
सपा पर भड़के योगी, कहा- अपने विधायक को तत्काल पार्टी से बाहर करो
सीएम ने संगम में शुद्धता के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। बोले कि जनवरी से फरवरी तक हर सैंपल पास हुआ है। यह चीजें दिखाती हैं कि मां गंगा व नदी संस्कृति अपनी शुद्धता का ध्यान भी रखती है, क्योंकि वह हमारी जीविका व जीवन का भी आधार है।.बोले- 20 करोड़ बेरोजगारी भत्ता बांटने के लिए समाजवादी पार्टी ने समारोह के आयोजन में ही खर्च कर दिए थे 15 करोड़ रुपये .सीएम ने गिनाई उपलब्धि, बोले-कनेक्टिविटी औद्योगिक निवेश की रीढ़ बनती है, यूपी में जल, थल और नभ में भी डबल इंजन सरकार ने की बेहतरीन कनेक्टिविटी .
- सपा लोहिया के रास्ते से भटकी, औरंगजेब को बना रही आदर्श : योगी
- महाकुम्भ को कोसने वाली सपा औरंगजेब की तारीफ में जुटी : सीएम
- जिनका आचरण औरंगजेब जैसा वो करें उसपर गर्व : मुख्यमंत्री
लखनऊ । महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने वाले बयान ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। बुधवार को विधान परिषद में बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अबू आजमी के बयान पर सपा को आड़े हाथों लेते हुए जमकर फटकार लगाई। योगी ने सपा से अपने विधायक को तत्काल पार्टी से निलंबित करने और उसे उत्तर प्रदेश भेजने की मांग की, साथ ही चेतावनी दी कि यूपी ऐसे लोगों का इलाज करने में देरी नहीं करता। बता दें कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब को ‘महान प्रशासक’ बताते हुए उसकी प्रशंसा की थी। इस बयान के बाद यूपी विधान परिषद् में मुख्यमंत्री ने सपा को आड़े हाथ लिया है।
सपा औरंगजेब जैसे क्रूर शासक को अपना आदर्श मान रही
मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि सपा भारत की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व नहीं करती और अपने मूल विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों से भटक गई है। उन्होंने कहा कि डॉ. लोहिया ने भारत की एकता के तीन आधार बताए थे- श्रीराम, श्रीकृष्ण और भगवान शिव, लेकिन आज सपा औरंगजेब जैसे क्रूर शासक को अपना आदर्श मान रही है। योगी ने औरंगजेब के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि उसने अपने पिता शाहजहां को आगरा किले में कैद कर पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसाया था। उन्होंने सपा नेताओं को पटना की लाइब्रेरी में शाहजहां की जीवनी पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि शाहजहां ने औरंगजेब को कहा था कि तुम से अच्छा तो हिन्दू है जो जीते जी तो अपने बुजुर्ग मां-बाप की सेवा करता है और मृत्युपरांत वर्ष में एक बार श्राद्ध करते हुए मां-बाप को जल अर्पित करता है। सीएम ने कहा कि जिन लोगों का आचरण औरंगजेब जैसा है वो उसपर गर्व कर सकते हैं।
सपा औरंगजेब जैसे ‘दुर्दांत और धर्मांध’ शासक का महिमामंडन करती है
योगी ने सपा पर भारत की आस्था पर प्रहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि औरंगजेब ने जजिया कर लगाया, मंदिर तोड़े और भारत का इस्लामीकरण करने की कोशिश की। कोई सभ्य मुसलमान अपने बेटे का नाम औरंगजेब नहीं रखता, क्योंकि उसे पता है कि वह उसे एक एक बूंद पानी के लिए तरसा देगा। उन्होंने सपा से सवाल किया कि वह महाकुम्भ जैसे आयोजन की आलोचना करती है और दूसरी ओर औरंगजेब जैसे ‘दुर्दांत और धर्मांध’ शासक का महिमामंडन करती है। मुख्यमंत्री ने सपा को चुनौती दी कि वह अपने विधायक (अबू आजमी) को पार्टी से निकाले और उसे यूपी भेजे, यहां उसका ‘उपचार’ किया जाएगा। उन्होंने सदन में पूछा कि जो छत्रपति शिवाजी की परंपरा पर लज्जा महसूस करता हो और औरंगजेब को नायक मानता हो, क्या उसे भारत में रहने का अधिकार है?
