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बाबा विश्वनाथ के दर्शन से जन्म हुआ धन्य : देउबा

नेपाल के प्रधानमंत्री ने कालभैरव और नेपाली मंदिर में भी लगाई हाजिरी

वाराणसी । नेपाल के प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा ने काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद कहा कि दर्शन पाकर वे इस जन्म में धन्य हो गए। वाराणसी में शानदार आतिथ्य से अभिभूत देउबा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। एक दिवसीय दौरे पर पत्नी और 40 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ रविवार को वाराणसी पहुंचे देउबा ने सबसे पहले काशी के कोतवाल कालभैरव के दरबार में हाजिरी लगाई। वाराणसी दौरे में देउबा के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे समय मौजूद रहे।

देउबा ने आदित्यनाथ के साथ लगभग 45 मिनट तक नदेसर स्थित होटल में बैठक भी की। मुख्यमंत्री ने दोनों देशों के रिश्तों में नई ताजगी और मिठास भरी। आपसी संबंधों को विस्तार देने पर विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच अब आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने की जरूरत है। इससे दोनों देशों की बुनियाद मजबूत होगी। व्यापार, रोजगार के क्षेत्र में हमें बहुत काम करने की जरूरत है। भारत सदैव नेपाल को अपना मानता है। नेपाल के लोग भारत से सदैव जुड़ कर रहना चाहते हैं। नेपाल से लोग भारत आते हैं तो यहां के लोग भी नेपाल जाते हैं। वजह धार्मिक प्रगाढ़ता है। बैठक के दौरान वाराणसी के प्रशासिनक अधिकारियों ने भी नेपाल के अधिकारियों संग बातचीत की। बैठक समाप्त होने के बाद विजिटर बुक में नेपाल के प्रधानमंत्री ने अपना संदेश भी दर्ज किया।

इसके पहले प्रधानमंत्री देउबा, पत्नी आरजू राणा देउबा सहित 40 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ एयर इंडिया के विशेष विमान से बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरे। एयरपोर्ट पर मौजूद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। इस दौरान वाराणसी की महापौर मृदुला जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक अवधेश सिंह भी मौजूद रहे। एयरपोर्ट से देउबा का काफिला मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के साथ कड़ी सुरक्षा के बीच आगे बढ़ा तो शहर में कुल 15 जगहों पर उनके सम्मान और स्वागत के लिए लोकनृत्य एवं संगीत का कार्यक्रम शुरू हो गया। जगह-जगह लोग भारत और नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए मेहमान प्रधानमंत्री के प्रति आदर भाव दिखाते हुए उन पर पुष्पवर्षा करते रहे।

शहर में आने के बाद प्रधानमंत्री ने सबसे पहले काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के दरबार में दर्शन पूजन किया। मंदिर में पुष्पवर्षा और शहनाई के मंगलध्वनि के बीच प्रधानमंत्री ने कालभैरव का दर्शन पूजन किया। देउबा पर लोगों के साथ स्कूली छात्राओं ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ पुष्पवर्षा किया। कालभैरव मंदिर से लौटते समय भी यही नजारा रहा। काशी कोतवाल के दर्शन पूजन के बाद प्रधानमंत्री देउबा मुख्यमंत्री योगी के साथ बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहुंचे। मंदिर में देउबा मुख्य द्वार से होते हुए परिसर के उत्तरी प्रवेश द्वार पर गए। सबसे पहले गर्भ गृह में जाकर बाबा विश्वनाथ का षोडशोपचार पूजन किया। प्रधानमंत्री के आगमन पर काशी विश्वनाथ मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया था, जहां वैदिक मंत्रोच्चार और डमरू वादन कर उनका स्वागत हुआ।

दर्शन पूजन करने के बाद मुख्यमंत्री ने अंगवस्त्रम रुद्राक्ष की माला, प्रसाद के साथ स्मृति चिह्न के रूप में काशी विश्वनाथ की एक रेप्लिका भेंट की। इसके बाद देउबा काशी विश्वनाथ धाम के नव्य और भव्य विस्तारित स्वरूप का अवलोकन करते रहे। बाबा के भव्य दरबार को देख गदगद प्रधानमंत्री देउबा ललिता घाट स्थित पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने पशुपतिनाथ मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री ने पशुपतिनाथ मंदिर में बनने वाले वृद्धाश्रम का भूमि पूजन किया। पशुपतिनाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से अध्यक्ष स्वामी ओंकारानंद, सचिव गोपाल अधिकारी और मैनेजर रोहित कुमार ने अंगवस्त्रम और प्रसाद भेंट किया।

नेपाल के वृद्ध महिलाओं और विद्यार्थियों से की मुलाकात

प्रधानमंत्री देउबा ने नेपाली मंदिर के वृद्ध आश्रम में रह रही महिलाओं और विद्यार्थियों से कुशल क्षेम पूछा और मंदिर में सरकार की ओर से सुविधाओं को बढ़ाने का आश्वासन दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री काशी विश्वनाथ धाम होते हुए नदेसर स्थित होटल पहुंचे। होटल में देउबा और उनके साथ आये शिष्टमंडल ने दोपहर का भोजन किया। मुख्यमंत्री योगी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री और वाराणसी की जनता से मिले प्यार और सम्मान से अभिभूत नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा कि काशीवासियों को प्रणाम करना चाहता हूं।

उन्होंने कहा कि वाराणसी की जनता जनार्दन ने जिस तरह से स्वागत किया वह अद्भुत और अनुकरणीय है। उन्होंने काशी की संस्कृति, परंपरा, गंगाघाट, कला और संस्कृति की मुक्तकंठ से सराहना की। देउबा के सम्मान में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ पूरे समय तक उनके साथ रहे। सुबह एयरपोर्ट पर अगवानी और स्वागत के बाद शाम को जाते समय भी मुख्यमंत्री एयरपोर्ट पर साथ रहे और मेहमान प्रधानमंत्री को विदा करने के बाद शहर से रवाना हुए। लगभग पांच घंटे के काशी प्रवास के दौरान देउबा की पूरी काशी यात्रा धर्म और आध्यात्म से जुड़ी रही। (हि.स.)

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