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टंडन के निधन पर भाजपा नेताओं ने जताया शोक

नयी दिल्ली । मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर मंगलवार को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने गहरा शोक प्रकट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और इसे पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति बताया। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित पार्टी के तमाम नेताओं ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। टंडन का मंगलवार सुबह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। नड्डा ने कहा कि टंडन के निधन से वह स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा कि टंडन ने अपने जीवन का हर पल देश की सेवा में समर्पित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करें व शोकाकुल परिवार को दुःख सहने की शक्ति दें।’’ शाह ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन जनसेवा को समर्पित किया और एक जनसेवक के रूप में भारतीय राजनीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूं। टंडन जी का पूरा जीवन जनसेवा को समर्पित रहा।’’

उत्तर प्रदेश में भाजपा के संगठन विस्तार में टंडन की भूमिका को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया। शाह ने कहा “उन्होंने उत्तर प्रदेश में संगठन के विस्तार में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक जनसेवक के रूप में लालजी टंडन जी ने भारतीय राजनीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है।” उन्होंने कहा, ‘‘उनका निधन देश और भाजपा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं एवं उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।’’ राजनाथ सिंह ने कहा कि टंडन एक कद्दावर शख्सियत थे और उनके निधन का समाचार बहुत पीड़ादायक है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि उनके साथ उन्हें लम्बे समय तक काम करने का अवसर मिला। उनका लम्बा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा में समर्पित रहा और उन्होंने अपने काम से एक अलग छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘स्वभाव से बेहद मिलनसार टंडनजी कार्यकर्ताओं के बीच भी बेहद लोकप्रिय थे। विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने जो विकास कार्य कराये उसकी सराहना आज भी लखनऊ और उत्तर प्रदेश के लोग करते हैं।’’

टंडन को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का बेहद करीबी माना जाता था। उन्होंने 90 के दशक और उसके बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन के पक्षधर थे। सक्रिय राजनीति को अलविदा कहने से पहले वाजपेयी ने 1991 से 2009 तक लखनऊ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधत्व किया। उनकी पसंद का सम्मान करते हुए भाजपा ने टंडन को लखनऊ से अपना उम्मीदवार बनाया और वे 2009-14 में लखनऊ लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए।

भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी टंडन के निधन पर शोक प्रकट किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने उन्हें ऊंचे कद का प्रभावशाली नेता बताया, जो एक बेहद नेक इंसान भी थे। समर्थकों और शुभचिन्तकों के बीच ‘बाबूजी’ के नाम से लोकप्रिय लालजी टंडन का नाम उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं की सूची में शुमार था। उनका राजनीतिक करियर कई दशक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने राज्य में मंत्री बनने से लेकर कई राज्यों का राज्यपाल बनने तक का सफर तय किया। मौजूदा समय में वह मध्य प्रदेश के राज्यपाल थे।

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