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कोरोना वैक्सीन : अब 28 दिन तक इस्तमाल हो सकती है वॉयल में शेष बचीं डोज

 वॉयल में बची वैक्सीन को वापस से रख सकेंगे फ्रिज मेें। भारत बायोटेक ने वैक्सीन के स्टोरेज क्षमता में किए बड़े बदलाव।

हैदराबाद । कोरोना संक्रमण के खिलाफ रामबाण साबित हुई वैक्सीन की बर्बादी की चिंता अब ख़त्म हो गई है। अब वैक्सीन की डोज खराब नहीं होंगी। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने वैक्सीन के स्टोरेज को लेकर कुछ अहम बदलाव किए हैं जिनके अनुसार अब चार घंटे नहीं बल्कि पूरे 28 दिन तक बची हुईं डोज का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए जरूरी यह है कि वॉयल में शेष बचीं डोज को 2 से 8 डिग्री तापमान पर सुरक्षित रख सकते हैं। वैक्सीन की डोज को बर्बाद होने से बचाने के लिए यह बदलाव नई खेप में दिखाई देगा। भारत बायोटेक कंपनी राज्यों को सीधे वैक्सीन आपूर्ति कर रही है जोकि इसी तरह सुरक्षित रखी जा सकेंगी।

दरअसल भारत बॉयोटेक कंपनी ने आईसीएमआर और पुणे स्थित एनआईवी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कोवाक्सिन तैयार किया था। इसके एक वॉयल में 20 डोज हैं। अगर वॉयल को खोल दिया जाए तो सभी 20 डोज चार घंटे के अंदर देना जरूरी है। ऐसा नहीं होता है तो शेष डोज बर्बाद हो जाती हैं। इसकी वजह से अब तक देश में लाखों की तादाद में कोविशील्ड और कोवाक्सिन की डोज बर्बाद हुई हैं। केंद्र सरकार ने भी राज्यों से वैक्सीन की बर्बादी पर सख्त हिदायत दी थी। साथ ही जिन राज्यों में सबसे ज्यादा डोज खराब हुईं हैं वहां नई खेप देने की प्राथमिकता नहीं है।

वॉयल पॉलिसी में बदलाव था जरूरी
भारत बायोटेक कंपनी के चेयरमेन डॉ. कृष्णन एम ईला ने बताया कि वैक्सीन की डोज खराब होने से काफी नुकसान सरकार को भी हुआ है। ऐसे में जरूरी था कि वॉयल पॉलिसी में बदलाव किए जाएं। उनके वैज्ञानिकों ने काफी मेहनत के बाद रास्ता भी खोज लिया और अब कोवाक्सिन का एक वॉयल 28 दिन तक सुरक्षित रह सकता है।

अब कोविशील्ड के लिए भी बदलाव जरूरी
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन देश के अधिकांश राज्यों में लगाई जा रही है। राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां केंद्र सरकार के छह अस्पतालों को छोड़ बाकी 400 जगहों पर कोविशील्ड टीका ही दिया जा रहा है। इसलिए कहा जा रहा है कि वैक्सीन डोज की बर्बादी रोकने के लिए कोविशील्ड की वॉयल पॉलिसी में भी इस तरह का बदलाव जल्द से जल्द होना चाहिए। हालांकि कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक इस दिशा में काम कर रहे हैं।

क्या कहते हैं आंकड़ें
-15.52 करोड़ लोगों को अब तक लगा चुका है कोरोना वैक्सीन
-1,45,41,467 लोगों को मिल चुकी है भारत बायोटेक की कोवैक्सीन
-14,06,95,671 लोगों को लगी है कोविशील्ड वैक्सीन।
-16 राज्यों में केवल कोविशील्ड वैक्सीन ही उपलब्ध।
-80 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है वैक्सीन डोज की बर्बादी से

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