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तुष्टीकरण की जगह हमने संतुष्टीकरण नीति बनाई: मोदी

हमने गरीबों को मजबूत बनाने का काम किया : मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पहले तुष्टीकरण की नीति अपनाकर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया जाता था, लेकिन हमने संतुष्टीकरण की नीति अपनायी जिससे बिना भेदभाव के जिसका जो हक है उसे वह मिल रहा है।श्री मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर दो दिन चली चर्चा का जवाब देते हुए आज कहा कि पिछले दस साल में हर सप्ताह एक नया विश्वविद्यालय बना, हर दो दिन में एक नया काॅलेज खुला है। हम हर योजना के पीछे लगे हैं ताकि शत-प्रतिशत लागू हो ताकि जिसका जो हक है उसे मिले। कुछ लोगों ने माॅडल ही ऐसा बनाया कि कुछ लोगों को दो और तुष्टीकरण करो, लेकिन हमने संतुष्टीकरण की नीति बनाई। इसमें बिना भेदभाव के जिसका जो हक है वह मिल रहा है यही सामाजिक न्याय है और संविधान का सम्मान है।

उन्होंने कहा कि संविधान की भावना है कि सबको बेहतर स्वास्थ्य मिले, स्वास्थ्य को लेकर दुनिया में चर्चा भी हो रही है। कुछ लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में अडंगा डाल रहे। कुछ राजनीतिक दलों ने गरीबों के लिए अस्पताल के दरवाजे बंद कर रखे हैं इसका नुकसान कैंसर के मरीजों को उठाना पड़ रहा है। इस बजट में भी हमने कैंसर की दवाईयों को सस्ता करने का प्रावधान है। दो सौ डे केयर सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया है जिसका मरीज के साथ साथ उनकी देखभाल करने वाले को भी लाभ मिलेगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि विदेश नीति पर न बोलें तो बात पूरी नहीं होती है चाहे देश का नुकसान ही क्यों न हो जाए। अगर कुछ लोगों को विदेश नीति में समझ बनानी है तो उसे ‘जेकेएफ्स फोरगोटन क्राइसिस’ किताब पढ़नी चाहिए। इस किताब में महत्पू्र्ण घटनाओं का जिक्र है। इसमें देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति का बातचीत का विवरण है। जब देश चुनौतियों का सामना कर रहा था, तब विदेशी नीति में क्या खेल चल रहा था इसे पढ़ने के बाद समझ में आयेगा।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद उनका सम्मान न कर सके, लेकिन क्या-क्या कहकर अपमानित किया जा रहा है। आज भारत इस प्रकार की विकृत मानसिकता को छोड़कर ‘महिला लेड विकास’ को लेकर आगे बढ़ रहा है। पिछले दस साल में सेल्फ हेल्प ग्रुप में दस करोड महिलाएं जुडी है जो ग्रामीण महिलाएं। इससे महिलाओं का सामाजिक स्तर ऊंचा हुआ है। इसका ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। हमारी तीसरी बार सरकार बनने के बाद 50 लाख से ज्यादा लखपति दीदी की जानकारी पहुंची है। अब तक सवा करोड़ लखपति दीदी बनी है और हमारा तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है।

श्री मोदी ने कहा कि नमो ड्रोन दीदी योजना से लाखों रुपये महिलाएं कमा रही है। चार करोड़ गरीबों को जो घर मिला है उसमें 75 प्रतिशत घर की मालकिन महिला है। ग्रामीण अर्थव्यस्था को सशक्त किये बिना विकसित भारत का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते है इसलिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढाने का काम किया है। खेती के बजट में दस गुणा वृद्धि की गई है। आज जो लोग यहां किसान की बात करते हैं वर्ष 2014 से पहले किसानों को यूरिया मांगने पर लाठी पडती थी। एक जमाना था यूरिया किसानों के नाम पर निकलता था और कहीं चला जाता है। आज सरकार को जो यूरिया का बोरा तीन हजार में पड़ता है उसे किसान को तीन सौ रुपये से भी कम में देते हैं। हमने रिकार्ड एमएसपी भी बढ़ाया और तीन गुणा अधिक खरीदी की है। सिंचाई के लिए बीते दशक में अभूतपूर्व कदम उठाये गये है।

