‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ने बांधकर रखी सांसों की डोर, 24 घंटों में देश के कई राज्यों में पहुंचाई 150 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई में भारतीय रेलवे अहम भूमिका निभा रही है। इस सहयोग के लिए रेलवे द्वारा ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई जा रही हैं। इसी क्रम में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के लिए लिक्विड चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) से भरे टैंकरों को लेकर ये ऑक्सीजन एक्सप्रेस रेलगाड़ियां नासिक और लखनऊ पहुंच गई हैं।
भारतीय रेलवे ने बताया है कि पिछले 24 घंटों के दौरान ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 150 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देश के कई राज्यों में पहुंचाई है। इसके अलावा आज रात को एक और ऑक्सीजन एक्सप्रेस 4 टैंकरों में 70 मीट्रिक टन आक्सीजन लेकर रायगढ़ से दिल्ली के लिए रवाना होगी।
Indian Railways has moved 10 oxygen tankers till now of total 150 MT and 9 more are on the move.
One Oxygen Express carrying four tankers of total 70 MT will depart tonight for Delhi from Raigarh.@PiyushGoyal @RailMinIndia pic.twitter.com/sRHV0IJplQ
— PB-SHABD (@PBSHABD) April 25, 2021
सुरक्षा के हैं खास इंतजाम
इससे पहले दूसरी ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेन झारखंड के बोकारो से ऑक्सीजन टैंकर लेकर लखनऊ पहुंची थी। बोकारो के एडीआरएम ने बताया, “ऑक्सीजन एक्सप्रेस की ऊंचाई 4.5 मीटर है, इसलिए ओएचई को ध्यान में रखते हुए टैंकर रखे गए और ऑक्सीजन एक्सप्रेस को 60 किमी प्रतिं घंटे की गति से लखनऊ रवाना किया गया। साथ में एक दर्जन से अधिक रेलकर्मियों को भी अगले स्टेशन तक साथ भेजा गया है। इसके बाद हर 300 कि.मी. पर क्रू लॉबी में लोको पायलटों को बदला जाएगा।”
लखनऊ से रवाना हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस के साथ एक जीआरपी उपनिरीक्षक और दो कॉन्स्टेबल एस्कॉर्ट को भी भेजा गया है, ताकि ऑक्सीजन को सुरक्षित लखनऊ लाया जा सके। इसके अलावा यूपी के साथ बिहार और झारखंड जीआरपी मुख्यालय को अलर्ट किया गया था। इन क्षेत्रों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति करने के क्रम में कुछ कंटेनरों को नागपुर और वाराणसी में अनलोड किया गया। साथ ही, तीसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस आज सुबह लखनऊ से अपनी यात्रा शुरू कर चुकी है।
गौरतलब है कि विशाखापत्तनम और बोकारो में भरे गये इन एलएमओ टैंकरों को वर्तमान में भारतीय रेल की रो-रो सेवा के जरिए ले जाया जा रहा है। आपको बता दें, आंध्र प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्य ऐसी और अधिक रेलगाड़ियां चलाने के लिए रेलवे के साथ लगातार परामर्श कर रहे हैं।
रेलवे तेजी से पहुंचा रहा है ऑक्सीजन
उत्तर प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से इस रेलगाड़ी की आवाजाही के लिए लखनऊ से वाराणसी के बीच एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इस रेलगाड़ी द्वारा कुल 270 किलोमीटर की दूरी 62.35 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति के साथ 4 घंटे 20 मिनट में तय की गई। इन रेलगाड़ियों के जरिए लंबी दूरी के लिए ऑक्सीजन का परिवहन सड़क परिवहन की तुलना में तेज है। सड़क परिवहन के उलट रेलगाड़ियां 24×7 चलती हैं।
5 हजार से अधिक कोचों को बदला कोविड केयर सेंटर में
आपको बता दें, रेलवे ने 5 हजार 601 से अधिक कोचों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया है, जिसमें से 3 हजार 816 कोचों को वर्तमान में कोविड केयर सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। रेलवे ने यह कदम राज्य सरकारों की मांग पर उठाया है। आपको याद होगा, कोरोना की पहली लहर में भारतीय रेल देश के लिए वरदान साबित हुई थी। उस समय भी भारतीय रेल ने कोरोना से लड़ाई में बड़ी अहम भूमिका निभाई थी।
https://twitter.com/PBNS_India/status/1386161794968809477?s=20
ज्ञातव्य हो, भारतीय रेल ने पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं का परिवहन भी किया था और आपूर्ति श्रृंखला को बरकरार रखा था। रेलवे ने हमेशा ही आपात स्थितियों के दौरान राष्ट्र की सेवा की है।