आम बजट 2023-24 : बजट में मिलेट्स को बढ़ावा देने की घोषणा
बजट में किसानों के लिए डिजिटल सार्वजनिक मंच शुरू करने की घोषणा.एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए सहायता
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री सीतारमण ने देश में मिलेट्स (ज्वार, बाजार और मोटे अनाजों) के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए हैदराबाद स्थिति भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान को केन्द्र से मदद बढ़ाने तथा उसे उत्कृष्टता केन्द्र का दर्जा देने की घोषणा की है।श्रीमती सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में 2023-24 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि भारत श्रीअन्न (मिलेट्स) का उत्पादन और निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
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भारत को श्रीअन्न का वैश्विक केन्द्र बनाने के लिए हैदराबाद स्थित भारतीय मिलेट्स अनुसंधान को उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में मदद की जाएगी। ताकि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा कर सके।उल्लेखनीय है कि भारत के प्रयास से संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मनाने की घोषणा की है। मोटे अनाजों को उन्नत भोजन माना गया है क्योंकि उनकी खेती मुख्यत: जैविक ढंग से होती है वे उनमें पौष्टिक तत्व बहुतायत पाये जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिलेट्स वर्ष में मोटे आनाजों की खेती और उपभोग को जनआंदोलन बनाने का आह्वान किया है। भारत में मिलेट्स की श्रेणी में आने वाले मुख्य अनाजों में ज्वार, रागी, बाजारा, कुटकी, कोदो, कुट्टू और चौलाई आदि शामिल हैं। भारत में सालाना 1.7 करोड़ टन मोटे अनाजों का उत्पादन होता है।
बजट में किसानों के लिए डिजिटल सार्वजनिक मंच शुरू करने की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों की सुविधा के लिए डिजिटल सार्वजनिक और इंफ्रास्ट्रक्टर प्लेटफॉर्म शुरू करने की बजट 2023-24 में घोषणा की।श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म ओपन सोर्स पर आधारित होगा और समावेशी होगा। इस पर किसानों के लिए पादप संरक्षण, कृषि सामग्री और परामर्श आदि की सुविधाएं जुटाने में आसानी होगी।वित्त मंत्री कृषि स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एक अलग विशेष कोर्स बनाने की घोषणा की।
एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए सहायता
सरकार अगले तीन वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता देगी।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद वर्ष 2023:24 का बजट पेश करते हुए प्राकृतिक खेती के लिए अगले तीन वर्षों में एक करोड़ किसानों को सहायता देने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) योजना के तहत 500 नए ‘अवशिष्ट से आमदनी’ संयंत्रों को चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया जाएगा। इनमें 200 कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र शामिल होंगे, जिनमें शहरी क्षेत्रों में 75 तथा 300 समुदाय या कलस्टर आधारित संयंत्र हैं जिन पर कुल लागत 10,000 करोड़ रुपये होगी।वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्राकृतिक और बायोगैस का विपणन कर रहे सभी संगठनों के लिए पांच प्रतिशत का सीबीजी अधिदेश यथासमय लाया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘बायो-मास के संग्रहण और जैव-खाद के वितरण के लिए उपयुक्त राजकोषीय सहायता प्रदान की जाएगी।’‘पृथ्वी माता के पुनर्रूद्धार, इसके प्रति जागरुकता, पोषण और सुधार हेतु प्रधानमंत्री कार्यक्रम’ राज्यों को रासायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग तथा इनके स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया जाएगा।(वार्ता)
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