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ओडिशा में चक्रवात यास का लैंडफॉल शुरू, भद्रक में तेज हवा के साथ बारिश

155-165 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी हवा की रफ़्तार

भुवनेश्वर । अति गंभीर चक्रवात का रूप धारण कर चुके यास चक्रवात के ओडिशा से टकराने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। इसकी वजह से कई इलाकों में तेज हवाएं और भारी बारिश हो रही है। कई जगहों पर पेड़ों के उखड़ने की तस्वीर भी देखने को मिली है। तूफान बालेश्वर और भद्रक जिले के बीच स्थित धामरा के निकट तट से टकराएगा। इस दौरान 155-165 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलेगी जोकि 185 किलोमीटर प्रतिघंटा तक भी पहुंच सकती है। मौसम विभाग ने बंगाल व ओडिशा के लिए रेड अलर्ट (भारी बारिश की आशंका) जारी किया है। वहीं, चक्रवात से खतरे को देखते हुए बंगाल और ओडिशा में 12 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और अंडमान निकोबार द्वीप में भी बचाव के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक अति भीषण चक्रवाती तूफान यास ओडिशा के बालासोर से लगभग 50 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में केंद्रित है। लैंडफॉल प्रक्रिया सुबह 9 बजे के आसपास शुरू हो गई है। ओडिशा के भद्रक जिले के धामरा में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। वहीं, पारादीप में तेज हवाएं और बारिश की वजह से सड़कों पर पेड़ गिरे हुए दिखे। पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना में तेज हवाएं और बारिश हो रही है। वहीं, पूर्वी मिदनापुर के दीघा में भी तेज हवाओं के साथ समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं।

एनडीआरएफ की 113 टीमें तैनात
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने पहली बार रिकार्ड संख्या में कुल 113 टीमें पांच राज्यों में तैनात की हैं। 52 टीमें ओडिशा और 45 टीमें बंगाल में तैनात की गई हैं। बाकी अन्य प्रभावित राज्यों में रहेंगी। इसके अलावा 50 टीमों को तैयार रखा गया है। एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि पिछले तूफानों से सबक लेते हुए इस बार हमने अधिकतम टीमें लगाई हैं। राहत कार्य के लिए नौसेना के चार पोत भी तैयार रखे गए हैं। तेज हवाओं की आशंका के कारण बंगाल में ट्रेन, विमान व जलपोत को जंजीरों से बांधा गया है। प्रभावित क्षेत्र से आने-जाने वाली ट्रेन रद कर दी गई हैं और आक्सीजन प्लांट की सुरक्षा पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।

कोलकाता एयरपोर्ट सुबह 8:30 से शाम 7:45 तक रहेगा बंद 
पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान `यास` के विकराल रूप लेने की चेतावनी के बाद आज कोलकाता एयरपोर्ट को बंद रखने का फैसला लिया गया है। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर चक्रवात की वजह से सभी फ्लाइट्स बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर बुधवार रात पौने आठ बजे तक सस्पेंड रहेंगी।

ओडिशा में गृहमंत्री कर रहे निगरानी
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि राज्य के हर नागरिक का जीवन अमूल्य है। किसी भी सूरत में इसे बचाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने स्थिति की निगरानी के लिए गृह राज्य मंत्री डीएस मिश्रा को भेजा है। बालेश्वर, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा व भद्रक जिले के सभी सरकारी कर्मियों की छुट्टी रद कर दी गई है। डा. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि पारादीप से बंगाल के सागर द्वीप के बीच यास का सबसे अधिक प्रभाव दिखेगा। भद्रक जिले के धामरा व चांदबाली क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित होंगे। तूफान के जमीन से टकराने के छह घंटे पहले व छह घंटे बाद का समय सबसे महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व पुरी में टकराने वाले फनी चक्रवात की तुलना में यास का प्रभाव कम होगा।

पुरी समेत अन्य जिलों में भी सतर्कता
चक्रवात को देखते हुए पुरी, ढेकनाल, नयागढ़, गंजम, जाजपुर और अंगुल जिले से भी लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। पूरे प्रदेश में तीन लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। करीब पांच हजार गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। ओडिशा के सभी जिलों में सोमवार शाम से ही बारिश हो रही है। मंगलवार को भी तेज बारिश का सिलसिला जारी रहा। पांच प्रखंडों में पिछले 24 घंटे के दौरान 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है। जेना ने बताया कि एनडीआरएफ के अलावा एसडीआरएफ की 60 टीमें, 205 अग्निशमन जवान, 86 पेड़ काटने वाली टीमें और 10,000 बिजली कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

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