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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जाएंगे एलएसी, पूर्वी लद्दाख में कई सड़कों का करेंगे उद्घाटन

​​रक्षा मंत्री राजनाथ ​सिंह 27-28 जून को पूर्वी लद्दाख के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह​ ​लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (​एलएसी) के पास ​भारत की ​तैयारियों का ​​जायजा लेंगे। इस दौरान एलएसी के पास ​कई सड़कों का उद्घाटन भी करेंगे।​ रक्षा मंत्रालय के ​अधीन ​बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ​(बीआरओ) ​पाकिस्तान और चीन ​सीमा तक सैनिकों की आवाजाही सुगम बनाने के लिए ​लगातार ​​​सड़कों का निर्माण कर रहा है।

सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने में तेजी
भारत ने पिछले ​एक साल में भारत और पाकिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने में तेजी से काम किया है।​ इस समय भी जम्मू-कश्मीर में 61, पंजाब में ​0​6, राजस्थान में 23 सड़कों पर काम चल रहा है। ​इनमें से अधिकतर ऑल वेदर रोड है यानि जो हर मौसम में इस्तेमाल की जा सकेंगी।​ ​हाल ही में रक्षा मंत्री​ ने 17 जून को ​​​अरुणाचल प्रदेश​ में ​​​12 ​सड़कें राष्ट्र को समर्पित​ करते हुए कहा था कि इन सामरिक सड़कों से न केवल संपर्क को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास सुरक्षा बलों की तेजी से आवाजाही हो सकेगी​​।

एलएसी पर पिछले एक साल से तनाव बरकरार
वहीं ​​​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह​ के इस ​लद्दाख ​दौरे में ​मुख्य फोकस बीआरओ के बुनियादी ढांचे ​पर होगा, लेकिन उनकी यह यात्रा ​ऐसे समय हो रही है, जब चीनी​ सैनिक अभी भी एलएसी के अन्य क्षेत्रों जैसे ​​गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से अलग नहीं हुए हैं। पिछले एक साल में एलएसी ​पर तनाव बना हुआ है।​ तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है। इसके बावजूद पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों में दोनों देशों की सेनाएं आज भी आमने-सामने तैनात हैं।​​​​​​

चीन की गतिविधियों के कारण सीमा क्षेत्रों में शांति हुई है प्रभावित
हाल ही में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि पिछले एक साल से चीन की गतिविधियों के कारण सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई 1993 और 1996 में हुए द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है। इन समझौतों में यह साफ किया गया था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों के सैनिकों की तैनाती बहुत कम रहेगी।

दरअसल अभी दो दिन पहले ​​चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने​​ ​​भारत पर पूर्वी लद्दाख में सेना की तैनाती बढ़ाने का आरोप लगाया, जिसे विदेश मंत्रालय ने खारिज करते हुए कहा कि सीमा पर चीन की ओर से ही पिछले वर्ष सैनिकों की भारी तैनाती की गई और यथास्थिति को बदलने की कोशिश की गई।

वहीं ​इस साल की शुरुआत में भारत से समझौते के बाद ​पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे​ से दोनों देशों के सैनिक पीछे हटे हैं, लेकिन अब भी दोनों तरफ से सैनिक एलएसी पर तैनात हैं।

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