महाकुम्भ ने बदली यूपी की अर्थव्यवस्था, सीएम योगी बोले- विरासत और विकास का संगम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में महाकुम्भ के आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विरासत को विकास से जोड़ने’ के मंत्र की सराहना की और बताया कि काशी, अयोध्या और प्रयागराज जैसे तीर्थस्थलों ने इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित किया, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। सीएम योगी ने कहा कि 2019 से पहले काशी में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित थी, लेकिन काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद काशी ने नया रूप लिया। 13 जनवरी से 27-28 फरवरी तक काशी पूरी तरह पैक रही। रोजाना 5 से 25 लाख श्रद्धालु पहुंचे, मां गंगा में स्नान किया और काशी के वैभव से अभिभूत हुए। उन्होंने काशीवासियों के आतिथ्य सत्कार और धैर्य को भी सराहा। अयोध्या में भी यही स्थिति रही, जहां प्रतिदिन 5 से 15 लाख श्रद्धालु पहुंचे। योगी ने कहा कि अयोध्या के नागरिकों और संतों ने अपनी सुविधाओं की परवाह न करते हुए श्रद्धालुओं का स्वागत किया। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 28-29 जनवरी को 2 लाख वाहनों को आसपास के जनपदों में रोका गया, जहां स्थानीय लोगों ने भोजन और पानी की व्यवस्था की।
मुख्यमंत्री ने एक नाविक परिवार का उदाहरण देते हुए बताया कि उनके पास 130 नौकाओं का बेड़ा था, जिससे उन्होंने 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 30 करोड़ रुपये की कमाई की। सीएम योगी ने कहा कि महाकुम्भ में हर तबके ने अच्छी आमदनी की। इससे यूपी की अर्थव्यवस्था में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान मिलेगा। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री के विजन का परिणाम बताते हुए कहा कि यूपी देश की आत्मा है और पूरी दुनिया ने महाकुम्भ के महा चमत्कार को देखा है।
विपक्ष पर प्रहार, कहा- दूध पीकर गोवंश को सड़क पर छोड़ देते हैं और सरकार को कोसते हैं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधान परिषद में अपने संबोधन में राज्य सरकार की उपलब्धियों का बखान किया और विपक्षी समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सपा को इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और कानून व्यवस्था का दुश्मन करार देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने बेहतरीन कानून व्यवस्था और मजबूत नीतियों के दम पर राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर किया है। योगी ने किसानों, निवेश, बिजली और कृषि क्षेत्र में किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी सदन के समक्ष रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए उठाए गए कदमों से यूपी, जो कभी देश के विकास का ब्रेकर था, आज इकोनॉमी का ब्रेक थ्रू और ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है।
सपा इन्फ्रास्ट्रक्चर और कानून व्यवस्था की दुश्मन
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 45 लाख करोड़ रुपये के एमओयू में से 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश को धरातल पर उतारा है। उन्होंने गोरखपुर में 15 हजार करोड़ के निवेश और वाराणसी में फ्रेट विलेज के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके लिए अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर और कानून व्यवस्था जरूरी है और आप (सपा) इन दोनों के दुश्मन हैं।
निवेश और रोजगार की नई पहचान
सीएम योगी ने अपनी सरकार की 33 सेक्टोरियल पॉलिसी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और ओडीओपी का जिक्र करते हुए कहा कि इन प्रयासों ने यूपी को नई पहचान दी है। लखनऊ-हरदोई के बीच मेगा इंटीग्रेटेड टेक्स्टाइल पार्क और 10 जनपदों में संत कबीर टेक्स्टाइल पार्क जैसी योजनाओं का उल्लेख किया। साथ ही बताया कि 96 लाख एमएसएमई यूनिट्स और इनपर 5 लाख रुपये के बीमा की सुविधा देने वाला यूपी देश का पहला राज्य बन गया है।
