National

भगवान बिरसा मुंडा हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा के संवाहक: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा को देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा का संवाहक बताते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा और करोड़ों जनजातीय वीरों के सपनों को साकार करने के लिए देश आजादी के ‘पंच प्रणों’ की ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा- “जनजातीय गौरव दिवस के माध्यम से देश की आदिवासी विरासत पर गर्व व्यक्त करना और आदिवासी समुदाय के विकास का संकल्प उसी ऊर्जा का हिस्सा है।”

प्रधानमंत्री जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर एक वीडियो संदेश के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा आज पूरा देश भगवान बिरसा मुंडा की जयंती श्रद्धा और सम्मान के साथ मना रहा है। मैं देश के महान क्रांतिकारी सपूत भगवान बिरसा मुंडा को सादर नमन करता हूं।

उन्होंने कहा कि 15 नवंबर की ये तारीख, भारत की आदिवासी परंपरा के गौरवगान का दिन है। मैं इसे अपनी सरकार का सौभाग्य मानता हूं कि उसे 15 नवंबर (बिरसा मुंडा की जयंती) को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित करने का अवसर मिला। भगवान बिरसा मुंडा न केवल हमारी राजनीतिक आजादी के महानायक थे, बल्कि वे हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा के संवाहक भी थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज आजादी के पंच प्रणों के साथ भगवान बिरसा मुंडा सहित करोड़ों जनजातीय वीरों के सपनों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। जनजातीय गौरव दिवस के जरिए देश की जनजातीय विरासत पर गर्व और आदिवासी समाज के विकास का संकल्प इसी ऊर्जा का हिस्सा है।

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदाय के योगदान को याद किया और प्रमुख आदिवासी आंदोलनों और स्वतंत्रता के लिए युद्धों को याद किया। उन्होंने तिलक मांझी के नेतृत्व में दामिन संग्राम, बुद्ध भगत के नेतृत्व में लरका आंदोलन, सिद्धू-कान्हू क्रांति, वेगड़ा भील आंदोलन, नायकड़ा आंदोलन, संत जोरिया परमेश्वर और रूप सिंह नायक, लिम्दी दाहोद युद्ध, मानगढ़ के गोविंद गुरु जी और अल्लूरी सीताराम राजू के के नेतृत्व में चलाए गए रम्पा आंदोलन को याद किया।

प्रधानमंत्री ने तिलका मांझी सहित तमाम जनजातीय क्रांतिकारियों द्वारा चलाये गये आंदोलनों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के जनजातीय समाज ने अंग्रेजों, विदेशी शासकों और ताकतों को अपना सामर्थ्य दिखा दिया था।

उन्होंने कहा कि पिछले आठ सालों में जनजातीय समाज को देश की प्रत्येक योजना और प्रयास की प्रेरणा रहे हैं। इसमें उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में आदिवासी संग्रहालयों और जन धन, गोवर्धन, वन धन, स्वयं सहायता समूह, स्वच्छ भारत, पीएम आवास योजना, मातृत्व वंदना योजना, ग्रामीण सड़क योजना, मोबाइल कनेक्टिविटी, एकलव्य स्कूल, एमएसपी जैसी योजनाओं का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने आदिवासी समाज की वीरता, सामुदायिक जीवन और समावेश पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत को इस भव्य विरासत से सीखकर अपने भविष्य को आकार देना है। मुझे विश्वास है कि जनजातीय गौरव दिवस इसके लिए एक अवसर और माध्यम बनेगा।(हि.स.)

VARANASI TRAVEL
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: