कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की 33 साल बाद जांच के लिए दाखिल क्यूरेटिव याचिका खारिज
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में 1989-90 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की जांच के लिए दाखिल क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी है। कश्मीरी पंडितों की संस्था ‘रूट्स इन कश्मीर’ ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल कर इस मामले की जांच की मांग की थी।
याचिका में कहा गया था कि अगर 33 साल बाद 1984 के सिख दंगों की जांच हो सकती है तो इस मामले में भी ऐसा हो सकता है। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए रिव्यू याचिका खारिज कर दी थी कि नरसंहार के 27 साल बाद सबूत जुटाना मुश्किल है। 2017 में दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि 215 एफआईआर दर्ज किये जाने के बावजूद एक मामले में भी कार्रवाई नहीं हुई।
गौरतलब है कि कश्मीर में 1989-90 में कश्मीरी पंडितों को कत्लेआम की धमकी देकर अपने घरों से भागने पर मजबूर किया गया था। धमकियों के बावजूद डर कर नहीं जाने वालों को मार डाला गया। इतना ही नहीं, उनके घरों को भी लूटकर जला दिया गया।(हि.स.)