
डेयरी विकास के लिए मंत्रिमंडल ने 2790 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी दी
संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी.जेनपीए से छह लेन के ग्रीनफील्ड राजमार्ग निर्माण को मंजूरी
नयी दिल्ली : सरकार ने डेयरी के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और विकास लिए मंत्रिमंडल ने 2790 करोड़ की परियोजनाओं को बुधवार को मंजूरी दी।सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा यह संशोधित एनपीडीडी केंद्रीय योजना है जिसमें 1000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय से 15 वें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) की अवधि के लिए कुल 2790 करोड़ रुपये का बजट हो गया है। यह योजना डेयरी बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और इसके विस्तार पर केंद्रित है जो इस क्षेत्र की निरंतर वृद्धि और उत्पादकता सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा कि संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम दुग्ध खरीद, प्रसंस्करण क्षमता और बेहतर गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण द्वारा डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देगा। इसका उद्देश्य किसानों को बाजारों तक बेहतर पहुंच प्रदान करना, मूल्य संवर्धन द्वारा बेहतर मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करना और आपूर्ति श्रृंखला दक्षता बढ़ाना है। इससे पशु पालक किसानों की आय में बढ़ोत्तरी और ग्रामीण विकास में वृद्धि होगी।श्री वैष्णव ने कहा कि इस योजना में डेयरी बुनियादी ढ़ांचे में सुधार के लिए समर्पित है। इसमें दूध शीतक संयंत्र, उन्नत दूध परीक्षण प्रयोगशालाएं और प्रमाणन प्रणाली शामिल हैं। यह नई ग्राम डेयरी सहकारी समितियों के गठन में भी सहायक होगा और पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर), विशेष रूप से दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों तथा पहाड़ी क्षेत्रों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में दूध की खरीद और प्रसंस्करण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएगा।साथ ही समर्पित अनुदान सहायता के साथ इसमें दो दूध उत्पादक कंपनियों का गठन किया जाएगा।
‘सहकारिता द्वारा डेयरी संचालन (डीटीसी)’ गतिविधियां शामिल है। इसमें हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार जापान सरकार और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) के सहयोग से डेयरी विकास संचालन जारी रहेंगी। यह घटक नौ राज्यों (आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल) में डेयरी सहकारी समितियों के सतत विकास, उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन बुनियादी ढांचे में सुधार पर केंद्रित है।उन्होंने कहा कि एनपीडीडी के क्रियान्वयन से व्यापक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ा है। इससे 18 लाख 74 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं, 30,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं। इससे प्रतिदिन 100 लाख 95 हज़ार लीटर दूध खरीद क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। एनपीडीडी बेहतर दूध परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने में भी सहायक रहा है।
इसके 51,777 से अधिक ग्राम-स्तरीय दूध परीक्षण प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ किया गया है और 123 लाख 33 हज़ार लीटर की संयुक्त क्षमता वाले 5,123 बल्क दुग्ध शीतक स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, 169 प्रयोगशालाओं को फूरियर ट्रांसफॉर्म इंफ्रारेड (एफटीआईआर) मिल्क एनालाइजर के साथ समुन्नत बनाया गया है, और 232 डेयरी संयंत्रों में मिलावट का पता लगाने के लिए उन्नत व्यवस्था स्थापित की गई है।डेयरी विकास के लिए संशोधित राष्ट्रीय कार्यक्रम द्वितीय श्वेत क्रांति के अनुरूपता के साथ देश के आधुनिक बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाएगा और नई तकनीक और गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं सुविधा द्वारा नवगठित सहकारी समितियों के लिए और अधिक सहायक होगा। यह कार्यक्रम ग्रामीण आजीविका बेहतर बनाने, रोजगार उत्पन्न करने और सुदृढ़ अधिक स्थिति अनुकूलित डेयरी उद्योग निर्माण में सहायग होगा, जिससे देश भर के लाखों किसानों और इससे जुड़े लोग लाभान्वित होंगे।
संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी
