UP Live

केजीबीवी की 76,000 बालिकाओं को गाइड प्रशिक्षण दिलाकर योगी सरकार ने सुरक्षित किया भविष्य

बीएड, डीएलएड में मिलेगा नंबर का भारांक, सड़क परिवहन एवं रेलवे की स्काउट/गाइडिंग की भर्ती में वरीयता की राह हुई आसान

  • प्रदेश की सभी 746 केजीबीवी में पंजीकृत 2,238 गाइड यूनिट्स के माध्यम से दिया गया प्रशिक्षण
  • प्रत्येक केजीबीवी में पंजीकृत की गई तीन गाइड यूनिट्स, प्रत्येक में 32 बालिकाओं को मिली जगह

लखनऊ । योगी सरकार ने मिशन शक्ति के तहत बालिकाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस पहल की है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में अध्ययनरत शैक्षिक रूप से पिछड़े इलाकों से आने वाली अपवंचित वर्ग की बालिकाओं को गाइड प्रशिक्षण दिलाकर उनके भविष्य को सुरक्षित किया गया है। तीन दिवसीय आवासीय गाइड प्रशिक्षण (3 से 10 अक्टूबर) में 76,000 से अधिक बालिकाओं ने भाग लिया।

योगी सरकार के इस कदम से प्रशिक्षण ले चुकी बालिकाओं को जहां बीएड, डीएलएड में नंबर का भारांक मिलने की राह आसान हुई है, वहीं सड़क परिवहन एवं रेलवे की स्काउट/गाइडिंग की भर्ती में इन्हें वरीयता मिलने से इनका भविष्य भी चमकने की उम्मीद जगी है।

– 746 केजीबीवी की 76,000 बालिकाओं का चमकेगा भविष्य

बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह का कहना है कि प्रदेश की सभी 746 केजीबीवी में गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया है। इन विद्यालयों में 2,238 गाइड यूनिट्स पंजीकृत की गईं, जिनके माध्यम से योगी सरकार ने 76,000 बालिकाओं के गाइड प्रशिक्षण का कार्य पूरा किया है। इस प्रशिक्षण से भविष्य में बालिकाओं को अनेक लाभ मिलेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में उन्हें भारांक का लाभ तो मिलेगा ही, नौकरी मिलने में भी सहूलियतें मिलेंगी।

– त्वरित गति से प्रशिक्षण पूरा करने का रखा गया खयाल

केजीबीवी में पढ़ाई कर रही बालिकाओं के हित को ध्यान में रखते हुए उनके प्रशिक्षण को शीघ्र पूरा कराने का प्रयास किया गया। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निर्देशन में प्रदेश के प्रत्येक केजीबीवी में तीन गाइड यूनिट्स पंजीकृत की गईं, और प्रत्येक में 32 बालिकाओं को शामिल किया गया। छोटी-छोटी यूनिट्स में बंटी बालिकाओं को आसानी से प्रशिक्षण देकर उन्हें निडर, आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का पूरा प्रयास किया गया।

– बालिकाओं को यह मिला प्रशिक्षण

प्रशिक्षण कार्यक्रम में बालिकाओं को स्काउटिंग/गाइडिंग के नियम, प्रतिज्ञा, सिद्धांत और प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जानकारी दी गई। इन्हें गांठें बांधना, प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स का उपयोग और झोली तिकोनी पट्टी से पत्तियां बांधने जैसी तकनीकें भी सिखाई गईं। शिविर के दौरान प्रत्येक रात कैंप फायर का आयोजन किया गया, जहां खुले में भोजन बनाने और विपदाओं के समय जीवन यापन के तरीकों को भी सिखाया गया।

-बालिकाओं के लिए जरूरी है गाइड प्रशिक्षण

यह प्रशिक्षण न केवल छात्राओं के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, और आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि भविष्य में उनके लिए कई शैक्षिक और रोजगार के अवसर भी खोलेगा। उदाहरण के लिए, इन बालिकाओं को बीएड और डीएलएड में अंक का भारांक मिलेगा, और सड़क परिवहन एवं रेलवे में होने वाली स्काउट गाइडिंग की भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी। इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल बालिकाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए भी सशक्त होंगी।

-पहले ही कर ली गई थी तैयारी

केजीबीवी बालिकाओं को प्रशिक्षित करने की तैयारी को जून माह में ही अंतिम रूप दे दिया गया था। 24 से 30 जून के मध्य सात दिवसीय आवासीय शिविर में प्रत्येक मंडल की चयनित शिक्षिकाओं को गाइड कैप्टन के रूप में प्रशिक्षित किया गया था।

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button