
देश में कोरोना की खतरनाक रफ्तार ने लोगों के साथ-साथ राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है। कई राज्यों में सख्त कदम उठाने के बावजूद कोरोना की बेलगाम रफ्तार रुकने का नाम नहीं ले रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार बीते 24 घंटे में कोरोना के एक लाख 17 हजार 100(1,17,100) मामले सामने आए हैं जो कि पिछले सात महीनों में सबसे अधिक है। इससे पहले छह जून 2021 में एक लाख मामले सामने आए थे। वहीं इस दौरान 302 लोगों की मौत भी हो गई। हालांकि 30,836 लोग स्वस्थ भी हुए। लेकिन सबसे अधिक जो चिंता की बात है वह है सक्रिया मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि। बता दें कि देश में अब सक्रिय मरीज बढ़कर तीन लाख 71 हजार (3,71,363) हो गए हैं जो कि चिंताजनक है। वहीं देश में अब देश में अब तक इस जानलेवा वायरस के कुल 4,83,178 लोगों ने जान गंवाई है। वहीं एक अच्छी बात यह है कि देश में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 149.66 करोड़ हो गया है।
देश के टॉप पांच संक्रमित राज्य
देश में टॉप पांच संक्रमित राज्यों की बात करें, तो महाराष्ट्र में 36265 मामले, पश्चिम बंगाल में 15421 मामले, दिल्ली में 15097 मामले, तमिलनाडु में 6983 मामले, कर्नाटक में 5031 मामले सामने आ चुके हैं। भारत में कुल केसों में 67.29 फीसदी नए केस इन्हीं 5 राज्यों से आए हैं। जबकि कुल केसों के 30.97 फीसदी केस महाराष्ट्र से मिले हैं।
देश में ओमिक्रोन संक्रमितों की संख्या 3000 के पार
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में ओमिक्रोन के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 3,007 हो गई है। 876 मामलों के साथ महाराष्ट्र जहां टॉप पर बना हुआ है वहीं 465 मरीजों के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर है। ओमिक्रोन के 3,007 मरीजों में से 1,199 मरीज डिस्चार्ज हो गए हैं।
राजस्थान में बीते 24 घंटे में 2,656 कोरोना के नए मामले
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में बीते 24 घंटे में 2,656 नए कोरोना के मामले दर्ज किए गए, जिनमें राज्य की राजधानी जयपुर में 1,438 मरीज सामने आए हैं। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कोरोना की चपेट में आ गए। हाल ही में उनके बेटे वैभव गहलोत के भी कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।
OMICRON से दूसरी मौत, अस्पताल में चल रहा था इलाज
भारत में ओमीक्रॉन वेरिएंट से दूसरी मौत दर्ज हुई है। ओडिशा में बृहस्पतिवार को ओमिक्रॉन से संक्रमित एक महिला की मौत का मामला सामने आया है। महिला को दिल का दौरा पड़ने के बाद बलांगिर में भीमा भोई मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे संबलपुर के एक अस्पताल रेफर किया, जहां 23 दिसंबर को उसके संक्रमित होने की पुष्टि हुई। महिला के नमूने को जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया था। महिला की 27 दिसंबर को मौत हो गई थी। बलांगीर की मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी स्नेहलता साहू ने बताया कि जिले के अगलपुर निवासी 45 वर्षीय महिला कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थी और गत 27 दिसंबर को अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि संक्रमित महिला के नमूनों को जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया था, जिसमें ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है। जान गंवाने वाली महिला ने कोई विदेश यात्रा नहीं की थी।
गृहमंत्री के घर हुई कोरोना की घुसपैठ, चार स्टाफ संक्रमित
महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल के चार स्टाफ कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। मंत्री के आवास पर रहने वाले लोगों का सैंपल टेस्ट किया गया है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री कार्यालय ने इसकी जानकारी दी है। मुंबई में बीते 24 घंटे में कोरोना के 20,181 नए मामले सामने आए हैं। महानगर में 33.06 फीसदी की रफ्तार से मामले बढ़ रहे हैं।
टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती को हुआ कोरोना
अब एक्ट्रेस और टीएमसी सांसद मिमी चक्रबर्ती कोविड पॉजिटिव पाई गई हैं। मिमी चक्रवर्ती ने ट्विटर के जरिए इस बात की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, मेरी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मैं पिछले कई दिनों से अपने घर से बाहर नहीं गई हूं और न ही लोगों से मिली हूं। मैं अभी होम आइसोलेशन में हूं और डॉक्टर से परामर्श ले रही हूं। मैं आप सभी से सावधानी बरतने और मास्क पहनने की अपील करती हूं।
