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देश और दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सज और संवर चुका है प्रयागराज

महाकुम्भ के दौरान रेलवे स्टेशनों पर खानपान सामग्री में नजर आएगी स्वच्छता .प्रयागराज मण्डल ने सभी कैटरिंग स्टाल धारकों को निर्धारित शुल्क पर बिक्री का दिया निर्देश.सभी स्टॉल्स पर सामान सुव्यवस्थित ढंग से रखने, कर्मचारियों को उचित ड्रेस और नेम प्लेट लगाने का भी निर्देश .कैटरिंग स्टॉल्स पर बैठे कर्मचारियों को श्रद्धालुओं के साथ करना होगा विनम्र व्यवहार .

  • 200 सड़कों का हुआ निर्माण और विकास, 3 लाख से अधिक पौधरोपण
  • नई, चौड़ी और चमचमाती सड़कें श्रद्धालुओं के अनुभव को बनाएंगी यादगार
  • नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और पीडीए ने मिलकर प्रयागराज की सड़कों का किया कायाकल्प

महाकुम्भ नगर । कभी संकरी और खस्ताहाल सड़कों के लिए पहचाने जाने वाले प्रयागराज का आज कायाकल्प हो चुका है। पहले कुम्भ 2019 और अब महाकुम्भ 2025 को देखते हुए योगी सरकार ने यहां की सूरत ही बदल दी है। 2019 कुम्भ के दृष्टिगत जो विकास कार्य हुए, उसे 2025 महाकुम्भ में और विस्तार देते हुए स्थाई कार्यों पर जोर दिया गया है। सनातन आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुम्भ के लिए बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया गया है। आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी तरह की परेशानी न हो, इसको देखते हुए इस बार 200 सड़कों का निर्माण और विकास किया गया है। इन सड़कों को 3 लाख पौधों और एक लाख हॉर्टीकल्चर सैंपलिंग से सजाया गया है। कुल मिलाकर महाकुम्भ के दौरान जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आएंगे तो यहां की सड़कों और उनके सौंदर्यीकरण की मनमोहक छवि के साथ यादगार अनुभव लेकर वापस जाएंगे।

तीन विभागों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

प्रयागराज में महाकुम्भ के महाआयोजन को देखते हुए कुल 200 ऐसी सड़कें हैं, जिनका उन्नयन किया गया है। इसमें नई सड़कों का भी निर्माण हुआ है, जबकि सड़कों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण भी किया गया है। सड़कों के निर्माण और विकास में तीनों विभागों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसमें सबसे ज्यादा काम प्रयागराज नगर निगम की ओर से किया गया है, जिसने कुल 78 सड़कों का नव निर्माण, चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण करने में सफलता प्राप्त की है। इसके बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 74 और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने कुल 48 सड़कों का विकास किया है। इसके साथ ही सड़कों का सौंदर्यीकरण भी किया गया है। खासतौर पर विभिन्न तरह के पौधों को यहां सजाया गया है, जबकि हॉर्टीकल्चर सैंपलिंग्स भी की गई हैं। इन 200 सड़कों पर कुल मिलाकर 3 लाख पौधों को रोपित किया गया है, जबकि एक लाख हॉर्टीकल्चर सैंपलिंग्स को प्लांट किया गया है। इन्हीं सड़कों के माध्यम से श्रद्धालुओं का संगम तक आवागमन सुगम हो सकेगा और उन्हें दिव्य आनंद की अनुभूति प्राप्त होगी।

कई चुनौतियों का भी करना पड़ा सामना

इन सड़कों का निर्माण तीनों विभागों के लिए कतई आसान नहीं रहा है। इसके लिए इन्हें कई तरह की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। उदाहरण के तौर पर निर्माण के दौरान कई ऐसे स्थल थे, जहां पर एंक्रोचमेंट था जिन्हें हटाया गया है। श्रद्धालुओं के साथ ही प्रयागराज वासियों की सुविधा के लिए निर्मित इन सड़कों के विकास के लिए कुल मिलाकर 4426 एंक्रोचमेंट को ध्वस्त किया गया है। इसी तरह, कई स्थलों पर निर्माण को लेकर कोर्ट केस का भी सामना करना पड़ा है। कुल मिलाकर 82 कोर्ट केसेज को रिजॉल्व किया गया है। वहीं, निर्माण के दौरान 4893 इलेक्ट्रिक पोल्स को भी यहां से शिफ्ट करने में सफलता प्राप्त हुई है। इतना ही नहीं, सड़कों के निर्माण के साथ-साथ 170 किमी. लंबी अंडरग्राउंड केबिलिंग भी की गई है।

