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अयोध्या दीपोत्सव: सरयू तट पर होगा विश्व की सबसे भव्य आरती, योगी सरकार रचाएगी नया इतिहास

अयोध्या दीपोत्सव 2025 इस बार इतिहास रचने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरयू तट पर होने वाली मां सरयू की भव्य आरती “भक्ति, संस्कृति और सामाजिक समरसता” का अद्भुत संगम बनेगी। पिछले वर्ष 1151 लोगों द्वारा विश्व रिकॉर्ड बनने के बाद, इस बार 2000 से अधिक श्रद्धालु आरती में भाग लेंगे। आयोजन स्थल को 11 जोन में विभाजित किया गया है। दीपदान, वेदपाठ और आरती का पूर्वाभ्यास पूरा हो चुका है। योगी सरकार की प्रेरणा से अयोध्या जब 21 सौ दीपों से जगमगाएगी, तो विश्व को “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का संदेश मिलेगा।

  • 21 सौ दीपों की आभा में नहाएगी अयोध्या, 11 जोन में विभाजित आरती स्थल पर 2000 से अधिक श्रद्धालु करेंगे सामूहिक आराधना

अयोध्या । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस बार का दीपोत्सव 2025 अयोध्या को नई ऐतिहासिक ऊंचाइयों पर ले जाने जा रहा है। प्रभु श्रीराम की नगरी न केवल लाखों दीपों से जगमगाएगी, बल्कि इस बार सरयू तट पर मां सरयू की भव्य आरती भी इतिहास रचने जा रही है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं की संयुक्त पहल से यह आयोजन “भक्ति, संस्कृति और सामाजिक समरसता” का अद्भुत संगम बनेगा।

पिछली बार बना था विश्व रिकॉर्ड

गौरतलब है कि पिछली बार 1151 लोगों ने सामूहिक रूप से सरयू की आरती कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया था। इस बार यह आयोजन उससे भी दोगुने स्तर पर किया जा रहा है, जो अयोध्या की आध्यात्मिक शक्ति और सामूहिक भक्ति का नया अध्याय लिखेगा।

वशिष्ठ फाउंडेशन दे रहा आयोजन को अंतिम रूप

इस आरती का आयोजन जिला प्रशासन और नगर निगम के सहयोग से किया जा रहा है। आयोजन 19 अक्टूबर की शाम 5:00 बजे होगा। मिली जानकारी के अनुसार ने आरती स्थल को 11 जोन में विभाजित किया गया है। नयाघाट से लेकर लक्ष्मण घाट तक विस्तारित इस स्थल के प्रत्येक जोन में 200 प्रतिभागियों के खड़े होकर आरती करने की व्यवस्था की गई है।

महापौर और प्रशासन जुटे भव्यता बढ़ाने में

महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने आयोजन को भव्य और व्यवस्थित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन अयोध्या की परंपरा और योगी सरकार की भावनाओं के अनुरूप होगा, जिसमें हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

दीपदान और पूर्वाभ्यास से सजी सरयू तट की तैयारियां

आयोजन से एक दिन पहले, 17 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे दीपदान कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसके साथ ही आरती का पूर्वाभ्यास भी कराया गया ताकि प्रतिभागियों की पंक्तियाँ, वेदपाठ और दीप प्रज्ज्वलन का समन्वय सटीक और आकर्षक बने।

योगी सरकार की प्रेरणा से नया इतिहास रचने को तैयार अयोध्या

हर ओर भक्ति और उत्साह का वातावरण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से यह आरती कार्यक्रम न केवल एक धार्मिक आयोजन बनेगा, बल्कि “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना का भी जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करेगा। अयोध्या की पावन सरयू जब 21 सौ दीपों की आभा से झिलमिलाएगी, तो वह दृश्य अध्यात्म, एकता और मातृशक्ति के संगम का प्रतीक बनकर पूरे विश्व को अयोध्या की दिव्यता का संदेश देगा।

60 फीसदी से अधिक दीप बिछाने का लक्ष्य पूरा, शेष घाटों पर तेजी से हो रहा काम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार अयोध्या के नवां दीपोत्सव 2025 को अब तक का सबसे भव्य, दिव्य और ऐतिहासिक बनाने में जुटी है। प्रभु श्रीराम की नगरी में दीपों की आभा से जगमगाने वाले इस महाउत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या इस प्रान्तीयकृत दीपोत्सव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह के निर्देशन में विश्वविद्यालय के शिक्षकों और हजारों स्वयंसेवकों की टीम ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी दीपोत्सव स्थल पर सेवा और समर्पण की नई मिसाल कायम की।

