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भाकपा ने पूंजीपतियों के कर्ज बट्टेखाते में डालने को लेकर चिंता जतायी

नयी दिल्ली । आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और बैंक कर्ज वसूल किए जाने की मांग करते हुए भाकपा महासचिव डी राजा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने बड़े पूंजीपतियों के कर्ज बट्टेखाते में डालने के लिए जो समय चुना वह ‘परेशान’ करने वाला है।

सूचना अधिकार के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक ने पचास शीर्ष डिफॉल्टरों (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले) के कर्ज को बट्टेखाते में डाले जाने का खुलासा किया था। इन डिफॉल्टरों के 68,607 करोड़ रुपये के कर्ज को तकनीकी रूप से बट्टे खाते में डाल दिया गया है।

राजा ने कहा, ‘ यद्यपि, बड़े उद्योग घरानों की बड़ी रकम को बट्टेखाते में डालना बैंकों द्वारा दी जाने वाली नियमित सुविधा है लेकिन इस बार इसके लिए जो समय चुना गया वह बेहद चिंतित करने वाला है। जिस वक्त देश के लोग कोविड-19 महामारी के कारण विभिन्न परेशानियों से जूझ रहे हैं और अपनी आजीविका तक खोकर इसका बोझ उठा रहे हैं। इस समय जब लाखों प्रवासी मजदूर और संविदा कर्मचारी अपनी नौकरी खो चुके हैं और रातों रात उनकी हालत दयनीय हो चुकी है। यह शर्म का विषय है कि वर्तमान भाजपा नीत राजग सरकार की नाक के नीचे ऐसे विशाल कर्ज को डिफॉल्टरों के पक्ष में बट्टेखाते में डाल दिया जाए।’

उन्होंने कहा कि बैंकों में फंसे हुए कर्ज को लेकर हालात साल-दर-साल खराब होते जा रहे हैं। राजा ने मांग की कि ऐसे कर्ज की वसूली सुनिश्चित किए जाने के लिए सरकार प्रभावशाली कदम उठाए।

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