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स्वस्थ भारत से ही समर्थ भारत का निर्माण संभव, समर्थ भारत ही बन सकता है शक्तिशाली भारत: मुख्यमंत्री

'निक्षय मित्र' के रूप में टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश का सपना साकार करेंगे सेवानिवृत्त आईएएस/आईपीएस और पूर्व कुलपति.मुख्यमंत्री का आह्वान, 'टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश' के लिए आगे आएं सेवानिवृत्त अधिकारी और शिक्षाविद.सेवानिवृत्त आईएएस/आईपीएस, कुलपतिगणों को मुख्यमंत्री ने दिलाई शपथ, टीबी रोगियों को उपचार के लिए हर सम्भव सहयोग उपलब्ध कराएंगे.सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारियों और कुलपतिगणों ने मुख्यमंत्री के आह्वान के लिए जताया आभार और सहयोग के लिए शपथ भी लिया.प्रदेश में टीबी उपचार की सफलता दर पिछले चार वर्षों में 79 प्रतिशत से बढ़कर 92 प्रतिशत से ज्यादा हुई.

  • एक भी टीबी रोगी छूटने न पाये, यह सबका साझा दायित्व: मुख्यमंत्री
  • 27 लाख टीबी रोगियों के खाते में अब तक 775 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान: मुख्यमंत्री

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘टीबी मुक्त भारत’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब एक अभिनव पहल की है। मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त हो चुके आईएएस, आईपीएस, पूर्व कुलपतिगणों/शिक्षाविदों व अन्य वरिष्ठ नागरिकों को ‘निक्षय मित्र’ की बड़ी जिम्मेदारी दी है। ‘निक्षय मित्र’ के रूप में यह वरिष्ठ नागरिक ‘टीबी उन्मूलन’ के प्रयासों में जनजागरूकता बढ़ाने के लिए सहयोग करेंगे। गुरुवार को मुख्यमंत्री ने इस संबंध में सभी के साथ बैठक की और टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश अभियान को सफल बनाने के लिए सहयोग का आह्वान किया।

विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और पूर्व कुलपतिगणों का स्वागत करते हुए उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के ‘टीबी मुक्त भारत’ के संकल्प के बारे में जानकारी दी। उन्होंने स्वस्थ भारत से ही समर्थ भारत का निर्माण संभव है और जब भारत समर्थ होगा तभी शक्तिशाली होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक विश्व को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा था, जिसे मिशन मोड में लेते हुए प्रधानमंत्री जी ने भारत के लिए वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में सबसे अधिक टीबी रोगी भारत मे हैं और भारत को टीबी मुक्त करने के लिए सबसे बड़ी आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश में टीबी उन्मूलन अनिवार्य है।

मुख्यमंत्री ने टीबी उन्मूलन की दिशा में पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में हुए प्रयासों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में टीबी रोगियों की जाँच पहले के मुकाबले चार गुना हो गयी है। नैट एवं एक्सरे मशीनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रदेश में टीबी उपचार की सफलता दर पिछले चार वर्षों में 79 प्रतिशत से बढ़कर 92 प्रतिशत हो गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निःक्षय पोषण योजनान्तर्गत डीबीटी के माध्यम से लगभग 27 लाख टीबी रोगियों के खाते में 775 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान हो चुका है। इसी तरह, फेफड़े के टीबी रोगियों के साथ रहने वालों को टीबी रोग न हो, उन्हें टीबी से बचाव का उपचार दिया जा रहा है। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में जनभागीदारी के महत्व पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक 45 हजार से अधिक निःक्षय मित्रों द्वारा टीबी रोगियों को गोद लिया गया है और प्रदेश की 1372 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने सभी से सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी ने लंबे समय तक समाज के बीच कार्य किया है। सभी सुदीर्घ अनुभव रखते हैं। अब सेवानिवृत्ति के बाद आप सभी इस राष्ट्रीय मिशन में सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह सबका साझा दायित्व है कि कोई भी टीबी का रोगी छूटने न पाये और जिनको भी टीबी से ग्रसित पाया जाये, उनको तत्काल सही और निरंतर चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराया जाये। उनको अतिरिक्त पोषण उपलब्ध कराया जाए और कोई न कोई निःक्षय मित्र उनसे जुड़कर उनका सहारा बने। इसके साथ ही उनके परिवार के शेष सदस्यों की भी जांच कराकर उचित चिकित्सा परामर्श एवं उपचार उपलब्ध कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टीबी रोगी समाज का अंग हैं, समाज में उनको सम्मान प्रदान कराया जाना, हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए। निक्षय मित्र के रूप में सभी सेवानिवृत्त आईएएस/आईपीएस और पूर्व कुलपतिगण टीबी मरीजों को गोद लें, उन्हें उपचार के बारे में जानकारी दें और समुचित सहायता उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी के लापता रोगियों को खोजना, टीबी की मृत्यु दर को कम करना एवं स्वस्थ व्यक्तियों को टीबी के संक्रमण से बचाना है। प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लिए प्रदेश सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है और प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए समाज के सभी वर्गों की भागीदारी अति आवश्यक है। बैठक में उपस्थित सभी सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारियों और कुलपतिगणों ने मुख्यमंत्री के आह्वान के लिए आभार जताया और सहयोग के लिए शपथ भी लिया।

