दत्तात्रेय होसबाले फिर बने आरएसएस के सरकार्यवाह, 2027 तक होगा कार्यकाल
नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने रविवार को श्री दत्तात्रेय होसबाले को पुन: तीन वर्ष के लिए सरकार्यवाह चुन लिया।अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के तीन दिन के अधिवेशन के समापन दिवस के पूर्वाह्न के सत्र में वर्ष 2024-27 के सरकार्यवाह के दायित्व के लिए श्री होसबाले पुन: निर्वाचित हुए। श्री होसबाले वर्ष 2021 में पहली बार सरकार्यवाह निर्वाचित हुए थे और तब से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।अपराह्न में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि श्री होसबाले को सर्वानुमति से पुन: तीन वर्ष के लिए सरकार्यवाह के दायित्व के लिए चुना गया है।
श्री होसबाले ने कहा कि पिछली बार उन्हें बेंगलुरु में सरकार्यवाह का दायित्व दिया गया था। उनके मन में नागपुर में ही यह गुरुत्तर दायित्व लेने की इच्छा थी। पर कोविड के कारण प्रतिनिधि सभा की बैठक नागपुर की जगह बेंगलुरु में आयोजित की गयी थी। लेकिन इस बार यह इच्छा भी पूरी हो गयी है। उन्होंने कहा, “मैं पुन: सभी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने पुन: मुझे इस गुरुत्तर दायित्व के योग्य समझा। संघ की जो परंपरा है, मार्गदर्शन है, मैं उस पर चलने का प्रयास करूंगा।”उन्होंने बाद में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष की तैयारी की दृष्टि से यह बैठक बहुत महत्त्वपूर्ण थी। इसमें हमारा ध्येय है कि भारतीय चिन्तन, समाज परिवर्तन में महिलाओं की सक्रिय सहभागिता बढ़े।
उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष मई से शुरू होकर अप्रैल 2025 तक अहिल्याबाई होल्कर की जन्म की त्रिशताब्दी मनाई जाने वाली है। अहिल्याबाई होल्कर ने देशभर के धार्मिक स्थलों का पुनर्निमाण करवाया और अभावग्रस्त लोगों के आर्थिक स्वावलम्बन के लिए बहुत कार्य किए हैं, जिसके संबंध में समाज को जानकारी नहीं है। इस वर्ष उनके योगदान को सम्पूर्ण भारत में प्रसारित करने की दृष्टि से योजना पर कार्य शुरू है।उन्होंने कहा कि बैठक में बताया गया कि अयोध्या में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा से संघ का व्यापक जनसंपर्क हुआ। अक्षत वितरण अभियान द्वारा 5,78,778 गावों और 4,727 नगरों के कुल 19 करोड़, 38 लाख, 49 हजार, 71 परिवारों से स्वयंसेवक सहित 44 लाख, 98 हजार 334 रामभक्तों ने संपर्क किया। इस अभियान द्वारा प्राप्त उत्साही प्रतिक्रिया और स्वागत ने लोगों में संघ के प्रति विश्वास को फिर से मजबूत किया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक 15 मार्च को शुरू हुई थी। आज अपराह्न सरसंघचालक मोहन भागवत के पाथेय के बाद बैठक का समापन हो जाएगा। बैठक में सभी 45 प्रांतों से 1500 से अधिक कार्यकर्ता उपस्थित हुए।बैठक में संघ शिक्षा वर्ग की रचना में नवीन पाठ्यक्रम जोड़ने का निर्णय हुआ है। पहले संघ शिक्षा वर्ग की रचना में – 7 दिनों का प्राथमिक शिक्षा वर्ग, 20 दिनों का प्रथम वर्ष, 20 दिनों का द्वितीय वर्ष और 25 दिनों का तृतीय वर्ष होता था। अब आगे नवीन रचना में 3 दिनों का प्रारम्भिक वर्ग, 7 दिनों का प्राथमिक शिक्षा वर्ग तथा 15 दिनों का संघ शिक्षा वर्ग तथा कार्यकर्ता विकास वर्ग-एक 20 दिन और 25 दिनों का कार्यकर्ता विकास वर्ग-2 होंगे। इन वर्गों में विशेष रूप से व्यावहारिक प्रशिक्षण का समावेश भी रहेगा।
उल्लेखनीय है कि कार्य की दृष्टि से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 45 प्रान्त हैं, इसके बाद विभाग और फिर जिला, खंड ऐसी रचना है। ऐसे 922 जिलों में, 6597 खंडों (तहसील) में तथा 12-15 गावों का एक समूह जिसे मण्डल कहा जाता है, ऐसे 27720 मंडलों में संघ की कुल 73 हजार 117 दैनिक शाखाएं लगती हैं। गत वर्ष से 4466 शाखाएं बढ़ी हैं। इन शाखाओं में 60 प्रतिशत विद्यार्थी और 40 प्रतिशत नौकरी अथवा व्यवसाय करने वाले कार्यकर्ताओं का समावेश है। इसमें 40 वर्ष से अधिक आयु के प्रौढ़ों की संख्या 11 प्रतिशत है। साप्ताहिक मिलन की संख्या 27 हजार 717 है, जिसमें गत वर्ष से 840 साप्ताहिक मिलनों की वृद्धि हुई। संघ मंडली की संख्या 10 हजार 567 है।
नगर और महानगरों के 10 हजार बस्तियों में 43 हजार प्रत्यक्ष शाखाएं लगती हैं। राष्ट्र सेविका समिति एवं विभिन्न संगठनों में सक्रिय महिला कार्यकर्ताओं के माध्यम से 44 प्रान्तों में 460 महिला सम्मेलन हुए, जिसमें 5 लाख 61 हजार महिलाएं सहभागी हैं।(वार्ता)