उन्होंने कहा कि सौ से अधिक सिचाई योजना जो दशकों से लंबित था उसे पूरा किया गया।उन्होंने कहा कि हम हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हमारी काफी दुनिया के बाजारों में धूम मचा रही है। हमारी हल्दी की भी मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बिहार का मखाना दुनिया में पहुंचने वाला है। विकसित भारत के लिए फ्यूचर रेडी शहर भी बहुत जरूरी है। दिल्ली उत्तर प्रदेश को जोडने वाली नमो मेट्रो रेल जैसी सुविधा सभी शहरों में हो ऐसा मेरा सपना है। भारत का मेट्रो नेटवर्क एक हजार किलोमीटर पार कर गया है।उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए कई काम किये गये है। बारह हजार इलेक्ट्रिक बस हमने देश में दौडाना शुरु किया और दिल्ली को भी दिया है। गिग कामगारों के हितों को भी ध्यान में रखते हुए उसे ईश्रम से जोड़ा जा रहा है उसे उसे आयुष्मान योजना का लाभ भी मिलेगा। देश में करीब एक करोड गिग वर्कर है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) बड़ा योगदान दे रहा है। एमएसएमई क्षेत्र में सुधार के लिए कई पहलुओं पर काम शुरु किया गया। कोविड के संकट काल में एमएसएमई क्षेत्र को विशेष बल दिया। बिना किसी गारंटी के हजारों उद्योगों को लोन दिया गया। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां बनाई जिससे आज खिलौने भारत से निर्यात किए जा रहे है जबकि 2014 से पहले खिलौने आयात किये जाते थे। विकसित भारत के सपने के साथ देश आगे बढ़ रहा है। यह सपना 140 करोड देशवासियों का है। देश के आजादी के जब सौ साल पूरे होंगे तो देश विकसित भारत बनकर रहेगा। देश की आवश्यकता के अनुसार आधुनिक भारत विकसित भारत बनाने के लिए वर्षों तक जुटे रहेंगे। सभी दलों से आग्रह करते हुए कहा कि देश से बडा कुछ नहीं है हम सब मिलकर विकसित भारत बनायें।

हमने गरीबों को मजबूत बनाने का काम किया : मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वह गरीबी को जानते हैं और गरीब का दर्द समझते हैं, इसलिए उनकी सरकार ने गरीबी की समस्या के समाधान की कई योजनाएं बनाई हैं और गरीबों को फायदा पहुंचाने का काम पारदर्शी तरीके से किया है।श्री मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर दो दिन चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार न सिर्फ गरीबों के हित के लिए काम कर रही है बल्कि पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक पैसे की बचत कर रही है और उस पैसे का इस्तेमाल विकास के काम में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गरीबों की समस्या के समाधान के लिए स्वास्थ्य कार्ड, शौचालय, हर में नल से जल, मृदा स्वास्थ्य कार्ड से न केवल गरीब लोगों के जीवन आसान हुआ है बल्कि उन्हें हजारों करोड़ रुपए की बचत हो रही है। डिजीटली प्रौद्योगिकी के जरिए कल्याणकारी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थिेयों के खाते में डालकर लोगों को उसका पूरा लाभ मिला है साथ ही करोड़ों की संख्या में फर्जी लाभार्थियों की छंटाई हुई है।

श्री मोदी ने कहा कि पहले गांव में महिलाएं खुले में शौच जाने के लिए सूर्योदय से उठ जाती थीं और उनकी सरकार ने इन लोगों की समस्याओं को करीबी से समझा है उनके लिए 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय का निर्माण कर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया है। कुछ नेताओं का फोकस घरों पर स्टाइलिस्ट सावर आदि पर होता है, लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने का रहा है। हमारी सरकार ने पांच साल में 12 करोड़ घरों में नल से जल देने का काम किया है और वह काम तेजी से आगे भी बढ रहा है। हमने गरीबों केहितों के लिए काम किया है और यही वजह है कि राष्ट्रपति ने अपने भाषण में इसकी चर्चा की है।उन्होंने नाम लिए बिना विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर हमला किया और कहा कि कुछ लोग गरीब के घरों पर फोटो सेशन करवा कर अपना मनोरंजन करते हैं इसलिए उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगती है। पिछले दस साल में उनकी सरकार का प्रयास समस्या के समाधान का रहा है और इसीलिए वह समर्पित होकर काम भी करते हैं। उनका कहना था कि एक पूर्व प्रधानमंत्री ने देश में भ्रष्टाचार की समस्या को पहचाना इसलिए उन्होंने कहा कि दिल्ली से एक रुपया जाता है तो गांव तक 15 पैसा ही पहुंचता है।

