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प्रयागराज दौरे पर मुख्यमंत्री योगी, बसंत पंचमी अमृत स्नान की तैयारियों को लेकर की समीक्षा बैठक 

ट्रैफिक और क्राउड मैनेजमेंट को बेहतर बनाने पर मुख्यमंत्री का जोर, कहा सभी मार्गों पर बढ़ाया जाए पार्किंग स्पेस.शोभायात्रा का रूट और समय हो या सामान्य स्नानार्थियों के आवागमन का मार्ग, हर बिंदु पर हो पुख्ता कार्ययोजना, किसी भी स्तर पर चूक की कोई गुंजाइश नहीं: मुख्यमंत्री.सीनियर अधिकारी प्रमुख स्थलों पर कैंप करें, ड्यूटी के स्थान पर ही की जाए उनके रहने और खाने–पीने की व्यवस्था.बसंत पंचमी पर फिर निकलेगी अखाड़ों की भव्य शोभायात्रा, लोगों की सुविधा–सुरक्षा में नहीं होगी कोई कमी.

  • अधिकारियों को मुख्यमंत्री का निर्देश, बसंत पंचमी पर सुनिश्चित कराएं जीरो एरर व्यवस्था
  • संगम स्नान को आने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम चलना पड़े: मुख्यमंत्री
  • पूज्य संत हों या श्रद्धालु, सबकी सुरक्षा–सबकी सुविधा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी: मुख्यमंत्री
  • जहां हो कोई समस्या, मौके पर स्वयं जाएं वरिष्ठ अधिकारी: मुख्यमंत्री
  • रोड को जाम न होने दें, कहीं भी भीड़ एक-दूसरे को क्रॉस करती नजर न आए: मुख्यमंत्री

महाकुम्भ नगर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमृत स्नान पर्व ‘बसंत पंचमी’ के अवसर पर व्यवस्थाओं को ‘जीरो एरर’ रखने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को प्रयागराज में बसंत पंचमी की तैयारियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि बसंत पंचमी के अवसर पर पूज्य अखाड़ों की पारंपरिक शोभायात्रा धूमधाम से निकलेगी, इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां समय से कर ली जाएं। पूज्य संतगण हों, कल्पवासी हों, देश भर से आए श्रद्धालु हों या देसी –विदेशी पर्यटक, हर एक की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित होनी चाहिए। शोभायात्रा का रूट और समय हो या सामान्य स्नानार्थियों के आवागमन का मार्ग, हर बिंदु पर पुख्ता कार्ययोजना होनी चाहिए। किसी भी स्तर पर चूक की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।

मेला प्राधिकरण के आईसीसीसी सभागार में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्किंग स्पेस को बढ़ाया जाए और ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें कि संगम स्नान को आने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम चलना पड़े। उन्होंने ये भी निर्देश दिया कि महत्वपूर्ण स्थलों पर एसपी लेवल के अधिकारियों को ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और दुनिया महाकुम्भ की व्यवस्थाओं और इसकी भव्यता की तारीफ कर रही है। हर कोई प्रयागराज संगम आने को उत्सुक है। यह भाव सतत् बना रहे, इसके लिए सभी को अपना योगदान देना होगा।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन सेक्टर्स में कतिपय समस्याएं हैं, वहां सीनियर अधिकारी स्वयं विजिट करें। टीम लीडर अच्छा होना चाहिए। विपरीत परिस्थितियों में भी चुनौतियों का सामना करने की आदत डालें। यदि आवश्यक हो तो पुलिस की काउंसिलिंग करें, लेकिन पब्लिक के साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिए। फोर्स को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे पास फोर्स की कोई कमी नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ को लेकर लोगों में उल्लास है। बहुत दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। गांव-गांव से लोग आ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने बहुत पहले से इसको लेकर वृहद स्तर पर तैयारियां की हैं। 4–6 लेन की सड़कें बनाई गई हैं। पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। यदि पार्किंग कम लगती है तो आसपास के किसानों से जमीन लेकर वहां पार्किंग की स्पेस बढ़ाना सुनिश्चित करें। किसी भी स्थिति में प्रमुख स्नान पर्वों पर पब्लिक को बहुद अधिक पैदल न चलना पड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त किया जाए, कहीं भी जाम की स्थिति न बनने दें। सीनियर अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाएं, जो टीम के साथ वहां हर वक्त मौजूद रहें। उनके लिए वहीं पर टेंट और खाने पीने की व्यवस्था की जाए। कहीं भी भीड़ एक-दूसरे को क्रॉस करती नजर न आए। इसके अलावा दो अधिकारी कंट्रोल रूम से व्यवस्था की निगरानी करें। बाकी अधिकारी बॉर्डर,शहर और मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें। उन्होंने कहा कि आगामी 2 और 3 फरवरी हमारे लिए चुनौतीपूर्ण होगा। प्रमुख स्नान पर्वों और उसके पहले और बाद में किसी तरह का कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं लागू होगा। मुख्यमंत्री ने क्राउड मैनेजमेंट को और बेहतर बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें सभी स्थलों पर क्रॉस मूवमेंट को रोकना होगा। मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बसों को तिरछा या बेतरतीब खड़ा होने दें, इससे जाम की स्थिति पैदा होती है। लोगों की आवाजाही बाधित नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त होनी चाहिएं। बसंत पंचमी को लेकर अभी एक दिन का समय है, सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा कर विभागीय और अंतर्जनपदीय समन्वय बनाकर आयोजन को सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि 3 फरवरी के अमृत स्नान को हर हाल में सफल बनाना है। सीएम ने कहा कि जिन जगहों पर भी बैरियर लगाए जाएं, उन्हें मजबूती से स्थापित किया जाए। साइनेज को ऊंचाई पर स्थापित करें और वहां प्रकाश की उचित व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। सैटेलाइट फोन के उपयोग पर भी उन्होंने जोर दिया। इसके अतिरिक्त सीएम ने संवेदनशील स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने पांटून पुलों को सिस्टमैटिक तरीके से ऑपरेट करने के निर्देश दिए।

