
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मालगाड़ी की चपेट में आने से 16 प्रवासी मजदूरों की मौत
प्रवासी मजदूरों की यह रही दर्दभरी दास्तां... थककर रेलवे ट्रैक पर लेट गए तो फिर कभी नहीं उठे
औरंगाबाद,। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में करमान्ड के पास मालगाड़ी की चपेट में आने से 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। मालगाड़ी का एक खाली रैक कुछ लोगों के ऊपर चढ़ गया। प्राप्त सूचना के अनुसार मारे गए सभी मजदूर मध्य प्रदेश लौट रहे थे और रेल की पटरियों पर सोये हुए थे, जीवित बचे लोगों में दो घायल हैं। जानकारी के अनुसार वे रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे। अधिकारी ने बताया कि ट्रेन ने सुबह सवा पांच बजे उन्हें कुचल दिया।
दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) के नांदेड़ डिवीजन के जालना और औरंगाबाद के बीच एक मालगाड़ी 15 से अधिक प्रवासी मजदूरों के ऊपर से गुजर गई: रेलवे अधिकारी
दक्षिण सेंट्रल रेलवे की चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर का कहना है कि औरंगाबाद में कर्माड के पास एक हादसा हुआ है, जहां मालगाड़ी का एक खाली डिब्बा कुछ लोगों के ऊपर चढ गया । आरपीएफ और स्थानीय पुलिस मौके पर मौजूद है। रेलवे अधिकारी के मुताबिक जालना और औरंगाबाद के बीच एक मालगाड़ी 15 से अधिक प्रवासी मजदूरों के ऊपर से गुजर गई। हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई है और कुछ लोग घायल हो गए। नांदेड़ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक उपिंदर सिंह भी व्यक्तिगत रूप से राहत कार्यों की निगरानी के लिए घटना स्थल पर पहुंच गए। दवाओं और चिकित्सा उपकरणों से युक्त चिकित्सा राहत यान (एमआरवी) भी चिकित्सा सहायता के लिए चिकित्सकों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को साथ लेकर घटना स्थल पर पहुंच गया। एससीआर के महाप्रबंधक श्री गजानन माल्या ने हादसे की सूचना मिलने के बाद तुरंत विभिन्न विभागों के प्रमुखों की बैठक बुलाई और तेजी से राहत एवं बचाव कार्य करने के निर्देश दिए। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (दक्षिण मध्य क्षेत्र) की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं और इस संबंध में उठाए जा रहे कदमों की उन्हें लगातार जानकारी दी जा रही है।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार सुबह मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। लॉकडाउन के दरम्यान जान गंवाने वाले लोगों का यह कोई पहला वाक्या नहीं है। एक अध्ययन सामने आया जिसमें दावा किया जा रहा है कि देशव्यापी बंद के बीच 300 से अधिक ऐसे मामले हैं जो प्रत्यक्ष तौर पर तो कोरोना संक्रमण से जुड़े नहीं हैं, लेकिन इससे जुड़ी अन्य समस्याएं इनका कारण है। जिसके चलते इन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
शोधकर्ताओं ने 19 मार्च से लेकर 2 मई के बीच 338 मौतें होने का दावा किया है, जो लॉकडाउन से जुड़ी हुई हैं। इन शोधकर्ताओं के समूह में पब्लिक इंटरेस्ट टेक्नोलॉजिस्ट तेजेश जीएन, सामाजिक कार्यकर्ता कनिका शर्मा और जिंदल ग्लोबल स्कूल ऑफ लॉ में सहायक प्रोफेसर अमन शामिल हैं।
अध्ययन के अनुसार आंकडें बताते हैं कि 80 लोगों ने अकेलेपन से घबराकर और संक्रमण के भय से आत्महत्या कर ली तो दूसरी तरह मरने वालों का सबसे बड़ा आंकड़ा प्रवासी मजदूरों का है।
कोरोना संक्रमण के चलते देशव्यापी बंद होने की वजह से प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौटने लगे। जहां कई सड़क दुर्घटनाओं में 51 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। तो वहीं शराब नहीं मिलने से 45 लोगों की मौत हो गई और भूख एवं आर्थिक तंगी के चलते 36 लोगों की जान गई।
शोधकर्ताओं ने तो 2 मई तक के ही आंकड़े जारी किए हैं लेकिन शुक्रवार तड़के तो 16 और प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। इनका जिम्मेदार कौन है ? क्योंकि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन की सबसे बड़ी मार मजदूरों को पड़ी हैं। जो जहां था वहीं रुक गया, लेकिन तंग हालत में मजदूर कितने दिनों तक अपने धैर्य को बांध कर रखता। ऐसे में वह पैदल ही निकल पड़ा हजारों किमी का सफर तय करने के लिए। मन में सिर्फ घर पहुंचने का जज्बा लिए हुए। मीडियाकर्मियों ने जब इन प्रवासियों से बातचीत की तो तरह-तरह की बातें सामने आई।
कुछ मजदूरों का कहना था कि पैसा पूरी तरह से खत्म हो चुका है कैसे जीवनयापन करते तो पैदल ही चल दिए। तो कुछ का कहना है कि यहां पर रुकने की और न ही भोजन की कोई व्यवस्था मिली ऐसे में क्या करते।
जिसके चलते प्रवासी मजदूरों ने घर जाना शुरू कर दिया। हालांकि, सरकार भी इन मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजने का काम कर रही है। लेकिन, फिर मजदूरों से रेल किराया वसूल करने का मामला सामने आया जिसकी काफी आलोचनाएं हुईं और फिर यात्राएं भी निशुल्क हो गईं।
प्रधानमंत्री ने रेल मंत्री से की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रेन दुर्घटना में मारे गए प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि, ‘महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल दुर्घटना में लोगों के मारे जाने से बहुत दुखी हूं। रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की है और वह स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं।’
सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
रेल दुर्घटना में मारे गए 16 प्रवासी मजदूरों के परिजनों को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।