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चुनौतियों एवं हमलों ने अदाणी समूह को बनाया मजबूत-अदाणी

जयपुर : अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा है कि अदाणी समूह को मिली चुनौतियों और इस पर हुए हमलों ने उन्हें और मजबूत बनाया हैं।श्री अदाणी शनिवार रात जयपुर 51वें इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी अवार्ड्स समारोह में बोल रहे थे। अमरीका में उन पर लगे आरोपों पर पहली बार बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब ऐसी चुनौतियो का सामना करना पड़ा है, जब जब चुनौतियां आई और हमले हुए उन्हें और मजबूत बनाता और यह बाधा अदाणी समूह के लिए सीढी बन जाती है।

उन्होंने कहा कि अमरीकी डिपार्टमेंट आफ जस्टिस अभियोग मामले में तथ्य यह है कि बहुत सारी एकतरफा रिपोर्टिंग के बावजूद अदाणी पक्ष के किसी भी व्यक्ति पर एफसीपीए के उल्लंघन या न्याय में बाधा डालने की किसी साजिश का आरोप नहीं लगाया गया हैं फिर भी आज की दुनिया में नकारात्मकता तेजी से फैलती है ।श्री अदाणी ने कहा “इन वर्षों में मैं यह स्वीकार करता आया हूं कि जिन बाधाओं का हम सामना करते हैं वे आगे होने की कीमत है, आपके सपने जितने साहसी होंगे दुनिया आपको उतना ही अधिक परखेगी लेकिन आपकों आगे बढ़ने, यथास्थिति को चुनौती देने और एक ऐसा रास्ता बनाने का साहस मिलना चाहिए जिसमें आपकी कोई मदद नहीं करेगा।” उन्होंने कहा कि पायनियरिंग करने का अर्थ है अज्ञात को अपनाना, सीमाओ को तोड़ना और अपने दृष्टिकोण पर तब भी विश्वास करना जब दुनिया इसे अभी तक देख नहीं पाई हो।

उन्होंने बताया कि किस तरह उनकी राष्ट्र निर्माण की सोच ने उन्हें विरोधियों के निशान पर रखा है। वर्ष 2010 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा “जब हम आस्ट्रेलिया में कोयला खदान में निवेश कर रहे थे तो हमारा उद्देश्य स्पष्ट था, भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में सुरक्षित कैसे बनाया जाए और हर दो टन खराब गुणवता वाले भारतीय कोयले को आस्ट्रेलिया से एक टन उच्च गुणवता वाले कोयल से बदला जाये हालांकि गैर सरकार संगठनों का बड़ा विरोध था और ये लगभग एक दशक तक चला जबकि अब हमारे पास आस्ट्रेलिया में एक वल्र्र्ड क्लास ऑपरेशन खदान है, तथ्य यह है कि सौ प्रतिशत इक्विटी फंडिंग ने हमारी ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट से 30 बिलियन डालर से अधिक का लोन फाइनेंस छीन लिया हैं।

श्री अदाणी ने जनवरी 2023 में समूह पर शॉर्ट सेलिंग हमले का भी जिक्र करते हुए बताया कि कैसे जब उनका समूह अपनी फॉलो ऑन पब्लिक ऑफरिंग लॉन्च करने के लिए तैयारी कर रहा था तब उन पर यह दोहरी मार पड़ी थी पहला उनकी वित्तीय स्थिरता को निशाना बनाया गया और दूसरा उनके नाम पर राजनीतिक विवाद खड़ा किया गया लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्घता मजबूत बनी रही ।

उन्होंने कहा कि भारत के अब तक के बड़े एफपीओं से सफलतापूर्वक 20 हजार करोड़ रुपए जुटाने के बाद हमने उन रुपयो को निवेशकों को वापस लौटाने का असाधारण निर्णय लिया इसके बाद हमने कई अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से पूंजी जुटाकर और सक्रिय रुप से अपने रिण ईबीआईटीडीए अनुपात को 2.5 गुना से कम करके ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में एक अविश्वनीय मीट्रिक पेश किया। (वार्ता)

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