
IGRS पोर्टल रिपोर्ट: शिकायतों के निस्तारण में देवीपाटन मंडल नंबर-1, मीरजापुर दूसरे और अलीगढ़ तीसरे स्थान पर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मॉनीटरिंग से शिकायतों का समयबद्ध हो रहा निस्तारण ,शिकायतों के निस्तारण के बाद मंडलायुक्त ले रहे फीडबैक .
- योगी सरकार के आईजीआरएस पोर्टल से जन शिकायतों के निस्तारण में आई तेजी, पीड़ितों को मिल रहा त्वरित न्याय
- आईजीआरएस की अगस्त माह की रिपोर्ट में जनमानस की शिकायतों के निस्तारण में देवीपाटन मंडल ने पहले स्थान पर
- मंडलायुक्तों की मॉनीटरिंग, विभागीय आख्या की जांच और शिकायकर्ता के फीडबैक से समस्या के समाधान में आ रही तेजी
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त मॉनीटरिंग और पारदर्शी व्यवस्था के चलते जनशिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया में ऐतिहासिक तेजी आई है। आईजीआरएस (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) पोर्टल ने लोगों को त्वरित और न्यायपूर्ण समाधान दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है। अगस्त माह की रिपोर्ट के अनुसार **देवीपाटन मंडल ने प्रदेशभर में पहला स्थान हासिल किया है**, जबकि मीरजापुर दूसरे और अलीगढ़ तीसरे स्थान पर रहे।
शिकायतों के समाधान में देवीपाटन अव्वल
देवीपाटन मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। श्रावस्ती, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर जिलों में शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए निरंतर मॉनीटरिंग की जा रही है। मंडलायुक्त ने कहा कि वह हर माह रेंडम पांच शिकायतकर्ताओं से खुद फीडबैक लेते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शिकायत पर केवल कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि वास्तविक कार्रवाई हुई है। अगस्त माह की आईजीआरएस रिपोर्ट में देवीपाटन मंडल को 120 में से 105 अंक और 87.50 प्रतिशत सफलता दर मिली है।
मीरजापुर दूसरे, अलीगढ़ तीसरे स्थान पर
आईजीआरएस की रिपोर्ट के मुताबिक मीरजापुर मंडल को 120 में से 96 अंक और 80 प्रतिशत सफलता दर के साथ दूसरा स्थान मिला है। वहीं, अलीगढ़ मंडलायुक्त संगीता सिंह के नेतृत्व में अलीगढ़ मंडल ने 120 में से 93 अंक और 77.50 प्रतिशत सफलता दर के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। टॉप फाइव सूची में बस्ती मंडल चौथे और प्रयागराज मंडल पांचवें स्थान पर रहे।
शिकायत निवारण में पारदर्शिता और तेजी
योगी सरकार के निर्देश पर आईजीआरएस पोर्टल को लगातार अपग्रेड किया गया है। फील्ड विजिट्स, विभागीय रिपोर्टों की जांच और शिकायतकर्ताओं से फीडबैक ने इस प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाया है। इससे यह सुनिश्चित हुआ है कि शिकायतों का समाधान न केवल समयबद्ध तरीके से हो, बल्कि पूरी तरह से पारदर्शी भी रहे।
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