बिजली व्यवस्था में हुए क्रांतिकारी बदलाव
मुख्यमंत्री ने सपा शासन की बिजली व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आपने यूपी को अंधेरे में छोड़ रखा था। ट्रांसफॉर्मर फुंकने पर हफ्तों इंतजार करना होता था, चंदा लगाना पड़ता था। उन्होंने बताया कि आज बिजली की खपत करीब 33 मेगावाट हो गई है। सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी जिलों, तहसीलों, शहर और गांव को बिजली प्रदान कर रही है। अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है और 17 नगर निगमों को भी सौर ऊर्जा से जोड़ा जा रहा है।
किसानों के हित में उठाये गये बड़े कदम
सीएम योगी ने कहा कि यूपी खाद्यान्न उत्पादन में नंबर एक है और कृषि विकास दर 14% तक पहुंच गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 28.58 लाख किसानों ने बीमा कराया, जिसमें 9.33 लाख को 495.41 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति मिली। साथ ही, 2.73 लाख करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान और 119 चीनी मिलों की बढ़ी क्षमता का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि यूपी 400 लाख टन सब्जियों के उत्पादन के साथ देश में पहले स्थान पर है। खाद्यान्न उत्पादकता 27.25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 30.51 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई है। तिलहन उत्पादन में 128% की वृद्धि दर्ज की गई। धान और गेहूं खरीद में भी तीन से पांच गुना तक का इजाफा हुआ है। सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार अन्नदाता किसानों के लिए माता शबरी के नाम पर मंडियों में कैंटीन और विश्रामालय स्थापित करने जा रही है। उन्होंने लखनऊ में 251 करोड़ की लागत से चौधरी चरण सिंह के सम्मान में सीड पार्क की स्थापना की भी बात कही।
गोवंश पर विपक्ष को लिया आड़े हाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि आप लोग दूध पीकर गोवंश को सड़क पर छोड़ देते हैं और सरकार को कोसते हैं। उन्होंने अपनी सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए बताया कि 12 लाख 50 हजार गोवंश के लिए 60,713 गो-आश्रय स्थल बनाए गए हैं। साथ ही निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत 1 लाख 5 हजार पशुपालकों को 1 लाख 63 हजार गोवंश सौंपे गए हैं। इसके लिए सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की है।
सपा पर कसा तंज, प्रदूषण की बात करने वाले वही लोग हैं, जो अपने समय में कुछ कर नहीं पाए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बुधवार को बजट पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में हुई चर्चा में उच्च सदन से जुड़े लगभग 50 सदस्य भाग ले रहे हैं। लोकतंत्र का इससे अद्भुत दूसरा परिदृश्य दिखना बहुत कठिन है। संवाद व विचारों की अभिव्यक्ति लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने सदस्यों से कहा कि अपनी अभिव्यक्ति को मर्यादा के दायरे में सदन के मंच पर रखें। सीएम ने बजट को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष से जुड़े सदस्यों के बहुमूल्य विचारों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
लोग अनर्गल प्रलाप कर रहे थे, हम लोग जिम्मेदारियों का निर्वहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम उन सभी घटनाओं के साक्षी बन रहे हैं। महाकुम्भ प्रयागराज उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश-दुनिया के हर व्यक्ति के मस्तिष्क में छाया दिखा है। यह यूनिक इवेंट बनकर दुनिया को लंबे समय तक अपनी ओर आकर्षित करेगा। सीएम ने कहा कि जब महाकुम्भ का आयोजन हो रहा था तो कई सदस्य, संगठन व पार्टियां अनर्गल प्रलाप भी कर रहे थे। इससे इतर हम लोग मौन रहकर जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे थे।