रिजर्व बसों से वॉलिंटियर्स हुए रवाना

सुबह 10 बजे से विश्वविद्यालय परिसर से रिजर्व बसों में स्वयंसेवकों को राम की पैड़ी के लिए रवाना किया गया। यातायात संयोजक प्रो. अनूप कुमार ने बताया कि प्रातः काल से ही बड़ी संख्या में वॉलिंटियर्स उपस्थित हुए, जिनके उत्साह और ऊर्जा से पूरा परिसर गूंज उठा। सभी स्वयंसेवकों को निर्धारित समूहों में बांटकर दीपोत्सव स्थल तक भेजा गया ताकि घाटों पर दीप बिछाने का कार्य सुव्यवस्थित ढंग से हो सके।

कुलपति ने किया सभी घाटों का निरीक्षण

कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह ने दीपोत्सव स्थल पर पहुंचकर विभिन्न टीमों के साथ सभी घाटों का सघन निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि “दीपोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि प्रभु श्रीराम की मर्यादा और आदर्शों का लोक उत्सव है। इसे रामकाज समझकर हर स्वयंसेवक पूरे मनोयोग से योगदान दे रहा है।”

60 फीसदी से अधिक दीप बिछाने का कार्य पूर्ण

विश्वविद्यालय की टीम ने बताया कि इस समय 60 फीसदी से अधिक दीप बिछाए जा चुके हैं, जबकि कई घाटों ने आज ही अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा कर लिया। सभी 56 घाटों पर घाट प्रभारी और समन्वयकों की देखरेख में दीप सजाने का कार्य तेज गति से चल रहा है।

संकल्प के साथ जुटे शिक्षक और स्वयंसेवक

इस भव्य तैयारी के दौरान विश्वविद्यालय के कई वरिष्ठ शिक्षक और अधिकारी भी मौजूद रहे, सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और स्वयंसेवक शामिल रहे।

योगी सरकार की मंशा के अनुरूप जगमगाएगी अयोध्या

हर ओर दीपों की रचना, आस्था की गूंज और ‘जय श्रीराम’ के उद्घोषों के बीच यह दृश्य स्पष्ट कर रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप अयोध्या दीपोत्सव 2025 एक ऐसे अध्याय को जन्म देने जा रहा है, जो आने वाले वर्षों तक याद रखा जाएगा।

हर दीप में आस्था, हर रोशनी में जिम्मेदारी,अयोध्या बनेगी स्वच्छ उत्सवों की मिसाल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में अयोध्या दीपोत्सव 2025 इस बार केवल आस्था और भव्यता का नहीं, बल्कि पर्यावरण-संवेदनशील नवाचार का भी प्रतीक बनने जा रहा है। सरयू तट पर जब असंख्य दीपक जलेंगे और आकाश में आतिशबाज़ी का दिव्य दृश्य खिलेगा, तब हवा में धुआँ नहीं हरियाली की चमक और स्वच्छ प्रकाश फैलेगा। इस बार का दीपोत्सव पूरी तरह ग्रीन पटाखों और प्रदूषण-मुक्त तकनीकों पर आधारित होगा, जिससे अयोध्या में रोशनी का यह महासमागम प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का भी संदेश देगा।

सरयू के आकाश में खिलेगा ग्रीन सूर्य बिना धुएँ की चमक, बिना शोर की थरथराहट

दीपोत्सव 2025 का सबसे बड़ा आकर्षण होगा आकाशीय ग्रीन सूर्य एक ऐसा आतिशबाज़ी प्रदर्शन जिसमें न तो जहरीला धुआँ होगा, न कानों को चुभने वाला शोर। यह सूर्य पर्यावरण अनुकूल रासायनिक संयोजन से तैयार की गई ग्रीन आतिशबाज़ियों से निर्मित होगा, जो आकाश में सुनहरी और हरी रोशनी के संगम से एक दिव्य दृश्य रचेगा। हर रंग की लहर सरयू के ऊपर ऐसे बहेगी, जैसे जलती हुई आस्था हर दिशा में प्रकाश फैला रही हो। इस नज़ारे का प्रतिबिंब जब सरयू के शांत जल पर पड़ेगा, तो ऐसा लगेगा मानो प्रकृति स्वयं श्रीराम के स्वागत में झूम रही हो।

