![योगी सरकार की पहल का असर, सड़क हादसों में ब्रेक लगाएंगे ''जोन ऑफ एक्सीलेंस''](https://i0.wp.com/cmgtimes.com/wp-content/uploads/2025/02/upnews1-22-scaled.jpg?fit=2560%2C1707&ssl=1)
सीएम योगी के निर्देश पर जिले में सड़क हादसों को रोकने के लिए शुरू किया गया अभियान
पायलेट प्रोजेक्ट के तहत पहले कलेक्ट्रेट के 10 किमी की परिधि के क्षेत्र को घोषित किया गया जोन ऑफ एक्सीलेंस.सीएम योगी की मंशा के अनुरूप नो हेल्मेट नो फ्यलू के तहत हादसों पर लगाम लगाने को खीरी ने उठाया बड़ा कदम.
- योगी सरकार की पहल का असर, सड़क हादसों में ब्रेक लगाएंगे ”जोन ऑफ एक्सीलेंस”
- अभियान के सफल होने पर पूरे जिले में लागू किया जाएगा एक्सीलेंस अभियान
- प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए मिसाल बनेगा लखीमपुर खीरी का जोन ऑफ एक्सीलेंस मॉडल
लखनऊ/लखीमपुर खीरी : सड़क हादसे में सिर्फ एक शख्स की ही जान नहीं जाती है बल्कि उसके साथ कई लोगों का जीवन प्रभावित होता है। हादसे में जान गंवाने वाले शख्स के परिवार के साथ सबसे अधिक अपने भविष्य के सुनहरे सपनों को संजाने वाले नौनिहालों का जीवन प्रभावित होता है। ऐसे में जोन ऑफ एक्सीलेंस अपनों की हिफाजत का अभियान है। ये बातें जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने शुक्रवार को पायलेट प्रोजेक्ट के तहत कलेक्ट्रेट के 10 किमी की परिधि के क्षेत्र को “जोन ऑफ़ एक्सीलेंस” घोषित करते हुए अभियान के शुभारंभ पर कही। अभियान की बेहतर परिणाम को देखते हुए इसे पूरे जिले में लागू किया जाएगा।
पायलेट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया अभियान
जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में सड़क हादसों को रोकने एवं हादसे के दौरान उन्होंने वाली मृत्यु को जीरो करने के लिए नो हेल्मेट नो फ्यूल अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में एक कदम आगे बढ़ाते हुए लखीमपुर खीरी में हादसों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तहत कलेक्ट्रेट के 10 किमी की परिधि के क्षेत्र को जोन ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया गया है। डीएम ने शुक्रवार को अभियान के शुभारंभ के दौरान स्वयं खड़े होकर हादसों के शॉर्टकट बने हाईवे के अवैध कट को बंद कराए। साथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क सुरक्षा के उपायों का अवलोकन किया। इस दौरान अभियान से जुड़े 84 स्टूडेंट्स को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, जोन ऑफ एक्सीलेंस क्षेत्र में लोगों में सड़क सुरक्षा से संबंधित जागरूकता का संदेश देंगे।
रीयल हीरो हैं एनएसएस और एनसीसी के स्टूडेंट्स
डीएम ने कहा कि जोन ऑफ़ एक्सीलेंस के तहत रोड सेफ्टी विजन के सारथी बन रहे 84 एनएसएस-एनसीसी स्टूडेंट्स रीयल हीरो हैं। इस पुनीत दायित्व को संभालने के लिए स्वयं से आगे आने और इस अभियान से जुड़ने के लिए सभी 84 स्टूडेंट्स पुलिस कैडेट्स को शुभकामनाएं। डीएम ने कहा कि असुरक्षित ड्राइविंग, यातायात नियमों की अनदेखी, हेलमेट और सीट बेल्ट न पहनना आदि कई कारक दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए यातायात नियमों का पालन करते हुए दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाएं। दुर्घटनाओं और मृतकों की संख्या को शून्य करने के लिए जरूरी है कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी विभाग पारस्परिक सहयोग से समेकित रूप से प्रयास करें।