सरकार ने पशुधन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन को मंजूरी देते हुए इसके लिए 3400 करोड़ रूपये का व्यय निर्धारित किया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।इस प्रस्ताव में पशुधन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत केंद्रीय क्षेत्र घटक के रूप में संशोधित मिशन का क्रियान्व्यन 1000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय के साथ किया जा रहा है, जो 2021-22 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान कुल 3400 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
मिशन के साथ दो नई गतिविधियां जोड़ी गई हैं । पहली गतिविधि में कुल 15000 बछियों के लिए सुविधाओं के निर्माण को लेकर बछिया पालन केंद्रों की स्थापना के लिए पूंजीगत लागत का 35 प्रतिशत एकमुश्त सहायता का प्रावधान है। दूसरी गतिविधि में किसानों को उच्च आनुवंशिक योग्यता (एचजीएम) आईवीएफ बछिया खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है।यह योजना राष्ट्रीय गोकुल मिशन की मौजूदा गतिविधियों को जारी रखने के लिए है। इनमें वीर्य केन्द्रों को मजबूत बनाना, कृत्रिम गर्भाधान नेटवर्क, बैल प्रजनन कार्यक्रम का कार्यान्वयन, लिंग-विशिष्ट वीर्य का उपयोग करके त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम, कौशल विकास, किसान जागरूकता, उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना शामिल है। साथ ही केन्द्रीय मवेशी प्रजनन फार्मों को मजबूत बनाना और इनमें से किसी भी गतिविधि में सहायता के पैटर्न में कोई बदलाव किए बिना केन्द्रीय मवेशी प्रजनन फार्मों को मजबूत बनाना शामिल है।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के क्रियान्वयन एवं सरकार के अन्य प्रयासों से पिछले दस वर्षों में दूध उत्पादन में 63.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, साथ ही प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता जो 2013-14 में 307 ग्राम प्रतिदिन थी, वह 2023-24 में बढ़कर 471 ग्राम प्रतिदिन हो गई है। पिछले दस वर्षों में उत्पादकता में भी 26.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।इस योजना से दूध उत्पादन और उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे अंततः किसानों की आय में वृद्धि होगी। इस पहल से न केवल उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि डेयरी उद्योग में लगे 8.5 करोड़ किसानों की आजीविका में भी सुधार होगा।
जेनपीए से छह लेन के ग्रीनफील्ड राजमार्ग निर्माण को मंजूरी
सरकार ने महाराष्ट्र में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह-जेएनपीए से चौक तक करीब 30 किलोमीटर लम्बे छह लेने के ग्रीनफील्ड राजमार्ग के निर्माण को मंजूरी दी है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने जेएनपीए पोर्ट के लिए इस हाईस्पीड मार्ग के निर्माण को मंजूरी दी है।बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जेनपीए के पगोटे से चौक तक 29.219 किमी 6 लेन की एक्सेस नियंत्रित ग्रीनफील्ड हाई स्पीड राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण को मंजूरी दी गई है। परियोजना पर कुल 4500.62 करोड़ रुपये की लागत आने का अुनमान है। यह कार्य निर्माण, ऑपरेट कर ट्रांसफर – बीओटी मोड पर संपन्न किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि देश में बड़े और छोटे बंदरगाहों को बुनियादी ढांचे से जोड़ने के लिए सड़कों का निर्माण प्रधानमंत्री गतिशक्ति के तहत किया जा रहा है। जेएनपीए एकीकृत बुनियादी ढांचा विकसित करने का काम सरकार के मुख्य फोकस वाले कार्यक्षेत्रों में शामिल है। इस बंदरगाह पर कंटेनर की संख्या बढाने, नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के साथ इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग कनेक्टिविटी को बढ़ाने की जरूरत के तहत इस योजना को मंजूरी दी गई है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के पलास्पे फाटा, डी-पॉइंट, कलंबोली जंक्शन, पनवेल जैसे शहरी क्षेत्रों में भारी भीड़भाड़ के कारण जेएनपीए पोर्ट से एनएच-48 के धमनी स्वर्णिम चतुर्भुज खंड और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे तक वाहनों को जाने में 2-3 घंटे लग जाते हैं।
इस साल नवी मुंबई हवाई अड्डे के शुरू होने के बाद, सीधी कनेक्टिविटी की जरूरत और भी बढ़ने की उम्मीद है और इसे देखतेह हुए इस परियोजना को इन कनेक्टिविटी जरूरतों, एनपीए बंदरगाह तथा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ने की लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार करने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह मार्ग जेएनपीए बंदरगाह राष्ट्रीय राजमार्ग 348) पगोटे गांव से शुरू होकर मुंबई-पुणे राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर समाप्त होता है।(वार्ता)