
सोनभद्र| तीन दिवसीय पूर्वांचल दौरे पर आये महामहिम रामनाथ कोविंद दौरे के दूसरे दिन रविवार को सोनभद्र पहुंचे । राष्ट्रपति सोनभद्र में बभनी ब्लाक के सेवाकुंज आश्रम चपकी गये । जहां उन्होंने सेवा समर्पण संस्थान द्वारा संचालित सेवा कुंज आश्रम में नवनिर्मित स्कूल, छात्रावास आदि का लोकार्पण किया। उक्त निर्माण एनटीपीसी रिहंद द्वारा सीएसआर के तहत कराया गया था। एनटीपीसी द्वारा लगभग ग्यारह करोड़ रुपयों की लागत से 18 क्लासरूम और 24 कमरों के छात्रावास का निर्माण कराया गया है, साथ ही अन्य कमरों का भी निर्माण चल रहा है। इसके अतिरिक्त अबाध विद्युत आपूर्ति के लिए 40 किलोवाट का सोलर पावर प्लांट भी स्थापित किया गया है।
बतौर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सेवाकुंज आश्रम में पहली बार आये मगर राज्य सभा सांसद के तौर पर इससे पहले भी वे दो बार आ चुके हैं । इतना ही नहीं उन्होंने आदिवासियों के कल्याण व उत्थान के लिए अपनी सांसद निधि भी दिया था । पूरे आश्रम का भ्रमण करने के बाद उन्होंने जनसभा को भी संबोधित किया।जिसमें अपने भाषण की शुरुआत भोजपूरी से की । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आदिवासी वनवासी समुदाय के विकास के बिना देश और समाज का विकास नहीं हो सकता। उन्होने कहा “जब भगवान राम ने रावण से युद्ध में विजय पायी थी उसमें वनवासियों का बहुत बड़ा सहयोग था। उसी प्रकार यदि देश और समाज आगे बढ़ाना है तो पहले वनवासी समाज को आगे ले जाना होगा।”
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि सोनभद्र चार प्रदेशों की सीमाओं से घिरा हुआ है, ऐसे स्थान पर स्कूल और हास्टल संचालित होने से उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के सीमावर्ती इलाक़ों के वनवासी छात्रों को भी लाभ होगा। उन्होने कहा कि वनवासी क्षेत्र उनके लिए तीर्थस्थल जैसे हैं। यदि वनवासी कलाकारों को प्रोत्साहित किया जाय तो देश ही नहीं विदेशों में भी भारत का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल से अनुरोध किया कि केंद्र सरकार से तालमेल बैठाकर वनवासियों को आगे बढ़ाने में योगदान करें।
उन्होंने एनटीपीसी द्वारा निर्माण कार्य कराए जाने पर उनकी सराहना की। साथ ही सीएम द्वारा प्रदेश में चलाए जा रहे योजनाओं को लेकर उनकी तारीफ की।उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा वनवासी आदिवासी क्षेत्रों में बसती है। यदि कोई भी इस कल्चर से परिचित होना चाहता है तो उसे सोनभद्र जैसे ज़िलों में समय बिताना चाहिए। आदिवासी समाज के विकास के बिना समग्र विकास अधूरा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारें इनके विकास के अनेक कार्यक्रम चला रहे हैं। महामहिम ने विलुप्त होती जा रही वनवासी कलाओं के विकास के लिए सेवा समर्पण संस्थान कार्य द्वारा किये जा रहे कार्य व प्रयास की भी जमकर सराहना की ।
श्री कोविंद ने कहा कि चार राज्य बिहार, झारखण्ड, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाला यह क्षेत्र एक दिन आधुनिक भारत का प्रमुख केंद्र बनेगा । हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि आधुनिक विकास में आप सभी बनवासी भाई-बहन भागीदारी करें । साथ ही आपकी सांस्कृतिक विरासत व पहचान भी संरक्षित व मजबूत बनी रहे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ एवं गवर्नर आनंदी बेन पटेल ने भी आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कई महत्त्वपूर्ण सौगात देने की बात कही।अध्यक्ष अखिल भारतीय बनवासी कल्याण आश्रम रामचन्द्र खराड़ी ने आदिवासी समाज की विकास के लिए कई सुझाव व मांग रखे।इस मौके पर महामहिम के साथ उनकी धर्मपत्नी सविता कोविंद, विधायक हरिराम चेरो समेत कई विशिष्ट जन उपस्थित रहे।