ब्रिटेन में लोग कर रहे हैं ‘पैनिक परचेजिंग’, नो डील ब्रेग्जिट के अंदेशे से लोगों में घबराहट
लंदन/नई दिल्ली : ब्रिटेन को बिना किसी समझौते के ही यूरोपियन यूनियन (ईयू) से अलग होना पड़ेगा, ये अंदेशा अब काफी गहरा होता जा रहा है। हालांकि पिछले रविवार को ब्रिटेन की सरकार और ईयू में ब्रेग्जिट करार के लिए बातचीत जारी रखने पर सहमति बनी, लेकिन उसके बाद भी यहां की मीडिया रिपोर्टों में लगातार कहा जा रहा है कि समझौता होने की संभावना न्यूनतम है।
आशंका है कि बिना करार के ब्रिटेन ईयू से अलग हुआ, तो यहां की अर्थव्यवस्था और आम जिंदगी पर उसका बहुत बुरा असर होगा। यहां देश भर से मिल रही खबरों के मुताबिक इस आशंका के कारण ब्रिटेन के सुपरमार्केट खाने-पीने की ऐसी चीजों का असाधारण रूप से भंडारण कर रहे हैं, जो जल्द नष्ट नहीं होतीं। द सूत्रों के मुताबिक खुद ब्रिटिश सरकार ने सुपरमार्केट्स से ऐसी तैयारी करके रखने को कहा है। लेकिन सरकार ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
कारोबारी लगातार ये चेतावनी दे रहे हैं कि नो डील ब्रेग्जिट होने पर देश में खाने की चीजों की कमी हो सकती है। साथ ही इन चीजों की महंगाई भी तेजी से बढ़ सकती है। ब्रिटेन और ईयू के पास ब्रेग्जिट समझौता करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय है। पिछले रविवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उरसुला वॉन डेर के बीच सीधी बातचीत हुई। उसमें ये सहमति बनी कि समझौता हो सके इसके लिए दोनों पक्ष अतिरिक्त मेहनत करेंगे।
इससे करार होने की उम्मीद जगी है। लेकिन ब्रिटिश मीडिया लगातार इसकी संभावना बेहद कम बता रहा है। इसी को देखते हुए सुपरमार्केट अतिरिक्त भंडारण में जुट गए हैँ। सुपरमार्केट टेस्को के अध्यक्ष ने कहा है कि हम अपने भंडारों में ऐसी चीजों को जमा कर रहे हैं, जो जल्द खराब नहीं होतीं। ऑनलाइन सप्लायर ओकाडो ने इतालवी बीयर जैसी चीजों के भंडारण की बात कही है। टेस्को के अध्यक्ष जॉन एलन ने वेबसाइट ब्लूमबर्ग से कहा कि नो डील ब्रेग्जिट की हालत में महंगाई बढ़ना तय है।
उन्होंने कहा कि अगले एक जनवरी से ब्रिटेन में खाने की चीजें तीन से पांच फीसदी तक महंगी हो सकती हैं। अगर ईयू ने शुल्क लगा दिए तो कॉन्टिनेंटल चीज जैसी वस्तुएं बेहद महंगी हो सकती हैं। इन बातों का असर यह हुआ है कि बहुत से लोग पैनिक बाइंग यानी घबराहट में खरीदारी कर रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा कमी ताजा खाद्य पदार्थों की होगी, जिन्हें पहले से खरीद कर नहीं रखा जा सकता। जॉन एलान ने भरोसा जताया है कि चीजों की कमी और महंगाई थोड़ी अवधि के लिए ही होगी।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने पिछले हफ्ते कहा था कि नो डील ब्रेग्जिट से हर क्षेत्र में चुनौतियां आएंगी। उन्होंने कहा था कि उन्हें सिर्फ इसी बात की चिंता नहीं है कि सुपरमार्केट्स में कितनी चीजें उपलब्ध रहेंगी या उनकी कीमत क्या होगी। उन्होंने कहा कि अगर ब्रेग्जिट का समझौता नहीं हुआ, तो कुछ दिक्कतें जरूर होंगी।
अभी ब्रिटेन का ईयू के साथ कारोबार बिना कोई शुल्क दिए होता है। अगर ये व्यवस्था 31 दिसंबर को अचानक खत्म हो गई, तो दोनों पक्षों को विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत कारोबार करना होगा। तब दोनों पक्ष एक दूसरे से होने वाले आयात पर शुल्क लगा सकेंगे। इससे कारोबार की लागत बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को वस्तुओं के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी।
ब्रिटेन में खुदरा कारोबारियों की संस्था- द ब्रिटिश रिटेल कंजॉर्टियम ने कहा है कि वह नो डील ब्रेग्जिट की तैयारी कर रहा है। रिटेलर टॉयलेट रोल्स आदि जैसी वस्तुओं का भंडारण कर रहे हैं। कोशिश की जाएगी की एक जनवरी के बाद भी ऐसी चीजों की सप्लाई सामान्य बनाए रखी जाए। कंजॉर्टियम ने कहा है कि रिटेलर्स की तैयारी को देखते हुए उपभोक्ताओं को पैनिक परचेजिंग करने से बचना चाहिए, क्योंकि उससे स्थिति और बिगड़ेगी।
वैसे कंजॉर्टियम ने कहा है कि रिटेलर बाजार में आने वाले व्यवधान को पूरी तरह नहीं टाल सकेंगे, क्योंकि सब्जी आदि जैसी ताजा वस्तुओं की आवक रुक जाएगी। कंजॉर्टियम ने चेतावनी दी है कि नो डील ब्रेग्जिट की स्थिति में उपभोक्ताओं को तीन अरब पाउंड के बराबर शुल्क खाद्य पदार्थों पर देने होंगे। मैनुफैक्चरिंग पर भी नए शुल्कों का बुरा असर पड़ेगा।