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गोवंश के लिए घरों में पहली रोटी बनाएंगे शहरवासी, चलेगा अभियान

बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशों के अनुरूप गोवंशों के भरण पोषण के लिए अभिनव कदम उठाया गया है। शहर के हर नागरिकों को उनके भरण पोषण करने की जिम्मेदारी होगी। गौ-ग्रास सेवा योजना के तहत शासन ने नई गाइड लाइन तय कर अभियान चलाया जाएगा। हर घर में बनने वाली पहली रोटी, पहला आटे का चोकर गाय के नाम से निकाला जाएगा। गोवंश को गोद लिया जाएगा। इसके लिए गो प्रेमियों को मासिक और सालाना शुल्क देना होगा। इस पैसे से गुड़, सेंधा, नमक, चोकर, हरा चारा खरीदा जाएगा।

शहरी इलाकों से लेकर देहात क्षेत्र में अब गोवंशों के भरण पोषण, स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार और गौशाला की आय सृजन के लिए गोमय उत्पादों, बायो गैस कम्पोस्ट खाद, गोमूत्र आदि उत्पादन, बिक्री करने की कार्ययोजना बनी है। नगर निगम अधिकारी इस कार्ययोजना के तहत अभियान चलाने और लोगों को जागरूक करने की तयारी शुरू हो गई है। पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. आदित्य तिवारी ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में सड़कों, सार्वजनिक स्थलों निराश्रित, बेसहारा गोवंश के विचरण से निकाय की अवस्थापना सुविधाओं को होने वाले नुकसान और जनसामान्य को होने वाली असुविधा, गोवंशों के प्रति क्रूरता को रोकने के लिए कान्हा गौशाला का संचालन किया जा रहा है। इन गौशालाओं का संचालन नगर निगम खुद संसाधनों से करता है कुछ शासन से अनुदान धनराशि से जरिए किया जाता है। इसलिए अब शासन ने गोवंश के भरण पोषण में शहर के हर नागरिक के योगदान को शामिल किया है।

जनता लेगी गोवंश को गोद, चलेगा जागरूक अभियान

गौशालाओं के संचालन का बोझ नगर निकायों पर न पड़े और गोवंश का भरण पोषण में किसी तरह की कोई दिक्कत न आए इसके लिए शहर से लेकर देहात तक गोवंश को गोद लिए जाने के लिए नगर निगम अभियान चलाएगा। इस मुहिम में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाएगा। नगर निगम क्षेत्र में अभियान शुरू किया जा रहा है। शासनादेश पर पहली रोटी गाय को और आटे का चोकर गाय को अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए नगर निगम के 80 वार्डों में अभियान की रूपरेखा तय होगी। पार्षदों से लेकर अन्य जनप्रतिनिधियों को इसकी जिम्मेदारी सौपी जाएगी। अभियान के तहत शहरवासियों से रोटी, चोकर को इक्ठ्ठा किया जाएगा।

गोवंश को गोद लेंगे शहरवासी

गौ ग्रास सेवा योजना के तहत गो प्रेमियों को गोवंश को गोद देने का अभियान चलेगा। जो भी गोद लेगा उन्हें मासिक या वार्षिक शुल्क देना होगा। 600 रूपये मासिक और 7200 प्रतिवर्ष का शुल्क निर्धारित किया है। जो भी पैसा इक्ट्ठा होगा इससे गोवंश के लिए गुड़, सेंधा नमक, चोकर, हरा चारा आदि के इंतजाम किए जाएंगे। नगर निगम नदौसी में गौशाला का संचालन कर रहा है। जिसमें 1130 गोवंश हैं। इन गोवंशों को रोजाना 318 कुंतल चारा, 687 कुंतल भूसा और 10 दिन में 2300 कुंतल चोकर खिलाया जाता है। इस पर नगर निगम रोजाना 48 हजार रुपये खर्च करता है। नगर आयुक्त निधि गुप्ता ने बताया कि गोवंश के भरण पोषण के लिए गौशालाओं में इंतजाम किए गए हैं। जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। गोवंश को गोद लेने के लिए हर नागरिक को जागरूक किया जाएगा।

प्रदेश में अब भी लगभग 2.5 से 3 लाख निराश्रित गोवंश

योगी सरकार ने प्रदेश में अगले 3 माह के अंदर निराश्रित गोवंश के संरक्षण के आदेश दिए हैं। बीते दिनों आगरा, सुल्तानपुर एवं पीलीभीत जैसे जनपदों में हुई घटनाओं का संज्ञान लेते हुए सरकार ने कड़े शब्दों में कहा है कि ऐसी घटनाओं की आगे पुनरावृति न हो। उल्लेखनीय है कि सरकारी आंकड़ों में अभी भी लगभग 2.5 से 3 लाख निराश्रित गोवंश होने की जानकारी है। इसी कड़ी में योगी सरकार ने सभी के संरक्षण के निर्देश जारी किए हैं।

घटनाओं की न हो पुनरावृत्ति

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बैठक में कहा कि अगले 3 महीने में निराश्रित गोवंश का संरक्षण किया जाए। साथ ही घटनाओं की पुनरावृति न हो। पंचायतों द्वारा नगरीय क्षेत्रों में संरक्षित गोवंशों में पौष्टिक आहार की व्यवस्था की जाए। बुंदेलखंड क्षेत्र में 15 सितम्बर तक खुले पशुओं को संरंक्षित कर लिया जाए। जनपद हरदोई, सीतापुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, फतेहपुर, बदायूं आदि की सड़कों एवं नदियों के किनारों पर बहुत अधिक संख्या में गोवंश का विचरण होता है। शहरों में भी मंडियों के समीप एवं कालोनियों में गोवंश विचरण करते हैं। नगर आयुक्त और अधिशाषी अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए। नए अस्थायी गो- आश्रय स्थलों की स्थापना की सूचना तत्काल प्रेषित की जाए। जिलाधिकारी से लेकर एसडीएम तक सतत अनुश्रवण एवं पोर्टल का प्रयोग सुनिश्चित हो।

ग्रामीण क्षेत्रों में कैटल कैचर आपरेशन चलाएं

मुख्य सचिव ने कहा कि नदियों के किनारे हजारों की संख्या में गोवंश विचरण करते हैं। ट्रैक्टर माउंटेड कैटल कैचर की व्यवस्था एवं ट्रैक्टर का क्रय सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी विशेष दस्ते बनाकर आपरेशन चलाएं। हाइवे पर अन्तर्विभागीय कार्मिकों की विशेष टीमें बनाई जाएं। दस्तों के लिए टीम लीडर, कार्मिक, उपकरण एवं वित्तीय व्यवस्था हो, जबकि आकड़े न छुपाएं और कार्यवाही करें।

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