श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए मॉडल तैयार किया और जनता का पैसा जनता के लिए हो, गरीब को सीधे लाभ मिले और जो पैसा केंद्र से गरीब को मिलता है वह सीधे उसके खाते में जाए इसकी डिजिटल व्यवस्था की गई जिसके तहत देश के गरीब के खाते में सीधे लाखों करोड़ रुपए पहुंचे हैं। सरकार ने गरीबों को सीधा लाभ देने के साथ ही फर्जी तरीकों से गरीबों की योजनाओं को खाने वाले को डिजिटलीकरण के जरिए बाहर कर गरीब को उनका हक देने का काम किया है।श्री मोदी ने कहा कि उनके स्वच्छता अभियान का मजाक उड़ाया जाता था, लेकिन आज हालात यह है कि स्वच्छता अभियान के तहत सरकारी दफ्तरों से कबाड़ बेचकर सरकार के खाते में 2300 करोड रुपए आये हैं। यह कमाई उसी स्वच्छता योजना से हुई जिसका पहले कुछ लोग मजाक उड़ाते थे। इसी तरह से एथनाल के जरिए किसान को फायदा हो रहा है और एक लाख करोड रुपए किसानों को एथनॉल से मिले हैं और यह पैसा सीधा किसानों की जेब में गया है। पहले अखबरों की हेडलाइन घोटालों को लेकर आती थी, लेकिन पिछले दस साल में कोई घोटाला नहीं हुआ और यह पैसा बचा है और इसका इस्तेमाल देश की जनता के हित में हुआ है। उनकी सरकार के पास पैसा आया लेकिन उसका इस्तेमाल शीश महल बनाने नहीं बल्कि देश बनाने के लिए किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विनिर्माण का बजट 11 लाख करोड़ हो गया है जो 2014 से पहले दो लाख करोड़ से भी कम होता था। उनकी सरकार ने विकास की मजबूत नींव रखी है और सरकारी खजाने में जबरदस्त इजाफा भी हुआ है। सरकार ने ऐसी योजनाएं तैयार की जिसका लाभ जनता को मिले। आयुष्मान योजना के तहत जनता के एक लाख 20 करोड़ रुपए बचे हैं। जन औषधि के कारण गरीब के करीब 10 हजार करोड़ रुपए बचे हैं। नल से जल को लेकर उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वच्छ जल के कारण औसत परिवार का 40 रुपए जल से होने वाली बीमारी से बचा है। मुफ्त अनाज तथा मुफ्त बिजली योजना से भी गरीब को साल भर में 25 से 30 हजार रुपए की बचत हुई है और अगर ज्यादा बिजली है तो उससे उसको अलग लाभ मिल रहा है। एलईडी बल्ब से बिजली बची, बल्ब सस्ता हुआ और देशवासियों के हजारों रुपए बचे हैं।उन्होंने कहा कि बीते दस साल में आयकर को कम करके मिडिल क्लास का बजट कम करने का काम हुआ है।

वर्ष 2014 से पहले आयकर की ‘बंदूक की गोलियों’ से देशवासियों का जीवन छलनी किया गया, लेकिन उनकी सरकार ने धीरे-धीरे जनता के घाव भरे। वर्ष 2013-14 में आयकर छूट दो लाख थी जो आज बढ़कर 12 लाख रुपए हो गई है। वेतनभागी वर्ग को पहली अप्रैल से छूट के बाद 13.75 लाख रुपए तक की आय पर आयकर नहीं देना पड़ेगा।श्री मोदी ने कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मणन के एक कार्टून का जिक्र किया और कहा कि वह आज सटीक साबित हो रहा है। उन्होंने ठेले पर हवाई जहाज रखने का एक कार्टून बनाया था जो आज सही साबित हो रहा है। इसका मतलब था कि तबके प्रधानमंत्री सिर्फ हवाई बातें करते थे और जमीन से कटे हुए थे और 21वीं सदी की बात करते थे, लेकिन 20वीं सदी की जरूरत को ही पूरा नहीं कर पा रहे थे , उस पर यह कटाक्ष था।(वार्ता)

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