देश में जल्द ही रोजाना 3 लाख शीशी रेमडेसिविर का होगा उत्पादन, 25 नए उत्पादन स्थलों को मंजूरी
देश में जल्दी ही रोजाना तीन लाख वायल (शीशी) रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन हो सकेगा। शुक्रवार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि 12 अप्रैल से रेमडेसिविर का उत्पादन करने के लिए 25 नए उत्पादन स्थलों को मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि “उत्पादन क्षमता बढ़कर अब प्रति माह 90 लाख शीशी तक हो गई है, जो कि पहले 40 लाख शीशियां प्रति महीने थी। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर का बहुत जल्द उत्पादन 3 लाख शीशियां प्रतिदिन हो जाएगा। दैनिक रूप से उत्पदान की निगरानी की जा रही है।
केंद्र ने सीमा शुल्क किया माफ
इससे पहले केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर, उसके कच्चे माल और अन्य घटकों पर सीमा शुल्क को माफ कर दिया है। जिन वस्तुओं पर शुल्क माफ किया गया है, उनमें रेमडेसिविर के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले रेमडेसिविर सक्रिय फार्मास्युटिकल अवयव (एपीआई), इंजेक्शन रेमडेसिविर और बीटा साइक्लो दो डेक्सट्रिन शामिल हैं। यह आयात शुल्क छूट 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी।
राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने पिछले सप्ताह कहा था कि विभिन्न दवा कंपनियों ने सरकार के हस्तक्षेप पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमतों में कटौती की है।
कंपनी ने कितनी घटाई कीमत
> कैडिला हेल्थकेयर के रेमडेक टीके की कीमत 2 हजार 8 सौ रुपये से घटकर 899 रुपये
> सिनजेन इंटरनेशनल के रेमविन टीके की कीमत अब 3,950 रुपये के स्थान पर 2,450 रुपये
> डॉक्टर रेड्डी के रेडिक्स टीके का मूल्य 5,400 के स्थान पर 2,700 रुपये
> सिपला के सिपरेमी टीके का मूल्य 4,000 की बजाय 3,000 रुपये
> मेलान फार्मास्क्युटीकल्स के डेसरेम का टीका 4,800 के स्थान पर 3,400 रुपये
> जूबीलेंट जेनेरिक के जूबी-आर का टीका अब 4,700 की बजाय 3,400 रुपये
> हेट्रो हेल्थ केयर का कोविफॉर का टीका 5,400 के स्थान पर 3,490 रुपये