ग्रीन पटाखों की तकनीक, विज्ञान और भक्ति का सुंदर मेल

पर्यावरण विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के सहयोग से इस बार दीपोत्सव की सभी आतिशबाज़ियाँ “ग्रीन टेक्नोलॉजी” से तैयार की जा रही हैं। इनमें बैरेटियम नाइट्रेट, एल्युमिनियम और स्ट्रोंशियम जैसे रासायनिक तत्वों की जगह पर कम-कार्बन और कम-धुआँ उत्पन्न करने वाले यौगिक उपयोग किए जा रहे हैं। इन आतिशबाज़ियों से न तो वायु में कार्बन का स्तर बढ़ेगा और न ही नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें फैलेंगी। साथ ही, यह तकनीक ध्वनि प्रदूषण को भी 40% तक कम करेगी। इस पहल से दीपोत्सव का हर विस्फोट न केवल प्रकाश फैलाएगा बल्कि स्वच्छ पर्यावरण का संदेश भी देगा।

सीएम योगी का संकल्प भव्यता भी, स्वच्छता भी’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दीपोत्सव 2025 का हर आयोजन पर्यावरण संतुलन के अनुरूप हो।
उन्होंने कहा अयोध्या की रोशनी विश्वभर में शांति, स्वच्छता और आस्था का संदेश फैलाए। यह दीपोत्सव न केवल दीयों का, बल्कि प्रकृति और परंपरा के संगम का प्रतीक बने।उनके इस संकल्प के अनुरूप, जिला प्रशासन, अवध विश्वविद्यालय और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने संयुक्त रूप से सुनिश्चित किया है कि आयोजन स्थल से लेकर सरयू घाट तक शून्य-कार्बन उत्सर्जन ज़ोन तैयार किया जाए।

अग्नि, प्रकाश और हरियाली का त्रिवेणी संगम

इस बार दीपोत्सव के मंच पर जो आतिशबाज़ी और लेज़र शो होगा, वह भी सौर ऊर्जा और डिजिटल सिंकिंग सिस्टम से संचालित किया जाएगा। प्रकाश, ध्वनि और संगीत की हर लहर सौर ऊर्जा से संचारित होगी जहाँ भक्ति की धुनें, विज्ञान की तकनीक और प्रकृति की हरियाली एक साथ थिरकेंगी। यह होगा दीपोत्सव का नया अध्याय जहाँ “अग्नि” का अर्थ विनाश नहीं, बल्कि सृजन होगा। जहाँ “प्रकाश” का अर्थ धुएँ की नहीं, स्वच्छता की चमक होगी।

हर दीप बनेगा इको-दीप श्रद्धा के साथ जिम्मेदारी का संदेश

दीपोत्सव 2025 में जलने वाले लाखों दीये भी मिट्टी और गोबर मिश्रण से तैयार किए जा रहे हैं। ये बायोडिग्रेडेबल दीये जलने के बाद मिट्टी में घुलकर पर्यावरण को पोषण देंगे। साथ ही, इनके तेल के लिए स्थानीय स्तर पर तैयार किया गया और सरसों का तेल उपयोग में लाया जाएगा। इससे अयोध्या की स्थानीय कुम्हार और ग्रामीण महिलाएँ भी आर्थिक रूप से सशक्त होंगी। एक्सिस कम्युनिकेशंस के वाइस प्रेसिडेंट संजय प्रताप सिंह का कहना है। दीपोत्सव का यह रूप वास्तव में ‘नए भारत की नई अयोध्या’ का प्रतीक है। यहाँ हर रोशनी में श्रद्धा है, हर आतिशबाज़ी में विज्ञान है, और हर दीप में पर्यावरण की चेतना हैं। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाएगा कि भव्यता और स्वच्छता एक साथ संभव हैं।

19 अक्टूबर 2025 जब अयोध्या कहेगी, प्रकाश में भी है पर्यावरण का प्रेम

जब सरयू के ऊपर पहला “ग्रीन सूर्य” खिलेगा और उसका प्रतिबिंब घाटों पर गूँजेगा, तो विश्व एक नई अयोध्या देखेगा जहाँ प्रकाश प्रदूषण रहित होगा, उत्सव प्रकृति संग होगा और हर हृदय में राम का नाम गूँजेगा।

65 फीट ऊंचाई पर प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा

सरयू पुल के ऊपर तीन हाइड्रा तैनात की जाएंगी, जिनके माध्यम से 65 फीट ऊंचाई पर प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। यहां से भी आतिशबाजी होगी। इनमें चकरी, रिवर्स फायरिंग, एरियल, रॉकेट, विसिल क्रैकर तिरंगा और इंद्रधनुष के विभिन्न रूपों का श्रद्धालु आनंद लेंगे।

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