रेलवे की व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने संतोष जताया। उन्होंने कहा कि रेलवे ने बहुत अच्छा काम किया है। स्टेशनों पर अच्छी व्यवस्था की गई, जिसका लाभ यात्रियों को मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 फरवरी को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल से काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। इसे देखते हुए व्यवस्थाएं की जाएं। प्रयाग जंक्शन आईईआरटी फ्लाईओवर से लोगों का आवागमन नहीं होना चाहिए। उन्होंने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि बसंत पंचमी की तैयारी बेहतर कोऑर्डिनेशन के साथ किया जाना आवश्यक है। लोगों का मूवमेंट फ्रीक्वेंट होना चाहिए। बैरीकेडिंग जहां आवश्यक हो वहां लगाएं। भीड़ के प्रवाह को रोकें नहीं, बल्कि उन्हें बड़े स्पेस में ले जाकर डायवर्ट करें।

मुख्यमंत्री ने झूंसी क्षेत्र के आसपास रहने वाले संदिग्ध लोगों के पुलिस वेरिफिकेशन पर भी जोर दिया। सीएम ने कहा कि अतिक्रमण भी दुर्घटना का कारण बनता है। ऐसे में स्ट्रीट वेंडर्स सड़क पर न दिखाई दें, उन्हें उत्तर साइड में स्थान दें। मार्गों पर नियमित रूप से पुलिस की पेट्रोलिंग की जाए, क्रेन्स और एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने स्वच्छता पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता हमारी पहचान है। नदियों के किनारे कूड़ा न दिखाई दे। बड़ी संख्या में लोग अपने कपड़े, फूल और अन्य तमाम चीजें नदियों में प्रवाहित करते हैं। उन्हें तत्काल साफ करें। मेला क्षेत्र में सड़कों पर धूल न उड़े, इसके लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव होगा। सभी टॉयलेट भी साफ सुथरे होने चाहिए।

मुख्यमंत्री ने प्रेशर पॉइंट्स पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिया कि इन क्षेत्रों में अनुभवी और सक्षम अफसरों की तैनाती की जाए। साथ ही, पांटून पुल पर एक विशेष टीम हमेशा तैनात रहे, ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। इसके अलावा चेकर्ड प्लेटों को समय-समय पर जांच कर आवश्यकता पड़ने पर बदला जाए। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए परिवहन निगम और मेला प्रशासन के बीच समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सभी मार्गों को सुगम और भीड़ मुक्त बनाए रखने के लिए एडीजी जोन को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अफवाहों पर नियंत्रण और भीड़ प्रबंधन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भनगर में काम करने वाली हर टीम की जिम्मेदारी तय की जाए और वैकल्पिक कर्मचारियों की व्यवस्था भी की जाए।

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