कोविड-19 वैक्सीन के वितरण के अध्ययन के लिए ड्रोन के उपयोग की मिली मंजूरी
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया है। दरअसल मंत्रालय ने 22 अप्रैल को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को ड्रोन द्वारा कोविड-19 वैक्सीन के वितरण की जानकारी के अध्ययन के लिए ड्रोन के उपयोग की अनुमति दे दी है। आईसीएमआर के इस अध्ययन में आईआईटी कानपुर उसकी सहायता करेगा। यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी गई है। अनुमति में दी गई छूट एक वर्ष की अवधि या अगले आदेश तक के लिए मान्य है।
कई अन्य संस्थाओं को भी मिली ड्रोन के प्रयोग की इजाजत
आईसीएमआर के अलावा भी कई संस्थाओं को विभिन्न कार्यों के लिए एक वर्ष की अवधि या अगले आदेश तक के लिए ड्रोन उपयोग करने की छूट दी गई है। ये संस्थाएं हैं –
>जीआईएस आधारित संपत्ति डेटाबेस और इलेक्ट्रॉनिक कर रजिस्टर तैयार करने के लिए देहरादून, हल्द्वानी, हरिद्वार और रुद्रपुर के नगर निगम को।
>पश्चिम मध्य रेलवे, (डब्ल्यूसीआर) कोटा को पत्र जारी करने की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए रेल दुर्घटना स्थल और रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा तथा सुरक्षा बनाए रखने में।
> वेदांता लिमिटेड (केयर्न ऑयल एंड गैस) ने भी 08/04/2022 तक संपत्ति के निरीक्षण और मानचित्रण के लिए डाटा अधिग्रहण के वास्ते सशर्त ड्रोन उपयोग की छूट प्राप्त की है।
शर्त के उल्लंघन के मामले में हो सकती है कार्रवाई
मंत्रालय के अनुसार ये छूट तभी तक मान्य होगी जब तक संबंधित संस्थाओं के लिए बताई गई सभी शर्तों और सीमाओं का कड़ाई से पालन किया जाएगा। किसी भी शर्त के उल्लंघन के मामले में, छूट समाप्त और शून्य हो जाएगी तथा एमओसीए और डीजीसीए द्वारा कार्रवाई शुरू की जा सकती है।