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बड़ी खबर : कोरोना संक्रमण के चलते आगामी चारधाम यात्रा रद्द, मुख्यमंत्री ने की घोषणा

कपाट अपने तय समय पर खुलेंगे, केवल पुजारी और पुरोहित ही धामों में करेंगे पूजा अर्चना

देहरादून । कोविड महामारी के बीच आगामी चारधाम यात्रा को उत्तराखंड सरकार ने रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह जानकारी मीडिया को दी है। बता दें कि आज गुरुवार को इस संबंध में एक बैठक आयोजित की गई थी।मुख्यमंत्री ने कहा कि चारों धाम के कपाट अपने तय समय पर खुलेंगे। लेकिन केवल पुजारी और पुरोहित ही धामों में पूजा अर्चना करेंगे। यात्रियों को वहां जाने की अनुमति नहीं होगी।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ.हरीश गौड़ ने बताया कि मई में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर सरकार की फैसला लिया गया है। आज गुरुवार को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सभागार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में बैठक की गई।
इसमें देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन, अपर सचिव पर्यटन जुगल किशोर पंत, बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, अपर निदेेशक विवेक चौहान के अलावा चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों के डीएम व एसपी भी मौजूद रहे।

इस दिन से शुरू होगी चारधाम यात्रा
केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को मेष लग्न में सुबह पांच बजे खोले जाएंगे। भगवान बद्री विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 18 मई प्रातः 4:15 पर खोल दिए जाएंगे। गाडू घड़ा यात्रा 29 अप्रैल को सुनिश्चित की गई है। श्री गंगोत्री धाम व यमनोत्री धाम के कपाट 14 मई को खोले जाएंगे।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चारधाम यात्रा के लिए दो करोड़ रुपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी। चारधाम यात्रा व्यवस्था के लिए आयुक्त, गढ़वाल मंडल को दो करोड़ रुपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चारधाम यात्रा व्यवस्था के तहत रुद्रप्रयाग में 16 नग तथा केदारनाथ पैदल मार्ग पर 94 नग अस्थायी शौचालयों, मूत्रालयों के निर्माण, मरम्मत कार्य एवं सफाई व्यवस्था संबंधी कार्य के लिए एक करोड़ चार लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी।

यात्रा शुरू होने में कुछ ही दिन रह गए, पड़ावों में पसरा है सन्नाटा
बीते सालों में चारधाम यात्रा के दौरान होटल ढाबों को सजाने संवारने का कार्य चलता था, लेकिन इस बार यात्रा के लिए हुई एडवांस बुकिंग रद्द होने से यात्रा कारोबारी मायूस हैं। साथ ही यात्रा पर टिकी आजीविका चौपट होने से इससे जुड़े लोग भविष्य को लेकर आशंकित हैं।

बीते सालों को याद करें तो इन दिनों धामों के साथ ही यात्रा पड़ावों पर खासी रौनक रहती थी। तीर्थयात्रियों की अगवानी के लिए यात्रा कारोबारी अपने होटल ढाबों पर रंग-रोगन कराकर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुटे रहते थे। यात्रा पड़ावों के अधिकांश होटल फुल हो जाते थे।

अब स्थिति यह है कि आगामी 14 मई को यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने हैं, लेकिन धाम और नौगांव, बड़कोट, खरादी, स्यानाचट्टी, हनुमानचट्टी, जानकीचट्टी आदि तमाम यात्रा पड़ावों पर सन्नाटा पसरा है। मार्च तक हुई होटलों की एडवांस बुकिंग एक-एक कर रद्द हो रही हैं।

कामगार भी मायूस
ऐसे में यात्रा कारोबारियों का उत्साह भी ठंडा पड़ गया है। होटल ढाबों को सजाने संवारने का कार्य नहीं होने से इससे जुड़े कामगार भी मायूस हैं। क्षेत्र में हजारों लोगों की आजीविका यात्रा पर ही टिकी है। ऐसे में यात्रा नहीं चलने से इन लोगों को भविष्य की चिंता सताने लगी है।

होटल व्यवसायी अनिल रावत, कुलवीर राणा, प्यारेलाल उनियाल, जसपाल परमार आदि का कहना है कि इस बार होटलों में जून तक की एडवांस बुकिंग मिली थी। इसमें अधिकांश महाराष्ट्र, गुजरात एवं दक्षिण भारत के राज्यों से थी। कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण बुकिंग रद्द हो रही हैं।

रंगाई पुताई का काम करने वाले सुरेश बधाणी बताते हैं कि दो साल पहले तक इन दिनों काम से फुर्सत नहीं मिलती थी, लेकिन इस बार किसी होटल ढाबा मालिक का फोन तक नहीं आया है। यमुनोत्री पैदल मार्ग पर डंडी-कंडी तथा घोड़ा-खच्चर चलाकर परिवार का पेट पालने वाले मजदूरों को भी आजीविका की चिंता सता रही है।

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