UP Live

अयोध्या दीपोत्सव 2024: कुम्हारों के घरों में छाया उजाला, लाखों दीयों से जगमगाएगा रामनगरी

अयोध्या में दीपोत्सव ने न केवल भगवान राम की नगरी को जगमगा दिया है बल्कि कुम्हार परिवारों की जिंदगी भी रोशन की है। योगी सरकार के प्रयासों से लाखों दीयों के ऑर्डर से ग्रामीण कुम्हार आत्मनिर्भर बन रहे हैं। आधुनिक तकनीक से मिट्टी के दीए बनाने की परंपरा को नया जीवन मिला है। 2024 में 26 लाख से अधिक दीप जलाने की तैयारी है, जिससे रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था दोनों में जबरदस्त उछाल आया है।

योगी सरकार के दीपोत्सव ने बदली कुम्हार परिवारों की किस्मत, आत्मनिर्भरता की बनी मिसाल

अयोध्या : दीपोत्सव शुरू होने के बाद से अयोध्या के कुम्हार परिवारों के घरों में खुशहाली का उजाला फैल गया है। जो युवा कभी काम की तलाश में बाहर जाते थे, वे अब अपनी ही धरती पर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से शुरू हुआ दीपोत्सव न केवल अयोध्या की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है, बल्कि पारंपरिक मिट्टी कला को भी नया जीवन दे रहा है। नौवें दीपोत्सव में इस बार 26 लाख 11 हजार 101 दीयों को जलाने का लक्ष्य रखा गया है। अवध विश्वविद्यालय के छात्र, प्रशासनिक अधिकारी और स्वयंसेवी संगठन इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हैं।

दीयों से जगमगाते घर, कुम्हारों में छाया उत्सव का माहौल

जयसिंहपुर गांव के कुम्हार बृज किशोर प्रजापति बताते हैं – “जबसे दीपोत्सव मनाया जा रहा है, तबसे हमारा परिवार लगातार दीए बना रहा है। इस बार हमें दो लाख दीए बनाने का ऑर्डर मिला है। योगी सरकार ने दीपोत्सव की परंपरा शुरू कर हमें रोजगार से जोड़ा है, अब हम आत्मनिर्भर हैं।”आधुनिक इलेक्ट्रिक चाक के इस्तेमाल से उत्पादन क्षमता बढ़ी है और दीयों की गुणवत्ता में भी सुधार आया है। जयसिंहपुर गांव के लगभग 40 परिवार इस बार दीपोत्सव के लिए मिट्टी के दीए तैयार कर रहे हैं।

कभी हजारों में कमाते थे, अब बन रहे लखपति

2017 से पहले ये कुम्हार परिवार रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करते थे, लेकिन दीपोत्सव ने उनकी जिंदगी बदल दी। पहले जहां महीने में 20-25 हजार की आमदनी होती थी, अब दीपोत्सव के मौसम में ही लाखों रुपये की कमाई हो रही है। सोहावल की पिंकी प्रजापति बताती हैं – “पहले दीपावली के समय दीए सस्ते बिकते थे, अब सरकार के आह्वान से अच्छा रेट मिलता है। इस बार हमें एक लाख दीए बनाने का ऑर्डर मिला है।”

दीपोत्सव ने दी नई पहचान और बड़ा बाजार

योगी सरकार के निर्देश पर दीपोत्सव में मिट्टी के दीयों को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे जयसिंहपुर, विद्याकुण्ड, सोहावल और आसपास के गांवों में रोजगार और बाजार दोनों बढ़े हैं। रामभवन प्रजापति, गुड्डू प्रजापति, राजू प्रजापति, सुनील प्रजापति, संतोष प्रजापति समेत सैकड़ों कुम्हार परिवार मिट्टी गूंथने, आकार देने, सुखाने और बेचने के काम में जुटे हैं।

अर्थव्यवस्था और परंपरा का संगम

अयोध्या का दीपोत्सव अब सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार का महोत्सव बन चुका है। योगी सरकार की पहल ने जहां मिट्टी कला को पुनर्जीवित किया है, वहीं “मेक इन अयोध्या” की भावना को भी बल दिया है।

अयोध्या में दीपोत्सव ने न केवल भगवान राम की नगरी को जगमगा दिया है बल्कि कुम्हार परिवारों की जिंदगी भी रोशन की है। योगी सरकार के प्रयासों से लाखों दीयों के ऑर्डर से ग्रामीण कुम्हार आत्मनिर्भर बन रहे हैं। आधुनिक तकनीक से मिट्टी के दीए बनाने की परंपरा को नया जीवन मिला है। 2024 में 26 लाख से अधिक दीप जलाने की तैयारी है, जिससे रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था दोनों में जबरदस्त उछाल आया है।

वर्ष ————–जले दीप

2017————-1.71 लाख
2018————-3.01 लाख
2019————-4.04 लाख
2020————-6.06 लाख
2021————-9.41 लाख
2022————15.76 लाख
2023————22.23 लाख
2024————25.12 लाख

जिसने भी रंग में भंग डाला सलाखों के पीछे होगाः सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी ने साईं चांडूराम जी को दी श्रद्धांजलि

“नरक चतुर्दशी अभ्यंग स्नान: पूरी प्रक्रिया, महत्व, शुभ मुहूर्त एवं वस्त्र-नियम”

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button