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गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक्शन प्लान तैयार

गंगा समिति के द्वारा कराए जा रहे कार्यों का विवरण प्रस्तुत करने का दिया निर्देश

नामामि गंगे योजना के अंतर्गत चयनित 44 गंगा ग्रामों में किसानों द्वारा मेड़ों पर 150 हेक्टेयर में पौधे रोपित किए जायेगे

किसानो को पौधे वन विभाग से नि:शुल्क दिये जायेंगे तथा इसके लिए किसानो को अनुदान भी मिलेगा

वाराणसी, जनवरी | जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बुधवार को कैंप कार्यालय पर जिला पर्यावरण समिति, जिला गंगा समिति, जिला वृक्षारोपण समिति, जिला औषधीय पादप समिति एवं जिला स्तरीय बांस विकास (अभिकरण) की बैठक के दौरान गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने तथा गंगा समिति के द्वारा कराए जा रहे कार्यों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जिसे भारत सरकार को प्रेषित किया जायेगा। गंगा के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए एक दल गंगा अभियान के तहत 21जनवरी को बलिया से रवाना होकर 27 जनवरी को वाराणसी पहुंचेगा। दिनांक 28 जनवरी को वाराणसी में कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जिला गंगा समिति के अन्तर्गत सभी सम्बंधित विभागों द्वारा जो कार्य कराये गये हैं उसका विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। नामामि गंगे योजना के अंतर्गत चयनित 44 गंगा ग्रामों में किसानों द्वारा मेड़ों पर 150 हेक्टेयर में पौधे रोपित किए जाने हैं। किसानो को पौधे वन विभाग से नि:शुल्क दिये जायेंगे तथा इसके लिए किसानो को अनुदान भी दिया जायेगा। इच्छुक कृषक प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर लाभ ले सकते हैं। उन्होंने गत् वर्ष वृक्षारोपण कार्यक्रम में लगाये गये पेड़ों की सुरक्षा की समीक्षा की तथा आगामी वृक्षारोपण की कार्ययोजना बना कर तैयारी के निर्देश दिए। पर्यावरण विभाग द्वारा गत् वर्ष किये गये कार्यों की प्रगति रिपोर्ट अगली बैठक में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। घाटों की सफाई के लिए नगर निगम को अपनी कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया।चिन्हित 44 गंगा ग्रामों में अभियान चला कर सफाई, वृक्षारोपण, तालाबों का संरक्षण, जल संरक्षण,रेन वाटर हार्वेस्टिंग, ओडीएफ, निर्मित शौचालयों का शत-प्रतिशत प्रयोग सुनिश्चित कराना सहित सभी सम्बंधित कार्यों की विस्तृत योजना एक सप्ताह में तैयार करने का निर्देश दिया। उनका कहना था कि सभी विभाग कार्य योजना तैयार कर लेंगे तो फरवरी माह से जून माह तक सभी योजनाओं पर बरसात से पहले कार्य करने हेतु पर्याप्त समय मिलेगा। शहरों की सफाई व्यवस्था की समीक्षा के दौरान जलकल द्वारा गंगा घाटों पर सीवरेज वाटर गंगा में बहाने वालों, होटलों, आवासीय भवनों, पशुओं को नहलाने व कपड़े धोने आदि पर रोक लगाने की कार्रवाई के अन्तर्गत कितने लोगों को नोटिस दी गयी और क्या कार्यवाही की गई सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। गंगा समिति निगरानी रखे कि गंगा में किसी प्रकार प्रदूषण न हो उसका ईको सिस्टम प्रभावित नहीं होना चाहिए। प्रोजेक्ट के कारण गंगा में सालिड या लिक्विड वेस्ट नहीं जाना चाहिए। गंगा प्रदूषण, नगर निगम व जल संस्थान शहर की सीवरेज लाइन की मरम्मत व सफाई, नालियों की सफाई समेत कूड़ा निस्तारण आदि की प्लानिंग के साथ एक सप्ताह बाद अगली बैठक में भाग ले। उन्होंने व्हाट्सएप वाला एक हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाने का निर्देश दिया। जिस पर कम्प्लेन की जा सके। एक रजिस्टर पर कम्प्लेन दर्ज की जाय और दो दिनों में उसका निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। गंगा सेवा समिति के सदस्यों द्वारा गंगा उस पार गंदगी व कूड़ा फैलाये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए सफाई कराये जाने की बात कही।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी महावीर कौजाल्गी, मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी वी0बी0सिंह सहित सभी सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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