुरु नानक जयंती की बधाई के साथ संबोधन समाप्‍त किया। अंत में जय काशी, जय मां भारती और हर-हर महादेव का जयघोष गूंज उठा। 

इसके पूर्व राजघाट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभा को संबोधित किया । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के चलते काशी ही नहीं पूरे देश का कायाकल्प हो रहा है। काशी की देवी माँ अन्नपूर्णा की सौ साल पहले चोरी हुई प्रतिमा भारत को अब जाकर मोदी सरकार के चलते मिल पाई। आखिर 107-108 वर्षों तक किसी सरकार की नजर उस ओर न पड़ी। हम क्यों इतने वर्षों तक मौन रहे। पीएम ने योग को वैश्विक मंच दिया। कुंभ को गंदगी व अव्यस्था का मंच बना दिया था। पीएम ने इस सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक रूप दिया। मां गंगा का अविरलता निर्मलता किसी से छिपी नहीं है। कभी इसमें डुबकी लगाने पर शरीर पर लाल चकत्ते निकल आते थे। आज गंगा स्नान ही नहीं आचमन के लायक भी हो गयी है। यह नमामि गंगे के सफल क्रियान्वयन से मूर्त रूप ले सका। मां गंगा का संबंध भगवान विश्वनाथ के साथ किस तरह है, गंगा काशी में आाईं तो भैरव ने रोकने के प्रयास किया। गंगा ने बाबा का चरण पखारने का आग्रह किया। विघ्न-बाधा न डालने का भरोसा दिलाने पर उन्हें यह मौका मिला। पीएम मोदी के कारण काशी विश्वनाथ धाम पर वह रूप एक बार फिर मूर्त रूप ले सका है। भव्य काशी आज जिस रूप में हम सबके सामने है, हमारे आपके लिए गौरव की बात भी है। यहां बाहर ही विकास की गंगा आगे भी जारी रहेगी।

चेतसिंह घाट पर पीएम ने देखा लेजर शो, अस्सी होते संत रविदास घाट पहुंचे तो सन्त शिरोमणि को नमन कर हुए प्रफुल्लित

देव दीपावली के मौके पर 16 लाख दीपों से जगमगाया रहे काशी के घाटों का नजारा देखने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री योगी के साथ अलकनन्दा क्रूज पर बैठकर जलमार्ग से रवाना हुए। बता दें कि राजघाट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ क्रूज़ से घाटों की आलौकिक छठा देखते हुए प्रधानमंत्री चेत सिंह घाट पहुंचे। यहां उन्होंने लेज़र शो देखा। यहां शिव की महिमा,गंगा अवतरण से जुड़े अनेक दृश्य देख प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी अभिभूत हो उठे। बाद में वे अस्सी घाट होते ,सन्त रविदास पार्क पहुंचे। पार्क में पहले से खड़ी बैटरी चालित टोटो पर सवार होकर उन्होंने चन्द कदम की दूरी तय की। यहाँ भी अद्भुत सजावट रही। प्रधानमंत्री ने यहां संत रविदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन भी किया। अब यहां से वे भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ के लिए रवाना होने की तैयारी में थे।

श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का भ्रमण कर प्रधानमंत्री ने गर्भ गृह में किया दर्शन पूजन , विश्व कल्याण की कामना से बाबा का किया जलाभिषेक

 

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हुए सीधे श्री काशी विश्‍वनाथ धाम पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भू देवों के मंत्र उच्चारण के बीच मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित बाबा श्री काशीविश्वनाथ का दर्शन पूजन भी किया। मंदिर गर्भगृह में विधि विधान से पूजा-अर्चना कर उन्होंने बाबा का दूध-जल व पंचामृत से अभिषेक भी किया। षोडशोपचार पूजन के बाद उन्होंने बाबा विश्वनाथ की आरती भी उतारी। प्रधानमंत्री ने देश व समूचे विश्व के कल्याण कके लिए मंगल कामना कर बाबा से आशीर्वाद लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें स्मृति चिह्न भी भेंट किया। इसके बाद पीएम पचास हजार वर्ग मीटर में आकार ले रहे विस्तारीकरण व सुंदरीकरण परियोजना के बारे में जानकारी ली। पीएम ने कारिडोर क्षेत्र में बन रहे भवनों का निरीक्षण भी किया। स्तंभों पर उकेरी गई नक्काशी को उन्होंने ध्यान से देखा। मण्डलायुक्त के नेतृत्व में प्रदर्शित डाक्यूमेंट्री के जरिए भी उन्होंने विस्तारीकरण व सुंदरीकरण परियोजना की प्रगति से रूबरू हुए। इस दौरान मंदिर में कई बार हर हर महादेव का उद्घोष हुआ तो प्रधानमंत्री के राजघाट प्रस्थान के समय घाटों पर मौजूद लोग मोबाइल के लाइट जला कर बाबा भोले की जय जयकार कर रहे थे ,इस दौरान तमाम समर्थक मोदी मोदी के नारे लगा रहे थे।

प्रधानमंत्री पहुंचे सारनाथ, हुआ लाईट एन्ड साउंड शो, बुद्धम शरणम की गूंज से सारनाथ हुआ बुद्धमय  

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवदीपावली के अंतिम कार्यक्रम में शिरकत करने सारनाथ रवाना हुए। शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थली सारनाथ जब पीएम पहुंचे तो यहाँ की आभा देखने लायक थी। भगवान बुद्ध की तपोस्थली पर लाइट एंड साउंड शो का भव्य व जीवंत आयोजन किया गया था, जिसे देख प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी अभिभूत हो उठे। यहां “बुद्धम शरणम गच्छामि” के मंत्र गूंजे तो पूरा सारनाथ बुद्धमय हो गया। सारनाथ में एक तरफ भगवान बुद्ध से जुड़े तमाम अवशेष है तो यहां जैन धर्म के 11 तीर्थंकर का भव्य और प्राचीन मंदिर विद्यमान है। यहां राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ है तोचन्द कदम दूर सारंग नाथ महादेव का 144 फुट ऊंचा अद्भुत भव्य शिव मंदिर भी है।यह मंदिर यहां के हिंदू जैन बौद्ध संस्कृति की अद्भुत मिसाल की गवाही भी दे रहा। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में यहां बुद्ध के जीवन चरित्र पर भव्य शो चला जिसे देख प्रधानमंत्री भी इतिहास के अतीत व् बुद्ध काल के स्मृतियों में खो गए। इसके पूर्व बौद्ध धर्म गुरुओं ने प्रधानमंत्री की अगवानी की। प्रधानमंत्री खंडहर परिसर में पहुंचे तो यहां भी बैटरी चालित टोटो में सवार होकर समारोह स्थल तक का सफर तय किया। 

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