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विदेश भेजने के नाम पर ठगी का खुलासा, स्टेट लेवल का कबड्डी प्लेयर गिरफ्तार

नई दिल्ली । इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट थाना पुलिस ने फर्जीवाड़े के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक आरोपित स्टेट लेवल का कबड्डी प्लेयर है, दूसरा मर्चेंट नेवी का एक्स सेलर है और तीसरा सिंगर और डिस्क जॉकी है। इनपर आरोप है कि यह लोगों को ठगी करके विदेश भेजते थे। इनकी गिरफ्तारी से इसी वर्ष आईजीआई एयरपोर्ट थाने में दर्ज चीटिंग के मामले का भी खुलासा कर लिया गया है।

डीसीपी एयरपोर्ट तनु शर्मा ने बुधवार को बताया कि पांच जुलाई को ठगी को लेकर एक शिकायत इमिग्रेशन ऑफिसर के द्वारा आईजीआई पुलिस को मिली थी। जिसमें पता चला था कि अमन कुमार नाम का यात्री जो जवाहर नगर जिंद हरियाणा का रहने वाला है वह कनाडा जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा था।जब वह बोर्डिंग के लिए पहुंचा तो उसी दौरान इमीग्रेशन क्लीयरेंस एंड स्क्रुटनी के दौरान उसके डाक्यूमेंट्स में कुछ संदिग्ध लगा। जब उसकी बारीकी से जांच की गई तो उसके ट्रेवल डॉक्युमेंट्स पर फर्जी वीजा के होने का पता चला। इस मामले में आईजीआई पुलिस ने 420, 468, 471, 120 बी आईपीसी एंड 12 पीपी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।

एसीपी विजेंदर सिंह की देखरेख में जांच टीम को आरोपित हवाई यात्री की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला कि उसने अपने एक जानकार एजेंट अमित और योगेश जो पानीपत और हिसार के रहने वाले हैं, से या वीजा बनवाया था। इसके लिए 20 लाख रुपये उसने भुगतान किया था।जिसके बाद पुलिस टीम आरोपित एजेंटों के बारे में पता करने में लगी हुई थी। आखिरकार गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी और टेक्निकल सर्विलांस की सहायता से पुलिस ने अमित कुमार उर्फ मीता और योगेश कुमार उर्फ योगी को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने पुलिस को बताया कि यह लोग पिछले एक साल से वरुण चौहान उर्फ अरुण शर्मा उर्फ शर्मा जी नाम के एक और एजेंट के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

ये कमीशन एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। यह लोग अवैध रूप से विदेश जाने की चाह रखने वाले लोगों को टारगेट करते हैं, और फिर वरुण चौहान की सहायता से उनके पासपोर्ट पर फर्जी वीजा स्टिकर लगवाते थे।जिसके बाद पुलिस टीम ने मुख्य आरोपित वरुण चौहान के बारे में जानकारियों को इकट्ठा करने लगी। इसके लिए मैन्युअल और टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली गयी। जिससे इसके पासपोर्ट के डिटेल की जानकारी मिली। जिसके बाद इसके लिए लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया गया। जिसकी वजह से 18 अगस्त को कोलकाता एयरपोर्ट से वरुण चौहान को ट्रैक कर लिया गया, जब वह इंडिया छोड़कर थाईलैंड के लिए भाग रहा था।

उसे गिरफ्तार करके उससे पूछताछ की गई तो पता चला कि वह आईटी ग्रेजुएट है और मर्चेंट नेवी में एक्स सेलर रह चुका है एक शिपिंग कंपनी में। वहां से जॉब छोड़ने के बाद उसने अपनी टेक्नॉलॉजी की जानकारी का इस्तेमाल करते हुए फिर इसे गोरखधंधे की शुरुआत कर दी। इसे कनाडा वियतनाम और रसिया आदि कंट्री के बारे में जानकारी थी कि कैसे लेबर मैनेजमेंट और एंप्लॉयमेंट का काम होता है उसके बाद उसने चीटिंग की शुरुआत कर दी और इसने कई सारे फर्जी वेबसाइट बनाए जिसके जरिए लोगों को विदेश में जॉब देने के लिए कांटेक्ट करना शुरू किया।

इसका ग्राहक नेपाल और अफगानिस्तान के साथ-साथ अफ्रीकन कंट्री में भी है। यह फर्जी वीजा बनाने के लिए कुणाल कुमार शाह और दूसरे की मदद लेता था। पुलिस टीम कुणाल कुमार साह का पता लगाने के लिए एफर्ट कर रही है। जो लैपटॉप बरामद किया गया है उसे एफएसएल की टीम के पास जांच के लिए भेज दिया गया है।

डीसीपी के अनुसार गिरफ्तार अमित कुमार पानीपत का रहने वाला है और हरियाणा का स्टेट लेवल का कबड्डी प्लेयर है, जबकि योगेश कुमार हिसार हरियाणा का रहने वाला है और यह सिंगर है और डिस्क जॉकी भी है। वरुण चौहान मर्चेंट नेवी में काम कर चुका है। यह लोग हरियाणा और पंजाब के दूर-दराज के गांव में रहने वाले लोगों को टारगेट करते थे और उन्हें विदेश में सेटल होने के लिए लालच देकर इस गोरखधंधे में शामिल थे।(हि.स.)

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