केंद्र ने राज्यों को लिखा पत्र, जरूरी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने दिए निर्देश
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने किसी आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों को लेकर राज्यों को पत्र लिखा है। इस पत्र में राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोविड प्रबंधन के लिए पर्याप्त स्टाफ, डॉक्टर, बुनियादी ढांचा, बिस्तरों की निगरानी आदि सुविधाओं के साथ जिला और उप जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं।
उधर, एम्स के महानिदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कोरोना महामारी को लेकर कहा है कि उचित तरह से मास्क पहनना, हाथ धोते रहना, भीड़ से बचना और टीकाकरण बहुत जरूरी है। घबराएं नहीं, यह एक हल्की बीमारी है, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी कोविड अनरूप व्यवहार अपनाने की अपील की है। मंडाविया ने एम्स (भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) दिल्ली में उन चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों से मुलाकात की जो कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित पाए गए थे। उन्होंने यहां कहा कि हमारे कई चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी मरीजों की सेवा करते हुए कोरोना वायरस से प्रभावित हुए हैं। मंडाविया ने कहा कि मैं उनके बेहतर स्वास्थ्य की की कामना करता हूं।
कोविड का आंख और कान पर प्रभाव
महामारी की शुरुआत से ही स्वाद और गंध संवेदना के ह्रास कोविड-19 के लक्षणों की तरह पहचाने जाने लगे थे। पता चला है कि दृष्टि और श्रवण संवेदनाएं भी प्रभावित हुई हैं। 10 प्रतिशत से अधिक मरीज़ों में आंख और कान सम्बंधी समस्याएं विकसित हुई हैं जो लंबे समय तक बनी रह सकती हैं। बीमारी के चेतावनी संकेतों में बुखार, खांसी या स्वाद एवं गंध में बदलाव के साथ आंख में जलन, सुनने में दिक्कत या असंतुलन सम्बंधी समस्याओं को भी शामिल किया जाना चाहिए। ऐसा लगता है कि इस संक्रमण के चलते कई अनपेक्षित तंत्रिका सम्बंधी समस्याएं हो सकती हैं।
युनिवर्सिटी ऑफ ऊटा के भूपेंद्र पटेल के अनुसार नेत्र रोग विशेषज्ञ ली वेनलियांग को यह संक्रमण संभवत: एक अलक्षणी ग्लूकोमा रोगी से मिला था। महामारी की शुरुआती रिपोर्टों में कोविड के लक्षणों में आंखों का लाल होना भी शामिल था। 2003 के सार्स प्रकोप के दौरान भी सिंगापुर के शोधकर्ताओं ने संक्रमितों के आंसुओं में वायरस पाया था। टोरंटो में उन स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण का जोखिम अधिक पाया गया जो आंखों के लिए सुरक्षा उपकरण का उपयोग नहीं करते थे।
महामारी के दौरान अधिकांश नेत्र चिकित्सकों ने अपने क्लीनिक बंद रखे थे। इसलिए शुरुआत में आंख सम्बंधी लक्षणों की अनदेखी हुई। कई अध्ययनों के अनुसार महामारी के पहले डेढ़ वर्ष में एकत्रित डैटा से पता चलता है कि कोविड से पीड़ित 11 प्रतिशत लोगों ने नेत्र सम्बंधी समस्याओं की शिकायत की है। इसमें आंख आना और आंखों की झिल्ली में सूजन सबसे आम लक्षण रहे। अन्य लक्षणों में आंखों का सूखना, लाल होना, खुजली, धुंधला दिखना, चुंधियाना और आंख में कुछ गिरने जैसी अनुभूति होना शामिल हैं।
अध्ययन से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोविड से ग्रसित व्यक्ति आंसुओं के माध्यम से भी वायरस प्रसारित कर सकता है। वुहान से इटली आई एक 65 वर्षीय महिला में खांसी, गले में खराश और दोनों आंखों में नेत्र-शोथ के लक्षण पाए गए। हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने के 20 दिन बाद नेत्र-शोथ की समस्या ठीक हो गई थी लेकिन 27वें दिन लिए गए आंखों के फोहे में वायरल आरएनए पाए गए थे। इटली में 2020 के वसंत में अस्पताल में भर्ती 91 में से 52 रोगियों में श्वसन फोहे के नेगेटिव परिणाम के बाद भी आंखों की सतह पर सार्स-कोव-2 पाए गए थे। बंदरों पर किए गए अध्ययनों से पता चला है कि वायरस आंखों के माध्यम से भी शरीर में प्रवेश कर सकता है।
आंखों की समस्याओं के अलावा सुनने और संतुलन बनाने में मुश्किल भी सार्स-कोव-2 संक्रमण का संकेत हो सकता है। युनिवर्सिटी ऑफ लेथब्रिज की ऑडियोलॉजिस्ट और संज्ञान तंत्रिका विज्ञानी ज़हरा जाफरी और उनके सहयोगियों ने अपने अध्ययन में 12 प्रतिशत कोविड रोगियों में चक्कर आने, 4.5 प्रतिशत रोगियों में कान बजने और 3 प्रतिशत में श्रवण संवेदना में क्षति पाई है। कुल मिलाकर लगता है कि दृष्टि व श्रवण सम्बंधी लक्षणों को चेतावनी संकेतों में शामिल किया जाना चाहिए। -स्रोत फीचर्स