
खरीफ के 14 फसलाें की एमएसपी में वृद्धि
सरकार ने दी बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी.वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज छूट योजना को जारी रखने को मंजूरी
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने वर्ष 2025-26 में खरीफ की फसल के लिए धान, बाजरा, मक्का, उडद, मूंगफली और सूरजमुखी बीज सहित 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की घोषणा की है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृ़ति दी गयी।बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि विपणन सीजन 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दे दी गयी है।उन्हाेंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि नाइजरसीड में 820 रुपये प्रति क्विंटल, रागी में 596 रुपये प्रति क्विंटल, कपास में 589 रुपये प्रति क्विंटल और तिल में 579 रुपये प्रति क्विंटल की गयी है।
श्री वैष्णव ने बताया कि धान ‘सामान्य’ का एमएसपी का 2300 रुपए से बढ़ाकर 2369 रुपए और धान ‘ए’ का 2320 रुपए से 2389 रुपए प्रति क्विंटल, ज्वार ‘संकर’ का 3371 रुपए से 3699 रुपए प्रति क्विंटल और ज्वार ‘मालदंडी’ का 3421 रुपए से 3749 रुपए प्रति क्विंटल, बाजरा का 2625 रुपए से 2775 रुपए, रागी का 4290 रुपए से 4886 रुपए और मक्का का 2225 रुपए से 2400 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है।उन्होंने बताया कि अरहर का एमएसपी 7550 रुपए से बढ़ाकर 8000 रुपए प्रति क्विंटल, मूंग का 8682 रुपए से 8786 रुपए प्रति क्विंटल और उडद का 7400 रुपए से 7800 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
इसके अलावा मूंगफली का एमएसपी 6783 रुपए से बढ़ाकर 7263 रुपए प्रति क्विंटल, सूरजमुखी के बीज का 7280 रुपए से 7721 रुपए प्रति क्विंटल, सोयाबीन-पीला का 4892 रुपए से 5328 रुपए प्रति क्विंटल, तिल का 9267 रुपए से 9846 रुपए प्रति क्विंटल, नाइजर सीड 8717 रुपए से 9537 रुपए प्रति क्विंटल और कपास – मध्यम का 7121 रुपए से 7710 रुपए और कपास – लंबा 7521 रुपए से 8110 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपणन सत्र 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है। वर्ष 2014-15 से वर्ष 2024-25 की अवधि के दौरान 14 खरीफ फसल उगाने वाले किसानों को दी गई एमएसपी राशि 16.35 लाख करोड़ रुपये थी।
सरकार ने दी बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी
सरकार ने आंध्र प्रदेश में 3653.10 करोड़ रुपये की लागत से 108.134 किलोमीटर लंबाई के चार लेन बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर के निर्माण को आज मंजूरी दे दी।केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार हुई बैठक में आंध्र प्रदेश में बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दी। इस 108.134 किलोमीटर लंबाई के चार लेन के निर्माण में 3653.10 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
उन्होंने कहा कि बडवेल नेल्लोर कॉरिडोर वाईएसआर कडप्पा जिले में मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-67 पर गोपावरम गांव से शुरू होता है और आंध्र प्रदेश के एसपीएसआर नेल्लोर जिले में एनएच-16 (चेन्नई-कोलकाता) पर कृष्णापटनम पोर्ट जंक्शन पर समाप्त होता है। यह कोरिडोर कृष्णापटनम पोर्ट को रणनीतिक संपर्क भी प्रदान करेगा जिसे चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (सीबीआईसी) के तहत प्राथमिकता नोड के रूप में पहचाना गया है।उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कॉरिडोर से कृष्णपट्टनम बंदरगाह तक की यात्रा की दूरी मौजूदा बाडवेल-नेल्लोर सड़क की तुलना में 142 किलोमीटर से 33.9 किलोमीटर कम होकर 108.13 किलोमीटर रह जाएगी। इससे यात्रा का समय एक घंटे कम हो जाएगा। प्रस्तावित कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण परियोजना से अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज छूट योजना को जारी रखने को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज छूट योजना (एमआईएसएस) के तहत ब्याज छूट (आईएस) घटक को जारी रखने और आवश्यक निधि व्यवस्था को मंजूरी दे दी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है। बैठक के बाद केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुये कहा किएमआईएसएस एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका उद्देश्य किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से किसानों को सस्ती ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। कैबिनेट का फैसला किसानों की आय को दोगुना करने, ग्रामीण ऋण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और समय पर और सस्ती ऋण पहुंच के माध्यम से कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।
मंत्री ने कहा कि मौजूदा ऋण लागत प्रवृत्तियों, औसत एमसीएलआर और रेपो दर को देखते हुए, ग्रामीण और सहकारी बैंकों का समर्थन करने और किसानों के लिए कम लागत वाले ऋण तक निरंतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ब्याज छूट दर को 1.5 प्रतिशत पर बनाए रखना आवश्यक है।उन्होंने कहा कि योजना के तहत किसानों को केसीसी के माध्यम से सात प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर तीन लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण प्राप्त हुए, जिसमें पात्र ऋण देने वाली संस्थाओं को 1.5 प्रतिशत ब्याज छूट प्रदान की गई।उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त समय पर ऋण चुकाने वाले किसान शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) के रूप में तीन प्रतिशत तक के प्रोत्साहन के पात्र हैं, जिससे केसीसी ऋण पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से चार प्रतिशत तक कम हो जाती है। पशुपालन या मत्स्य पालन के लिए लिये गए ऋणों पर ब्याज लाभ दो लाख रुपये तक लागू है।
श्री वैष्णव ने कहा कि देश में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते हैं। इस समर्थन को जारी रखना कृषि के लिए संस्थागत ऋण के प्रवाह को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, जो उत्पादकता बढ़ाने और छोटे और सीमांत किसानों के लिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।केसीसी के माध्यम से संस्थागत ऋण वितरण 2014 में 4.26 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2019 में 1.25 लाख करोड़ रुपये और दिसंबर 2024 तक 10.05 लाख करोड़ रुपये हो गया। कुल कृषि ऋण प्रवाह भी वित्त वर्ष 2013-14 में 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 25.49 लाख करोड़ रुपये हो गया। अगस्त 2023 में किसान ऋण पोर्टल (केआरपी) के शुभारंभ जैसे डिजिटल सुधारों ने दावा प्रसंस्करण में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाया गया है।(वार्ता)
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