बलिया : जेल में मौत के बाद युवक के पत्नी को नौकरी एवं आर्थिक मदद की परिजनों ने मांगी गारंटी
ठोस आश्वासन मिलने तक पोस्टमार्टम में शामिल होने से परिजनों ने किया इंकार.20 घंटे तक प्रशासन ने किया मान मनव्वल, गांव में तनावपूर्ण स्थिति.
बलिया: मऊ जेल में बलिया जनपद के बेल्थरारोड निवासी युवक द्वारा आत्महत्या किए जाने बाद परिजनों ने शव लेने से किया इंकार कर दिया है। मृतक कैदी मुकेश यादव के गर्भवती पत्नी को नौकरी एवं एक करोड़ रुपए के आर्थिक मदद की मांग पूरी होने की गारंटी मिलने तक परिजन अब युवक के शव के पोस्टमार्टम में शामिल होने को तैयार नहीं है। इसके लिए शनिवार की रात से रविवार की शाम तक करीब 20 घंटे प्रशासनिक अमला परिजनों के मान मननव्वल में लगा है लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई खास सफलता हाथ नहीं लग सकी है। हालांकि परिजनों ने किसी तरह की लिखित मांग भी नहीं किया है। लेकिन मृतक के परिवार के तरफ से गांव में राजनीति तेज हो गई है।
रविवार को एडीएम डीके सिंह, एएसपी अनिल कुमार झा, रसड़ा सीओ फहीम कुरैशी, बेल्ल्थरारोड एसडीएम निशांत उपाध्याय, तहसीलदार संतोष शुक्ला, नायब तहसीलदार दीपक सिंह, उभांव प्रभारी निरीक्षक विपिन सिंह ने बारी बारी से कई राउंड में परिजनों से वार्ता किया लेकिन रविवार की देर शाम तक कोई सफलता नहीं मिल सकी। गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। आपको बता दें कि खैरा गांव निवासी मुकेश यादव विगत फरवरी माह में गांव के ही एक लड़की के साथ फरार हो गया और प्रेम विवाहकर साथ रहने लगे। लेकिन लड़की के भाई शंकर तुरहा के तहरीर के आधार पर पुलिस ने लड़की को नाबालिग बताते हुए पास्को, अपहरण एवं दुष्कर्म की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसके तहत बलिया जेल से उसे 21 अगस्त को मऊ कारागार में शिफ्ट किया गया था। जहां युवक ने शनिवार को शौचालय में गमछे से लटककर फांसी लगा लिया।
इसकी जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने घटना की जानकारी शनिवार शाम में ही परिजनों को दी लेकिन उसके बाद से परिजन शव के पोस्टमार्टम कराने के लिए जाने को तैयार नहीं हुए। वे लगातार युवक को गलत तरीके से फंसाकर जेल भेजने और संदिग्ध हालत में मौत की जांच कराने की मांग के साथ ही परिजनों को आर्थिक सहायता एवं मृतक के पत्नी को नौकरी की मांग की जिद पर अड़े है। हालांकि मृतक मुकेश यादव के पत्नी के उम्र को लेकर शुरु से ही विवाद होता रहा है। अपने सातवीं के शैक्षणिक प्रमाणपत्र के अनुसार वह महज 17 साल की बताई जा रही है। जबकि आधार कार्ड के अनुसार उसकी उम्र 23 वर्ष बताई जा रही है।
जेल की लापरवाही से गई मुकेश यादव की जानः सांसद
सलेमपुर सांसद रमाशंकर राजभर विद्यार्थी ने दूरभाष पर जागरण से वार्ता के दौरान मऊ जेल में बलिया बेल्थरारोड के मुकेश यादव के मौत के लिए जेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और मामले में मजिस्ट्रेटिएल जांच एवं परिजनों को मुआवजा की मांग की। उन्होंने घटना के लिए शासन को भी जिम्मेवार बताया। कहा कि जेल की लापरवाही से मुकेश यादव जान चली गई। इसकी न्यायिक मजिस्ट्रेटियल जांच होनी चाहिए। साथ ही मऊ जेल में रहस्यमय मौत पर अधिकारियों से वार्ता के बाद मऊ जेलर पर कार्यवाही करने और डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने एवं परिजनों के आश्रित को सरकार द्वारा मुआवजा की घोषणा करने की मांग की है।