महाकुम्भ में पूरे सेवा भाव से अपनी सेवाएं देगा रेलवे प्रशासन

महाकुम्भनगर : सनातन आस्था के सबसे बड़े समागम को सफल बनाने लिए डबल इंजन की सरकार पूरे मनोयोग से जुटी हुई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए योगी सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। रेलवे भी यात्रियों की सुविधाओं को लेकर लगातार अपनी सेवाओं में विस्तार कर रहा है। इसी क्रम में प्रयागराज मण्डल ने सभी कैटरिंग स्टाल लाइसेंस धारकों को खानपान सामग्री में स्वच्छता के साथ निर्धारित शुल्क पर बिक्री करने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त सभी स्टॉल्स पर सामान सुव्यवस्थित ढंग से रखने, कर्मचारियों को उचित ड्रेस और नेम प्लेट लगाने के साथ ही श्रद्धालुओं को विनम्र व्यवहार के लिए कहा गया है।

सेवाभाव के साथ मिलेंगी सर्वोत्तम सेवाएं

प्रयागराज मण्डल के वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक/कोचिंग हिमांशु शुक्ला ने कहा कि महाकुम्भ 2025 में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज में दर्शन एवं स्नान के लिए आ रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या में श्रद्धालु रेल से यात्रा करते हैं। रेलवे के लिए सेवभाव के साथ अपनी सर्वोत्तम सेवाएं प्रस्तुत करने की अहम जिम्मेदारी है और रेलवे इसके लिए पूर्ण रूप से तैयार है। वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक/कोचिंग ने सभी कैटरिंग स्टाल लाइसेंस धारकों को खानपान सामग्री में स्वच्छता के साथ निर्धारित शुल्क पर बिक्री करने के निर्देश दिए हैं।

यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी स्टाल पर समान सुव्यवस्थित ढंग से रखे हों, कर्मचारियों के परिधान उचित हों, नेम प्लेट लगी हो और व्यवहार विनम्र हो। सभी प्रकार के स्टॉल्स एवं यात्री सुविधाओं के नियमित और औचक निरीक्षण भी किए जाएंगे। सभी खानपान सेवा देने वाले लाइसेंस धारकों को अपने बेस किचिन का विवरण तत्काल उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है। वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक ने सभी लाइसेंस धारकों को स्टॉल्स पर विजिटर बुक रखने का निर्देश दिया है और अच्छा कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। जन सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कर्मचारियों और लाइसेंस धारकों के सुझावों को भी आमंत्रित किया गया है।

प्रतिदिन 10 लाख टिकट किए जाएंगे वितरित

वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक/कोचिंग ने कहा कि महाकुम्भ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 13000 से अधिक गाड़ियां चलाई जाएंगी। 10,000 से अधिक नियमित गाड़ियां एवं 3000 से अधिक विशेष गाड़ियों का संचालन किया जाएगा। प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, नैनी, प्रयागराज छिवकी, प्रयाग जंक्शन, फाफामऊ, प्रयागराज रामबाग, प्रयागराज संगम और झूंसी सहित कुल 9 रेलवे स्टेशनों के साथ-साथ मेला क्षेत्र में यूटीएस, एटीवीएम, एमयूटीएस, पूछतांछ और पीआरएस सहित कुल 560 टिकटिंग पॉइंट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इनमें 132 काउंटर प्रयागराज जंक्शन पर बनाए जा रहे हैं।

इन काउंटरों से प्रतिदिन लगभग 10 लाख टिकट वितरित किए जा सकेंगे । रेलवे ने कुम्भ मेल के दृष्टिगत अब अग्रिम रेलवे टिकट 15 दिन पूर्व लेने की सुविधा शुरू कर दी गई है। रेलवे ने 01 नवंबर, 2024 से टोल फ्री नंबर 1800 4199 139 जारी किया है। 01 जनवरी, 2025 से यह चौबीसों घंटे प्रति शिफ्ट चार ऑपरेटरों द्वारा संचालित किया जा रहा है और मेला अवधि के दौरान उड़िया, तमिल / तेलगु, मराठी और बांग्ला जैसी भाषाओं में जानकारी उपलब्ध कराएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए बहुभाषी उदघोषणा प्रणाली शुरू की जा रही है। बहुभाषी उदघोषणा प्रणाली के माध्यम से महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं को यात्रा संबंधित जानकारियां 12 भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, तामिल, कन्नड़, तेलुगू, मलयालम, बांग्ला, उड़िया, पंजाबी एवं असमिया) में उद्घोषित की जाएंगी।

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