महामारी में राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड बनी सहारा, कुल 15,000 MT ऑक्सीजन का उत्पादन किया
कोरोना महामारी के इस दौर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) एक ‘संजीवनी’ के रूप में सामने आई है। देशभर में बढ़ रही ऑक्सीजन की मांग के बाद ऑक्सीजन पैदा करने वाले प्लांट्स में एलएमओ के उत्पादन में तेजी आई है। एलएमओ के बढ़े उत्पादन में सरकारी कंपनियों का बहुत बड़ा हाथ है। ऐसा ही एक नाम है राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड का, जिसे महारत्न कंपनी का दर्जा हासिल है। आपको बता दें, यह इस्पात मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक इकाई है।
अब तक कुल कितनी ऑक्सीजन का उत्पादन किया है
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड इस महामारी के दौर में उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। 13 अप्रैल से अब तक राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड का विशाखापट्टनम प्लांट 6,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई कर चुका है। वहीं पूरे महामारी के दौरान इस प्लांट ने 15,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया है। यह प्लांट 13 अप्रैल से अब तक आंध्र प्रदेश के विभिन्न जगहों पर 5,600 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचा चुका है। वहीं, इस प्लांट ने कर्नाटक में 300 और महाराष्ट्र में 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की है।
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प्लांट्स से गंतव्य तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस पहुंचा रही है ऑक्सीजन
सभी तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ शुरू की गई। ये एक विशेष ट्रेन है, जिसे रोल-ऑन, रोल ऑफ (आरओ-आरओ) सर्विस के रूप में शुरू किया गया। ट्रेन सही समय पर बिना किसी रुकावट के गंतव्य तक पहुंचे इसके लिए विशेष ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाये गए हैं।
आपको बता दें, अप्रैल महीने में कई शहरों में ऑक्सीजन की कमी की बात सामने आ रही थी। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर जल्द ऑक्सीजन की सप्लाई करने की मांग की थी। इस पर केंद्र सरकार और रेलवे ने 19 अप्रैल से ऑक्सीजन की ढुलाई के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने की घोषणा की थी। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन ने ग्रीन कॉरिडोर के जरिए शुरुआत में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्य में ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की। धीरे-धीरे देश के हर कोने तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ऑक्सीजन पहुंचा रही है। इस अभियान में भारतीय रेलवे के साथ भारतीय वायुसेना और नौसेना भी शामिल हुई ।
224 से अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस अब तक कर चुकी हैं अपना सफर पूरा
22 मई को रेलवे ने बयान जारी कर बताया था कि 224 ऑक्सीजन एक्सप्रेस अपना सफर पूरा कर चुकी हैं। गत 19 अप्रैल से 22 मई तक इन ट्रेनों ने 884 टैंकरों के जरिए करीब 14,500 टन ऑक्सीजन पहुंचाई है। पिछले एक सप्ताह से ऑक्सीजन एक्सप्रेस की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है।
ज्ञात हो, ऑक्सीजन की ढुलाई एक जटिल प्रक्रिया है। देशभर में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन तथा ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति के लिए ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ बहुत महत्वपूर्ण साधन साबित हो रही है।