दुनिया की मीडिया ने भी की महाकुम्भ की सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ के महत्व, आध्यात्मिक पहलू, सामाजिक पहलू, राष्ट्रीय एकात्मकता व आर्थिक पहलू को लेकर अनेक विचारकों-विशेषज्ञों ने राय रखी। कुम्भ के बारे में चर्चा वही कर सकता है, जिसने महाकुम्भ का दर्शन किया हो। जो महाकुम्भ नगरी में जाकर सांस्कृतिक-आध्यात्मिक आयोजन का सहभागी बना होगा, महाकु्म्भ के अलग-अलग पक्षों के बारे में वही चर्चा कर पाएगा। भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भागवत में कहा है कि मुझे जो जिस रूप में स्मरण करता है, मैं उसे उसी रूप में दिखाई देता हूं। जिसकी जैसी दृष्टि थी, उसे वैसी ही सृष्टि प्रयागराज में देखने को मिली। इस महाआयोजन को यूनेस्को के निदेशक समेत दुनिया की मीडिया ने भी काफी सराहा।
सीएम ने सुधीश पचौरी के आर्टिकल का भी किया जिक्र
मुख्यमंत्री ने एक दैनिक समाचार पत्र में बुधवार को आलोचक सुधीश पचौरी के आर्टिकल का भी जिक्र किया। बोले कि वे संघ विचारधारा के नहीं हैं, उनका भाजपा से भी कोई संबंध नहीं है, लेकिन उन्होंने महाकुम्भ के बारे में लिखा है कि समाज अपने अनुभवों के बारे में जीता है। 45 दिन लंबे अनुभव में हर दिन एक से डेढ़ करोड़ की संख्या में आती, संगम में सहज अनुशासित भाव से ‘आस्था की डुबकी’ लगाती और उतनी शांति से वापस जाती भीड़ ने अपने सद्व्यवहार से दुनिया की मीडिया को आकर्षित व अभिभूत किया है। उन्होंने लिखा है कि ऐसी उदारता, सहजता, सहनशीलता, विनम्रता व शालीनता गहरा आदर भाव पैदा करती है यानी हर व्यक्ति के मन में भारत व सनातन के प्रति यह भाव है।
महाकुम्भ ने प्रस्तुत किया सामाजिक अनुशासन
मुख्यमंत्री ने कहा कि 45 दिन में 66.30 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए। यूपी हो या प्रयागराज, कहीं भी लूट, अपहरण, दुष्कर्म, छेड़छाड़ की घटना नहीं हुई, जिससे कोई शर्मिंदा महसूस करे। यह सामाजिक अनुशासन है। जाति, भेद, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र का कोई भेद नहीं रहा। महाकुम्भ ने वसुधैव कुटुम्बकम् के भाव को जागृत करने वाला नया संदेश दिया है।
दुनिया जान ले, समस्त हिंदू समाज एक है…
मुख्यमंत्री ने बताया कि पचौरी लिखते हैं कि क्या पता कि ऐसे ही निंदकों के प्रतिकार में इस महाकुम्भ में इतने रिकॉर्डतोड़ श्रद्धालु आए, ताकि दुनिया जान ले कि समस्त हिंदू समाज एक है। जो लोग महाकुम्भ की निंदा कर रहे थे, कभी प्रदूषण, व्यवस्था व झूठी खबरों को लेकर महाकुम्भ के आयोजन को हतोत्साहित करना चाहते हैं। उन सब निंदकों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जनता-जनार्दन प्रतिकार के रूप में उपस्थित दिखाई दी। उन्होंने कहा कि हम सब एक हैं।
महाकुम्भ ने नया हिंदू विमर्श भी पैदा किया है
सीएम ने लेख को पढ़ते हुए बताया कि महाकुम्भ ने नया हिंदू विमर्श भी पैदा किया है कि हे पश्चिमी आधुनिकता! जिसे तूने दूषित किया, वह अब भी हमारे लिए पवित्र है। क्योंकि यही हमारी सुरसरि है, जो वह बहते-बहते हर एक को पवित्र करती रहती है, विज्ञान भी तो यही कहता है कि बहता हुआ जल अपने आप को पवित्र करता रहता है। हमारी नदी संस्कृति भी यही है।
सपा सरकार ने गंगा की शुद्धता के लिए नहीं उठाया कोई कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की अविरलता व पवित्रता के बारे में प्रश्न उठ रहा था। मां गंगा बिजनौर से बलिया तक 1000 किमी. दूरी तय करती हैं। नमामि गंगे परियोजना (2014) के पहले सबसे क्रिटिकल प्वाइंट कानपुर था। यह न सिर्फ यूपी, बल्कि गंगोत्री से लेकर गंगासागर के 2500 किमी. के दायरे में था। कानपुर में 125 वर्ष से सीसामऊ में चार करोड़ लीटर सीवर प्रतिदिन गंगा जी में उड़ेला जाता था, लेकिन पीएम मोदी ने नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई। यद्पि पैसा 2015 में भी उपलब्ध कराया गया, लेकिन सपा की तत्कालीन सरकार ने उसे लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। प्रदूषण की बात करने वाले वही लोग हैं, जो अपने समय में कुछ कर नहीं पाए। जब हमें अवसर मिला तो डबल इंजन सरकार ने सीसामऊ के सीवर पॉइंट को सेल्फी पॉइंट बनाया। कानपुर में आज एक भी बूंद सीवर गंगा जी में नहीं जाता है, जबकि अंग्रेजों के समय से सीवर गिराने का कार्य प्रारंभ हुआ था।
