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धर्मध्वजा को प्रणाम कर पूज्य साधु-संतों के शिविरों में मुख्यमंत्री ने परखे इंतज़ाम

सभी 13 अखाड़ों, दंडीबाड़ा, खाकचौक और योगी महासभा के शिविर में बारी-बारी से पहुंचे योगी, संतगणों का लिया हाल-चाल, कहा, जो भी आवश्यकता हों तत्काल बताएं.महाकुम्भ को प्राप्त है सनातन के ध्वजवाहक 13 अखाड़ों का आशीर्वाद, खाक-चौक परंपरा, दंडीबाड़ा, आचार्यबाड़ा परंपरा तथा तीर्थ पुरोहितों की शुभकामनाएं हैं साथ: मुख्यमंत्री.

  • मुख्यमंत्री का अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश, अखाड़ों/संतगणों की हर अपेक्षा-आवश्यकता का रखें पूरा ध्यान
  • सीएम योगी को अपने बीच पाकर प्रफुल्लित हुए साधु संत, वैदिक मंत्रोच्चार और पुष्प वर्षा से किया स्वागत
  • पुष्पगुच्छ और माला पहनाकर सीएम को आसन पर बिठाया, भगवा अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भी किया भेंट

महाकुम्भनगर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रयागराज महाकुम्भ को सनातन के ध्वजवाहक सभी 13 अखाड़ों का आशीर्वाद प्राप्त है, खाक-चौक परंपरा, दंडीबाड़ा, आचार्यबाड़ा परंपरा तथा तीर्थ पुरोहितों की शुभकामनाएं भी हमारे साथ हैं, ऐसे में यह सुव्यवस्थित आयोजन का एक वैश्विक मानक बनने जा रहा है। उन्होंने कहा है कि महाकुम्भ की दिव्यता और भव्यता पूज्य संतों से ही है। राज्य सरकार और मेला प्रशासन संतगणों की सभी अपेक्षाओं और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। मानव सभ्यता और सनातन संस्कृति के सबसे बड़े वैश्विक सम्मेलन महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को प्रयागराज के दौरे पर थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी स्वयं सनातन संस्कृति के ध्वज वाहक, 13 अखाड़ों के शिविर में पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले धर्म ध्वजा को प्रणाम किया। इसके बाद संतगणों से बातचीत कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।

प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर को अपने बीच पाकर साधु संत प्रफुल्लित नजर आए। उन्होंने सीएम योगी का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पुष्प वर्षा कर स्वागत और अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री खाक चौक शिविर, 13 अखाड़ों के शिविर के साथ ही दंडीबाड़ा के शिविर में साधु संतों से मिलने पहुंचे तो उन्हें पुष्पगुच्छ और माला पहनाकर आसन पर बिठाया गया। इस दौरान बटुक संन्यासियों ने वैदिक मंत्रोच्चारण भी किया। सीएम योगी पूज्य संतों के बीच जाकर भी बैठे और संतों की ओर से उन्हें भगवा अंगवस्त्र भी प्रदान किया गया, जबकि कुछ जगहों पर उन्हें स्मृति चिन्ह और महाकुम्भ का आमंत्रण भी दिया गया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने उनका तिलक किया और प्रसाद भी गृहण कराया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अखाड़ों के ईष्ट देवों की भी अराधना की। साधु संत और श्रद्धालु उनके साथ फोटो खिंचवाने को आतुर दिखे।

महाकुम्भ के सबसे बड़े आकर्षण और धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्यागने वाले नाग, बैरागी, उदासीन और अवधूत संतों से मिल कर मुख्यमंत्री ने उनका कुशल-क्षेम पूछा और व्यवस्थाओं का स्वतः निरीक्षण भी किया। मेला प्राधिकरण की ओर से साधु, संतों उनके अखाड़ो, शिविरों के लिए किये गये इंतजाम का जायजा लिया और अखाड़ों के प्रतिनिधि संतों से बात कर मेला प्रशासन के ओर से की गई व्यवस्थाओं और उनकी संतुष्टि के बारे में पूछा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संतगणों की आवश्यकताओं को शीर्ष वरीयता देते हुए पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने खाक चौक के शिविर में पहुंच कर 05-05 मिनट और सेक्टर-18 में बने दण्ड स्वामियों के दण्डीबाड़ा शिविर का भ्रमण और अवलोकन किया। इसके साथ ही उन्होंने सेक्टर-19 में स्थित अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा शिविर का भी भ्रमण किया। मुख्यमंत्री ने मेला प्राधिकरण के अधिकारियों को साधु-संतों की आवश्यकताओं और महाकुम्भ की परंपरा के निर्वहन में पूरी तरह सहयोग करने के दिशा निर्देश दिए।

इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी, सेक्टर 23 स्थित जजेज कालोनी पहुंचकर व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया। व्यवस्थाओं से संतुष्ट दिखे मुख्यमंत्री ने कहा कि स्नान पर्व की तिथियों को छोड़कर शेष सभी दिनों में गणमान्य जनों के लिए नियत प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने मेला अधिकारी व पुलिस प्रशासन को महाकुम्भ मेले में आने वाले न्यायाधीशों और न्यायमूर्तियों की सुरक्षा व्यवस्था का पूरा इंतजाम करने को भी कहा। उन्होंने जजेज कालोनी में लगे अस्थाई आवस टेंटों और उनके लिए शौचालयों व अन्य आवश्यक सुविधाओं का भी निरीक्षण किया। सेक्टर-23 से जजेज कालोनी के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री का काफिला अरैल घाट पहुंचा। जहां से वो मोटर बोट के द्वारा वीआईपी घाट पर उतर कर अक्षयवट मार्ग से पाण्टून पुल के माध्यम से संगम लोअर मार्ग होते हुए महावीर मार्ग स्थित खाक चौक पहुंचे। यहां से अखाड़ों, दण्डीबाड़ा और आचार्यबाड़ा के शिविरों में गये।

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