  • बोले निक्षय मित्र-डिजिटल प्लेटफॉर्म से टीबी मुक्त होगा उत्तर प्रदेश
  • बोले पूर्व अधिकारी, ”टीबी हारेगा, देश जीतेगा” के संकल्प को करेंगे साकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘टीबी मुक्त भारत’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को बैठक में टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए सेवानिवृत्त आईएएस-आईपीएस, पूर्व कुलपतियों/शिक्षाविदों व अन्य वरिष्ठ नागरिकों को ‘निक्षय मित्र’ की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। यह वरिष्ठ नागरिक ‘निक्षय मित्र’ के रूप में ‘टीबी उन्मूलन’ के प्रयासों में जनजागरूकता बढ़ाने के लिए सहयोग करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा जिम्मेदारी सौंपे जाने पर वरिष्ठ नागरिकों ने आभार व्यक्त किया। साथ ही टीबी के खात्मे के लिए अपने योगदान के बारे में भी बताया।

प्रयास रहेगा, जल्द ही उत्तर प्रदेश टीबी मुक्त हो

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा टीबी के खात्मे के लिए मुझे निक्षय मित्र की जिम्मेदारी सौंपी गयी। मैं इस पुनीत कार्य के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिल से आभार प्रकट करता है। सीएम के टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश के विजन को मिशन की तरह धरातल पर उतारने के लिए जागरुकता के साथ अन्य कार्य भी करूंगा। मेरा भी प्रयास होगा कि उत्तर प्रदेश जल्द ही टीबी मुक्त हो।
डॉ. एके त्रिपाठी, पूर्व डाॅयरेक्टर, डॉ. आरएमएल मेडिकल साइंसेज एवं पूर्व डीन केजीएमयू

अनुभव और प्रशासनिक दक्षता के जरिये टीबी पर करेंगे वार

निक्षय मित्र की जिम्मेदारी मेरे लिए केवल प्रशासनिक कर्तव्य नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति नैतिक दायित्व भी है। टीबी (मुख्यतः वंचित और कमजोर वर्गों को प्रभावित करती है) मिटाने के प्रति जागरूकता फैलाना और इसे जड़ से खत्म करने के लिए काम करना हमारा प्राथमिकता है। यह हर अधिकारी के लिए बड़ी चुनौती और अवसर है। मैं अपने अनुभव और प्रशासनिक दक्षता के जरिये इसे खत्म करने के लिए अपना भरसक प्रयास करुंगा।
रवीश मिश्रा, पूर्व आईएएस

”टीबी हारेगा, देश जीतेगा” संदेश को जन-जन तक पहुंचाएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ”टीबी हारेगा, देश जीतेगा” जैसे संदेश को पूरा करने के लिए जन-जन तक जागरूकता अभियान के लिए कार्य करूंगा। इस अभियान के जरिये खासतौर पर ग्रामीण और शहरी गरीब इलाकों में टीबी की रोकथाम, निदान और इलाज के महत्व के बारे में लोगों को जानकारी देंगे। स्कूलों, कॉलेजों, सामुदायिक केंद्रों में कार्यशालाएं और जागरूकता सत्र आयोजित कर टीबी के खात्मे के लिए अपनी अहम भूमिका निभाऊंगा।
डॉ. अरविंद दीक्षित, पूर्व कुलपति डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि, आगरा

डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से टीबी मुक्त बनाएंगे उत्तर प्रदेश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए मरीजों की निगरानी, दवाओं के वितरण और इलाज की प्रगति को ट्रैक करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को प्रभावी रूप से लागू करुंगा। इसके जरिये निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को मिलने वाली आर्थिक सहायता को सही तरीके से वितरित करने के लिए पारदर्शी तंत्र पर फोकस करुंगा, जिससे कोई भी मरीज इससे अछूता न रहे।
राजेंद्र पाल सिंह, पूर्व आईपीएस

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