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योगी का काम, मिल्कीपुर बोला- जयश्रीराम

मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ, शासनिक दायित्व, उत्तर प्रदेश दिवस आदि की व्यस्तता के बीच दो बार भाजपा उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान के लिए की रैली.24 जनवरी व दो फरवरी को मिल्कीपुर में योगी ने किया अयोध्यावासियों से संवाद, सपा के परिवारवाद पर भारी पड़ा भाजपा का राष्ट्रवाद.

– अपने प्रत्याशी के लिए सिर्फ एक बार पहुंचे अखिलेश, अयोध्या पहुंचकर भी नहीं किया रामलला का दर्शन

लखनऊ : अयोध्या में योगी का विकास कार्य रंग लाया। पीएम मोदी के नेतृत्व में योगी आदित्यनाथ ने जिस रामनगरी को त्रेतायुगीन वैभव प्राप्त करने में बड़ी भूमिका का निर्वहन किया। उस अयोध्या ने योगी के आह्वान पर मिल्कीपुर में जयश्रीराम का उद्घोष कर कमल का फूल खिलाया। योगी के काम के बलबूते पूरे मिल्कीपुर से जयश्रीराम-जयश्रीराम की गूंज सुनाई दी, लिहाजा भाजपा उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान यहां 61710 वोट से जीतने में सफल हुए। महाकुम्भ, शासनिक दायित्व, उत्तर प्रदेश दिवस समेत अनेक व्यस्तताओं के बीच भी योगी आदित्यनाथ दो बार चंद्रभानु पासवान के लिए जनता से संवाद करने पहुंचे। वहीं अपने प्रत्याशी के लिए पहुंचे अखिलेश यादव के प्रयास व्यर्थ ही साबित हुए। अयोध्या पहुंचकर भी अखिलेश ने रामलला के दर्शन नहीं किए।

रंग लाई योगी की अपील- राष्ट्रवाद जीता, परिवारवाद हारा

अपने रैलियों में योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रवाद को जिताने और परिवारवाद को हराने की अपील की। योगी की इस अपील का मिल्कीपुरवासियों पर इतना असर हुआ कि यहां वोट देने में भी मतदाता प्रथम श्रेणी में पास हुए। भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान को कुल 146397 वोट मिले, उन्हें 60.17 फीसदी वोट प्राप्त हुए। उन्हें ईवीएम से 146291 व पोस्टल से 106 वोट मिले। जबकि समाजवादी पार्टी के परिवारवाद को जनता ने खारिज कर दिया। सपा सांसद के बेटे व उपचुनाव से सपा प्रत्याशी 84655 वोट ही प्राप्त कर सके। पोस्टल बैलेट में भी वे दहाई के आंकड़े में ही रहे। उन्हें महज 32 वोट मिले। उन्हें कुल 64687 वोट ही मिले। कुल 34.81 फीसदी वोट पाने में सफल रहे।

योगी के सामने फीकी हुई अखिलेश-अवधेश की रंगत

पीएम मोदी के नेतृत्व में बतौर कार्यकर्ता योगी आदित्यनाथ ने पार्टी से मिले दायित्वों को खूब निभाया। महाराष्ट्र, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली में भी उनकी रैलियां खूब सफल रहीं। हाल में संपन्न हुए यूपी के उपचुनावों में नौ में से सात सीटों पर योगी के विकास पर जनता ने मुहर लगाई। वहीं दसवीं सीट (मिल्कीपुर) पर हुए उपचुनाव में भी योगी की अपील ही जनता ने सुनी। योगी के सामने अखिलेश-अवधेश की रंगत फीकी हुई। 2012-2022 में मिल्कीपुर व 2024 में अयोध्या से सांसद बने अवधेश प्रसाद को जनता ने खारिज कर दिया। वे अपने बेटे को जिता न सके। योगी के सामने अखिलेश-अवधेश की जोड़ी को जनता ने नकार दिया।

सीएम की संवाद शैली और शासनिक दक्षता ने मिल्कीपुर में खिलाया कमल

एक तरफ योगी आदित्यनाथ की संवाद शैली तो दूसरी तरफ उनकी सख्त छवि की बदौलत यूपी के प्रति बदली सकारात्मक धारणा ने इस जीत में काफी अहम भूमिका निभाई। यही नहीं, स्थानीय मुद्दों को उठाकर एक तरफ जहां उन्होंने आमजन के नब्ज को टटोला तो वहीं अयोध्या के चतुर्दिक विकास कराकर जनता के दिल में अपनी जगह बनाई। अयोध्या में हुई घटनाओं पर माफिया के खिलाफ उनकी कार्रवाई को भी जनता ने नजीर माना। भ्रष्टाचार पर उनका प्रहार और स्थानीय मुद्दों को उठाकर नब्ज पकड़ना मतदाताओं को भा गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दोनों रैलियों में जबर्दस्त भीड़ उमड़ी। योगी के इस आह्वान के साथ समूचा समाज भी जुड़ रहा है। मुख्यमंत्री के आह्वान पर भाजपा नेता व कार्यकर्ता चंद्रभानु की जीत में जुट गए।

मुख्यमंत्री ने मिल्कीपुर में की दो रैली

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में दो रैली की। उनकी पहली रैली 24 जनवरी को हुई। 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस और मुख्य अतिथि के रूप में उपराष्ट्रपति की मौजूदगी की व्यस्तता के बावजूद उन्होंने मिल्कीपुर पहुंचकर जनता से संवाद साधा। महाकुम्भ में तीन फरवरी को बसंत पंचमी का अमृत स्नान था, लिहाजा उनकी दूसरी रैली चुनाव प्रचार समाप्त होने के एक दिन पहले दो फरवरी को हुई। इस रैली में भी योगी आदित्यनाथ को सुनने बड़ी संख्या में मतदाता पहुंचे थे।

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