
रायपुर : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने के अपने मिशन के तहत बीजापुर के सुदूर एवं माओवाद प्रभावित क्षेत्र गुंडम में दोहराया कि वह दिन दूर नहीं जब बस्तर और हमारा देश नक्सल प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा। मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त भारत बनाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।श्री शाह सोमवार को गुंडम में तैनात सुरक्षाबलों के जवानों के बीच पहुंचे। उन्होंने स्थित केन्द्रीय रिजर्व बल 153वीं वाहिनी बटालियन के कैम्प में सीआरपीएफ, कोबरा, डीआरजी सहित सुरक्षा बल के जवानों के साथ संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया।
श्री शाह ने नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों से सीधे नक्सल ऑपरेशन की मैदानी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने जवानों के साथ दोपहर का भोजन भी किया।इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा भी उपस्थित थे।श्री शाह ने कहा की विगत एक वर्ष में बस्तर को नक्सल मुक्त करने नवीन सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की गई है, जिसका सकारात्मक परिणाम यह रहा है की हमारे जवानों को नक्सल ऑपरेशन में लगातार सफलता मिली। बहुत बड़ी संख्या में नक्सली मारे गये, नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और उनकी गिरफ्तारी हुई।
उन्होंने कहा,“वह दिन दूर नहीं जब बस्तर और हमारा देश नक्सल प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा। मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त भारत बनाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।” उन्होंने कहा कि नक्सलमुक्त अभियान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), कोबरा, छत्तीसगढ़ पुलिस, बस्तरिया बटालियन सहित सभी सुरक्षाबलों का महत्वपूर्ण योगदान है।श्री शाह ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज नक्सलवाद समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया है।
उन्होने कहा कि सुरक्षा कैम्प के दायरे में आने वाले गांवों में सुरक्षाबल के अधिकारी यह अवश्य देखें की शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर कितनी अच्छी तरह हो रहा है, लोगों को उनके अधिकार मिल रहे हैं कि नही। शासन की योजनाओं का समुचित ढंग से लाभ ग्रामीणों को मिलते रहेगा तो वे शासन और प्रशासन के प्रति समर्पित भाव से सहयोग करेंगे और विकास की ओर अग्रसर होंगे।इस दौरान श्री शाह ने कैम्प परिसर में बरगद का पौधा तथा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सल्फी का पौधा रोपा। उन्होंने इस मौके पर कैम्प परिसर के सामने नवीन शासकीय उचित मूल्य दुकान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीआरपीएफ, पुलिस एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
शाह ने नक्सल प्रभावित गुंडम में लगाया चौपाल, ग्रामीणों से की चर्चा
छत्तीसगढ़ के माओवादी आतंक से गंभीर रुप से प्रभावित बीजापुर जिले के गुंडम गांव में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महुआ पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर ग्रामीणों से आत्मीयतापूर्वक खुलकर चर्चा की।श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर हमने माओवादी आतंक को 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा है, जिसका परिणाम है कि आज नक्सलवाद एक छोटे से दायरे में सिमट कर रह गया है।इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।श्री शाह ने कहा कि माओवादी आतंक के भय से ग्रामीणों को मुक्त कराने के लिए बस्तर के विभिन्न स्थानों में सुरक्षा कैम्प स्थापित किए गए है। बस्तर अंचल में अमन और शांति का वातावरण स्थापित हो रहा है।
उन्होंने ग्रामीणों से ज्यादा से ज्यादा योजनाओं से जुड़ कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की।श्री शाह ने कहा कि बच्चों को स्कूल अवश्य भेंजे। शिक्षा से ही विभिन्न समस्याओं का समाधान निकलेगा।उन्होंने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि गुंडम के नजदीक स्थापित कैम्प में अस्पताल की सुविधा भी है जहां निःशुल्क उपचार हेतु ग्रामीण निःसंकोच होकर जाएं और झाड़-फूंक के भरोसे न रहें। उन्होंने ग्रामीणों को निःशुल्क 35 किलो चांवल, महतारी वंदन योजना सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया।उन्होंने गांव में स्थित प्राथमिक शाला का अवलोकन कर बच्चों से पढ़ाई सम्बधी जानकारी ली और नियमित स्कूल आने के लिए बच्चों को प्रेरित किया। वहीं उन्होंने महिलाओं को भी शिक्षा के लाभ से अवगत कराया।
गृह मंत्री ने ग्रामीणों हेतु जन सुविधा शिविर लगाकर आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, आयुष्मान कार्ड सहित अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज बनाने के निर्देश कलेक्टर को दिए। उन्होंने कहा शासन कि समस्त योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंक पासबुक अनिवार्य है, इसलिए सभी का बैंक पासबुक जरूरी है।श्री शाह ने कहा कि एक वर्ष के भीतर गांव में सड़क, बिजली, स्कूल,अस्पताल, पेयजल जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।(वार्ता)