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ओबीसी छात्रों के सशक्तीकरण में 300 करोड़ की छात्रवृत्ति, 2047 तक 80,000 करोड़ देने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ओबीसी छात्रों के सशक्तीकरण की दिशा में नया इतिहास रचा है। शुक्रवार को 10,28,205 से अधिक छात्रों को 300 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति डीबीटी के माध्यम से दी गई, जिसमें 4,83,000 से अधिक ओबीसी छात्रों को 126.69 करोड़ रुपये मिले। सरकार ने 2047 तक 7 करोड़ से अधिक ओबीसी छात्रों को 80,000 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति देने का संकल्प लिया है। पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और सामाजिक समानता पर आधारित यह प्रयास ‘विकसित यूपी’ की दिशा में एक बड़ा कदम है।

  • ओबीसी छात्रों के उत्थान में योगी सरकार अव्वल: 2017 से अब तक 2.07 करोड़ से अधिक ओबीसी छात्रों को छात्रों को मिल चुकी है छात्रवृत्ति.पिछले आठ वर्षों में ओबीसी छात्रों के कल्याण के लिए उठाए कई ऐतिहासिक कदम.ग्रामीण और वंचित ओबीसी युवाओं को उच्च शिक्षा से जोड़ने में सफल हुई योगी सरकार.

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के सशक्तीकरण में अभूतपूर्व प्रगति हासिल की है। ओबीसी समुदाय के उत्थान के बिना ‘विकसित यूपी’ का सपना अधूरा है और योगी सरकार इसे साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। शुक्रवार को 10,28,205 से अधिक छात्र-छात्राओं को 300 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप डीबीटी के जरिए वितरित की गई, जिसमें ओबीसी के 4,83,000 से अधिक छात्रों को 126.69 करोड़ रुपये प्रदान किए गए। सरकार ने 2047 तक 7 करोड़ से अधिक ओबीसी छात्रों को 80,000 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति देने का संकल्प लिया है।

2016-17 तक केवल 46 लाख बच्चे स्कॉलरशिप का लाभ ले पाते थे, लेकिन योगी सरकार ने इसे बढ़ाकर 62 लाख तक पहुंचा दिया। यह पारदर्शी और त्वरित वितरण योगी सरकार की तकनीकी दक्षता का परिणाम है कि इस बार अनुसूचित जाति-जनजाति के 3,56,000 छात्रों को 114.92 करोड़, सामान्य वर्ग के 97,000 से अधिक छात्रों को 29.18 करोड़ और अल्पसंख्यक वर्ग के 90,758 छात्रों को 27.16 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप डीबीटी के जरिए दी गई।

ग्रामीण और वंचित ओबीसी युवाओं को उच्च शिक्षा से जोड़ने में सफल हुई योगी सरकार

पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार ने ओबीसी कल्याण में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। वर्ष 2024-25 में 32,22,499 ओबीसी छात्रों को स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति दी गई, जबकि 2017 से अब तक 2,07,53,457 छात्रों को 13,535.33 करोड़ रुपये का लाभ मिला। यह राशि पूर्ववर्ती सरकार के 4,197 करोड़ रुपये के व्यय से चार गुना अधिक है, इसमें उन ओबीसी छात्रों की बड़ी संख्या शामिल है जो प्रदेश के ग्रामीण इलाकों और सुदूर क्षेत्रों से आते हैं। यह आंकड़ा न केवल सरकार की नीतियों की सफलता दर्शाता है, बल्कि ग्रामीण और वंचित ओबीसी युवाओं को उच्च शिक्षा तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रहा है।

ओबीसी समुदाय का सशक्तीकरण ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ का मूलमंत्र

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई मौके पर कह चुके हैं कि शिक्षा सामाजिक समानता का आधार है। ओबीसी समुदाय का सशक्तीकरण ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ का मूलमंत्र है। हमारा लक्ष्य हर वंचित छात्र को शिक्षा का अवसर देना है। सरकार ने 2047 तक 7 करोड़ से अधिक ओबीसी छात्रों को 80,000 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति देने का संकल्प लिया है। यह दीर्घकालिक दृष्टिकोण ग्रामीण ओबीसी युवाओं को तकनीकी, चिकित्सा और अन्य उच्च शिक्षा क्षेत्रों में आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने डीबीटी के जरिए पारदर्शिता सुनिश्चित की है, जिससे स्कॉलरशिप सीधे छात्रों के खातों में पहुंच रही है। यह पहल न केवल छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है, बल्कि ओबीसी समुदाय में आत्मविश्वास और सामाजिक गौरव भी जगा रही है। योगी सरकार के इस प्रयास से उत्तर प्रदेश सामाजिक और शैक्षिक समानता का नया मॉडल बन रहा है।

पिछड़ा वर्ग कल्याण व दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि योगी सरकार ने ओबीसी और दिव्यांगजनों के लिए खजाना खोल दिया है। हमारा लक्ष्य है कि पिछड़ों को शिक्षा से सशक्त बनाकर सामाजिक समानता सुनिश्चित करें। यह प्रयास ‘विकसित यूपी’ का आधार बनेगा।

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