प्रदेश भर में मील का पत्थर साबित होगा खीरी का अभियान
एसपी संकल्प शर्मा ने कहा कि “जोन ऑफ़ एक्सीलेंस” के तहत NCC-NSS के स्टूडेंट पुलिस कैडेट्स सजग प्रहरी की भूमिका निभाते हुए ट्रैफिक रूल्स के प्रति जागरूकता अभियान में अपनी सशक्त भूमिका निभाएंगे। सुगम और सुरक्षित यातायात के लिए शुरू की गई पहल “जोन ऑफ एक्सीलेंस” मील का पत्थर साबित होगी। इस पहल के तहत जिला प्रशासन सड़क सुरक्षा के व्यापक उपायों, नवाचारों और डिजिटल समाधानों पर कार्य कर रहा है, जिससे भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। इस दौरान सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी तरुणेन्द्र त्रिपाठी, अनिल कुमार यादव, केके झा, शुभ नारायण, डीआईओएस डॉ. महेन्द्र प्रताप सिंह, पीटीओ डॉ. कौशलेंद्र सहित इस मुहिम से जुड़े विभिन्न विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
डीएम ने खड़े होकर बंद कराए हादसों के ‘शार्ट कट’ बने हाईवे के ‘अवैध कट’
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने रोड सेफ्टी के लिए डेडीकेटेड “जोन ऑफ एक्सीलेंस” का न केवल शुभारंभ किया बल्कि स्वयं खड़े होकर पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर अफसरों की देखरेख में लखीमपुर-सीतापुर मार्ग पर एलआरपी से 2 किमी दूर हादसों का शॉर्टकट बने अवैध कट को बंद कराया। बताते चलें कि अभियान के तहत सभी अवैध कट को बंद कराया जाएगा। जिसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने बताई जोन ऑफ़ एक्सीलेंस की
अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी अनिल कुमार यादव ने बताया कि विगत 3 वर्षों राष्ट्रीय, प्रादेशिक एवं जनपदीय आकड़ो के साथ-साथ प्रस्तावित जोन ऑफ़ एक्सीलेंस के विगत वर्ष के आकड़ो का विश्लेषण एवं उनके आधार पर मोर्थ के 4-ई संकल्पना पर आधारित जोन ऑफ़ एक्सीलेंस को नो फैटेलिटी जोन बनाने की प्लानिंग एवं स्ट्रेटेजी तैयार की गई है।जिसके तहत क्लेक्ट्रेट को केंद्र मानते हुए 10किमी रेडियस में इस जोन की सीमा होगी , जिसमे इंजीनियरिंग, एजुकेशन-अवेयरनेस एवं इमरजेंसी ट्रामा केयर से संबंधित समस्त व्यवस्थाएँ सुदृढ़ करते हुए प्रथम चरण में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जायेगा .इस जागरूकता कार्यक्रम में छात्र छात्राओं एनएसएस एनसीसी कैडेट्स की भी सहभागिता रहेगी.एक निर्धारित समय के बाद इस जोन में प्रवर्तन की कार्यवाही भी सख़्त जायेगी .इस प्रकार इंजीनियरिंग, एजुकेशन, एनफोर्समेंट एवं इमरजेंसी ट्रामा केयर में सुधार करके जीरो फैटेलिटी का लक्ष्य प्राप्त करने हेतु हर संभव प्रयास किया जायेगा.
आज से शुरू हुई कार्यवाही
जोन ऑफ़ एक्सीलेंस के तहत सड़कों के किनारे से अतिक्रमण हटाना,ओवर स्पीडिंग व गलत दिशा में ड्राइविंग रोकना। ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण, जोन ऑफ़ एक्सीलेंस पर होने वाली दुर्घटनाओं पर नियंत्रण, हाइवे पर घटनाओं को रोकने के लिए पेट्रोलिंग, सड़कों पर अनधिकृत कब्जों को रोकना डिवाइडरों के अवैध कट को बंद कराना। सड़क सुरक्षा के लिए तकनीक का प्रयोग करना रोड इंजीनियरिंग, इमरजेंसी सेवा व प्रवर्तन कार्यों के साथ साथ एम्बुलेंस सेवा एवं सरकारी एवं प्राइवेट हॉस्पिटल्स की सहभागिता के साथ साथ सामाजिक सहभागिता पर विशेष फोकस रहेगा। तय समय में जागरूकता के कार्यक्रमों के उपरांत इस जोन में प्रवर्तन की कार्यवाही सख़्त की जाएगी।
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