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यूपी सिडको में प्रशिक्षित मैनपावर बढ़ाने पर योगी सरकार का जोर

आवासीय भवनों, स्कूलों, अस्पतालों जैसे सरकारी भवनों के निर्माण की गुणवत्ता को बेहतर करेगी योगी सरकार

  • पीडब्यूडी, आईआईटी तथा एकेटीयू जैसे संस्थानों से समन्वय बनाएगी यूपी सिडको
  • सिविल व ऑर्किटेक्चर में यूपी सिडको के कार्यों की गुणवत्ता को और बेहतर करने की तैयारी
  • वित्तीय वर्ष 2025-26 में यूपी सिडको ने 1400 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पूरा करने का रखा लक्ष्य

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रयासरत हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (यूपी सिडको) के कार्यों की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए अहम कदम उठाए हैं। सीएम योगी की मंशानुरूप यूपी सिडको द्वारा किए गए कार्य प्रदेश की एक नई पहचान बनें, इसके लिए निगम में प्रशिक्षित मैनपावर की संख्या और गुणवत्ता में व्यापक सुधार करेगी।

यूपी सिडको प्रदेश की विभिन्न निर्माण परियोजनाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है, ऐसे में इसकी कार्यप्रणाली में दक्षता, समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना आवश्यक है। पिछले दिनों समाज कल्याण विभाग की हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए थे कि सभी परियोजनाएं आवासीय भवनों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों, अस्पतालों जैसे सरकारी व शासकीय भवनों के निर्माण तय समयसीमा में, तय मानकों के अनुरूप और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरी की जाएं। आवासीय भवनों, स्कूलों, अस्पतालों जैसे सरकारी भवनों के निर्माण की गुणवत्ता में किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता न हो।

सिविल व ऑर्किटेक्चर में यूपी सिडको के कार्यों की गुणवत्ता को और बेहतर करने की तैयारी

सीएम योगी ने यूपी सिडको को तकनीकी रूप से और अधिक मजबूत बनाने के लिए इसे लोक निर्माण विभाग (PWD), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) जैसे प्रमुख तकनीकी संस्थानों से जोड़ने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था कि बदलती समय की जरूरतों को देखते हुए सिविल इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि राज्य की अधोसंरचना को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार किया जा सके।

यूपी सिडको में मैनपावर को तकनीकी रूप से दक्ष बनाएगी योगी सरकार

यूपी सिडको में मैनपावर को न केवल तकनीकी रूप से दक्ष बनाया जाएगा, बल्कि उन्हें व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे निर्माण स्थल पर जमीनी स्तर की समस्याओं को समझते हुए त्वरित और प्रभावी समाधान दे सकें। इसके लिए कार्यों की नियमित निगरानी की जाएगी साथ ही हर स्तर पर जवाबदेही तय होगी। साथ ही जो भी संस्थान या अधिकारी कार्यों में उत्कृष्टता दिखाएंगे, उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा, जबकि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

वित्तीय वर्ष 2025-26 में यूपी सिडको ने 1400 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पूरा करने का रखा लक्ष्य

वित्तीय वर्ष 2024-25 में निगम द्वारा 1200 करोड़ रुपये की लागत का निर्माण कार्य किए हैं। चालू वित्तीय वर्ष में योगी सरकार ने निगम को 1400 करोड़ रुपये की लागत के निर्माण कार्यों का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस कार्यों को और अधिक गुणवत्तापूर्ण रूप से पूरा करने पर योगी सरकार जोर दे रही है। निगम द्वारा प्रदेश के सभी 75 जिलों में विभिन्न शासकीय विभागों के कुल 1609 निर्माण कार्य कर रही है। जबकि फरवरी 2025 तक कुल 550 प्रोजेक्ट पर 1060 करोड़ रुपये के लागत के निर्माण कार्य पूरे किए जा चुके हैं।

सीएम योगी की मंशा है कि यूपी सिडको को आत्मनिर्भर और प्रतिस्पर्धी बने जिससे निगम न सिर्फ सशक्त बनेगी, बल्कि राज्य की अधोसंरचना परियोजनाओं की गुणवत्ता में भी निखार लाएगी। यह विकास के मॉडल को और मजबूती देगा। यूपी सिडको निर्धारित मानकों के अनुसार कार्य कर आने वाले वर्षों में यह संस्था राज्य ही नहीं देश में भी अपनी अलग पहचान बनाएगी। उन्होंने सभी संबंधित विभागों से समन्वय कर कार्यों को गति देने की अपील भी की।

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