मुख्यमंत्री ने रोजगार के मुद्दे पर सपा को दिखाया आईना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में बेरोजगारी से जुड़े मु्ददों पर भी चर्चा की। सीएम ने नेता प्रतिपक्ष पर भी तंज कसते हुए पूछा कि आप (सपा) के समय में बेरोजगारी दर 17 फीसदी थी, लेकिन आज तीन फीसदी है। इसका मतलब रोजगार सृजन हुआ है। अनेक अवसर पर रोजगार से जुड़े कार्यक्रम चलते हैं। यूपी अनंत संभावनाओं वाला प्रदेश है। देश के जिस प्रदेश के पास सबसे अच्छी कृषि भूमि, एमएसएमई, जल संसाधन, रेल नेटवर्क, सर्वाधिक आबादी और यूथ पावर है। उस प्रदेश को आप कहां पहुंचाना चाहते हैं। आपके शासन के दौरान किसान आत्महत्या और युवा पलायन करता था। कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है। हर दूसरे-तीसरे दिन दंगे होते थे। कोई निवेश करके अपनी सुरक्षा व पूंजी कैसे सुरक्षित रखता, लिहाजा कोई यहां आता नहीं था। सीएम ने सपा के कारनामे गिनाते हुए कहा कि 20 करोड़ बेरोजगारी भत्ता बांटने के लिए समाजवादी पार्टी ने समारोह के आयोजन में ही 15 करोड़ रुपये खर्च कर दिए थे।
डबल इंजन सरकार ने जल, थल और नभ में की बेहतरीन कनेक्टिविटी
सीएम ने कहा कि कनेक्टिविटी औद्योगिक निवेश की रीढ़ बनती है। यूपी ऐसा राज्य है, जहां डबल इंजन सरकार के नेतृत्व में जल, थल और नभ में भी बेहतरीन कनेक्टिविटी हुई है। यूपी को लैंड लॉक्ड स्टेट माना जाता था यानी यहां से एक्सपोर्ट की संभावना कम थी, लेकिन पीएम मोदी ने हल्दिया से वाराणसी के बीच में वाटरवेज नंबर एक यूपी के अंदर प्रारंभ किया है। हम लैंड लॉक्ड स्टेट से उबर चुके हैं। पूर्वी बंदरगाह के लिए बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त हो चुकी है।
ईस्टर्न व वेस्टर्न फ्रेड कॉरिडोर का जंक्शन भी यूपी में
मुख्यमंत्री ने कहा कि ईस्टर्न व वेस्टर्न फ्रेड कॉरिडोर का जंक्शन भी यूपी में है। ईस्टर्न फ्रेड कॉरिडोर का 56 फीसदी भाग यूपी के अंदर है। यह माल यातायात को तीव गति से पहुंचाने में कार्य कर रहा है। इसे भी मोदी जी के नेतृत्व की डबल इंजन की भाजपा सरकार ने बनाया है। वेस्टर्न फ्रेड कॉरिडोर मुंबई बंदरगाह की पहुंच को आसान बनाता है। इसका भी बड़ा भाग यूपी से होकर जाता है। यह भी मोदी जी की देन है। गंगा एक्सप्रेसवे बनने के बाद देश का 55 फीसदी एक्सप्रेसवे यूपी के पास होगा। सबसे बड़ा रेल नेटवर्क, सबसे अधिक मेट्रो सिटी, पहली रैपिड रेल यूपी के पास, 12 लेन का एक्सप्रेसवे (दिल्ली-मेरठ के बीच) यूपी के पास है। यह डबल इंजन सरकार की ताकत है।
हमने किया इनलैंड वॉटरवे अथॉरिटी का गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक निवेश की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हमने इनलैंड वॉटरवे अथॉरिटी का गठन किया है। जो बलिया से अयोध्या के बीच, काशी से प्रयागराजा के बीच भी वाटरवे की संभावना को तेज गति से आगे बढ़ा सके। इस बजट में भी नए एक्सप्रेसवे की घोषणा व धनराशि की व्यवस्था की गई है। गंगा एक्सप्रेसवे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ जोड़ने के लिए फर्रुखाबाद होते हुए जोड़ने के लिए एक एक्सप्रेसवे के लिए धनराशि दी है।
गंगा एक्सप्रेसवे को मीरजापुर (मां विंध्यवासिनी धाम) से होते हुए भदोही, काशी चंदौली होते हुए गाजीपुर को जोड़ने, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को चंदौली व सोनभद्र शक्तिनगर तक जोड़ने, गंगा एक्सप्रेसवे को प्रयागराज से चित्रकूट तक बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे के साथ जोड़ने और गंगा एक्सप्रेसवे को मेरठ से हरिद्वार के बीच में गंगा के पैरलल, अलाइनमेंट तय होने के बाद हमारी इच्छा है कि इसमें शुकतीर्थ व भुगृकुटि भी शामिल हैं। यह दोनों हमारे पौराणिक तीर्थ हैं। भारत की विरासत के प्रतीक हैं, लेकिन अलाइनमेंट व एनजीटी की क्लीयरसेंट मिलने के बाद ही यह निर्भर करेगा। कनेक्टिविटी को हरिद्वार तक पहुंचाने की भी इच्छा है। राज्य सरकार ने प्रयागराज में दो-दो पुल (नैनी में सिग्नेचर पुल व शास्त्री पुल के पैरलल) बनाने के लिए 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की है।
महाकुम्भ में 24 गंभीर और कुल 185 अग्नि दुर्घटनाओं पर पाया गया नियंत्रण