हमास के लिए छिपने की कोई जगह नहीं बचेगी : नेतन्याहू
तेलअवीव । इजरायली सेना ने बुधवार तड़के गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा पर कब्जा जमा लिया है। इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है। इसे लेकर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि गाजा में कोई भी ऐसी जगह नहीं है जहां पर उसका कब्जा न हो। नेतन्याहू ने कहा कि वह हर जगह पर सेना पहुंचाने की कोशिश करेंगे। जहां पर हमसे कहा जाएगा कि यहां पर नहीं जाना है।
इससे पहले सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद इजरायली पीएम ने कहा था कि अब हमास के लिए छिपने की कोई जगह नहीं होगी। इस बयान के बाद इजरायली सेना ने ऐसी हर जगह पर कार्रवाई की है, जहां पर फिलीस्तीनी आम नागरिकों को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। अल शिफा पर कार्रवाई के दौरान उसमें 2300 मरीज और कर्मचारी के साथ फिलिस्तीनी नागरिक मौजूद थे।
अमेरिका और ब्रिटेन ने हमास से जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं पर तीसरे दौर के प्रतिबंध लगाए
ब्रिटेन और अमरीका के वित्त मंत्रालय ने हमास से जुड़े व्यक्तियों पर तीसरे दौर के प्रतिबंध लगाए हैं। दोनों देशों की समन्वित कार्रवाई में हमास के प्रमुख लोगों के साथ-साथ ईरान समर्थित फलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के आतंकवादियों की पहचान की गई है।अमरीका की विदेश मंत्री जेनेट येलेन ने कहा है कि हमास की कार्रवाई से लोगों को भारी पीड़ा पहुंची है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और उसके साझेदार हमास के वित्तीय बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहे हैं और उन्हें दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर रोक लगा रहे हैं। हमास के वरिष्ठ नेता याह्या सिनवार और पांच अन्य पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।
कल जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि अमरीका के वित्त मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि हमास को मुख्य रूप से ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड और ईरान में पीआईजे के प्रतिनिधि नासिर अबू शरीफ से मुख्य आर्थिक सहायता मिल रही है।जिन लोगों को निशाना बनाया गया उनमें हमास के वरिष्ठ सदस्य और सह-संस्थापक, महमूद खालिद जाहर, लेबनान स्थित मनी एक्सचेंज कंपनी नबील चौमन एंड कंपनी, इसके मालिक और संस्थापक और मुआद इब्राहिम मोहम्मद राशिद अल-अतिली शामिल हैं।हालांकि अमरीका ने आश्वस्त किया है कि आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों की फंडिंग रोक दी जाएगी, लेकिन वंचित समुदायों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने वाली मानवीय सहायता जारी रहेगी।
इजरायल के खिलाफ 57 मुस्लिम देशों में नहीं बनी सहमति
सऊदी अरब के जेद्दाह में 57 मुस्लिम देशों के इस्लामिक अरब शिखर सम्मेलन की बैठक में इजरायल (Israel) के खिलाफ ठोस एक्शन पर सहमति नहीं बन सकी है. इस बैठक में सिर्फ बयानबाजी चलती रही और मीटिंग बिना किसी मत पर खत्म हो गई. इस बैठक को गाजा में हो रहे हमलों हो लेकर बुलाई गई थी. इसमें पाकिस्तान, तुर्किए समेत कुछ देशों ने सीजफायर की मांग की थी. अल्जीरिया, लेबनान जैसे कुछ देशों ने इजरायल को लेकर तेल सप्लाई रोकने का प्रस्ताव दिया था. इस पर सहमति नहीं बन सकी.
बैठक में कहा गया कि गाजा पर इजरायल का हमला पूरी तरह से गलत है. इस पर इजरायल का यह कहना कि यह आत्मरक्षा को लेकर हमला है, यह पूरी तरह से गलत है. अरब लीग और ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन की बैठक में कहा गया कि इजरायल के हमले अगर जारी रहे तो दूसरे देशों में भी इसका सीधा असर होने वाला है. अब तक 12 हजार लोगों की मौत होने से मिडिल ईस्ट के देशों में गुस्सा देखने को मिल रहा है. (वीएनएस)