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भारत और वियतनाम के बीच व्‍यापक रणनीतिक साझेदारी, रक्षा सहयोग इसका मुख्‍य स्‍तम्‍भ : राजनाथ सिंह

भारत और वियतनाम ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढाने तथा संबंधों को पुख्ता बनाने के लिए रक्षा साझेदारी संयुक्त विजन दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये हैं।दोनों देशों ने पारस्परिक रसद सहायता के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये।वियतनाम की तीन दिन की यात्रा पर मंगलवार को हनोई पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने और क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों के लिए प्रभावी और व्यावहारिक पहलों पर व्यापक चर्चा हुई।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत और वियतनाम के बीच व्‍यापक रणनीतिक साझेदारी है और रक्षा सहयोग इस साझेदारी का मुख्‍य स्‍तम्‍भ है। राजनाथ सिंह ने कहा कि वियतनाम, भारत की पूर्वी देशों को महत्‍व देने की नीति और हिंद-प्रशांत परिकल्‍पना में महत्‍वपूर्ण साझेदार है।

दोनों रक्षा मंत्रियों ने मौजूदा रक्षा सहयोग के कार्यक्षेत्र और स्तर को ठोस रूप से बढाने के लिए ‘2030 की ओर भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त परिकल्पना वक्तव्य’ पर भी हस्ताक्षर किए ।दोनों मंत्रियों की उपस्थिति में पारस्परिक रसद सहायता पर एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच सहयोगपूर्ण संबंधों को मजबूत बनाने और पारस्परिक रूप से फायदेमंद रसद सहायता के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। वियतनाम ने इससे पहले किसी अन्य देश के साथ इस तरह के समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।दोनों मंत्रियों ने वियतनाम को दिये जाने वाले 50 लाख अमेरिकी डॉलर के रक्षा रिण को शीघ्र अंतिम रूप देने पर भी सहमति व्यक्त की। इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन से वियतनाम की रक्षा क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ की परिकल्पना को और आगे बढ़ाया जा सकेगा।

रक्षा मंत्री ने वियतनामी सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण के लिए वायु सेना अधिकारी प्रशिक्षण स्कूल में भाषा और सूचना प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला की स्थापना के लिए दो सिमुलेटर और वित्तीय अनुदान देने की भी घोषणा की।इससे पहले रक्षा मंत्री ने हनोई में दिवंगत राष्ट्रपति हो ची मिन्ह की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर अपनी आधिकारिक यात्रा शुरू की। उन्होंने बौद्ध धर्म के पवित्र मंदिर ट्रान क्वोक पगोडा का भी दौरा किया जिससे दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी सभ्यता तथा लोगों के बीच संबंधों की पुष्टि हुई।भारत और वियतनाम के बीच 2016 से एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी है और रक्षा सहयोग इस साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है। वियतनाम भारत की एक्ट ईस्ट नीति और हिंद-प्रशांत विजन में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। दोनों देशों का 2,000 से अधिक वर्षों का सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों का समृद्ध साझा इतिहास है।

दोनों देशों के बीच रक्षा नीति संवाद, सैन्य आदान-प्रदान, उच्च स्तरीय यात्राएं, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में सहयोग, नौसैनिक पोत यात्राएं और द्विपक्षीय अभ्यासों सहित व्यापक संपर्कों को शामिल करने के लिए समय के साथ-साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों का विस्तार हुआ है।(वार्ता)

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