
बीटिंग रिट्रीट समारोह-भारतीय धुनों से गूंजा विजय चौक ,दिखा अद्भुत नजारा ,“अबाइड विद मी ” धुन हटाया गया
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विजय चौक पर शनिवार को बीटिंग रिट्रीट के दौरान 1,000 स्वदेशी ड्रोन दर्शकों को रोमांचित कर दिया और ‘वंदे मातरम’ की धुन ने दर्शकों को देशभक्ति के भाव से ओत-प्रोत कर दिया।यह पहला मौका था, जब बीटिंग द रिट्रीट समारोह के अंत में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा वित्त पोषित और आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों के नेतृत्व में भारतीय स्टार्टअप बोटलैब की ओर से लाइट शो के एक हिस्से के तौर पर 1,000 ड्रोन ने अविस्मरणीय प्री-रिर्काडेड और संगीतमय प्रस्तुति दी। इसके साथ ही चीन, रूस और ब्रिटेन के बाद भारत 1,000 ड्रोन के साथ इतने बड़े पैमाने पर ड्रोन शो का आयोजन करने वाला चौथा देश बन गया।
बीटिंग द रिट्रीट समारोह के समापन के मौके पर लेजर शो के दौरान ‘वंदे मातरम’ की धुन बजाई गई,जिसने दर्शकों को देशभक्ति के भाव से ओत-प्रोत कर दिया। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित 10 मिनट के ड्रोन शो का आयोजन स्टार्टअप बोटलैब डायनेमिक्स द्वारा किया गया।बीटिंग द रिट्रीट समारोह के समापन के लिए सैन्य टुकड़ियों के कमांडर ने राष्ट्रपति से मंजूरी मांगी जिसके साथ ही बलों ने अपने कैंपों में वापसी परेड शुरू की। बैंड ने वापसी परेड में ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन बजाई जिसने सभी को अभीभूत कर दिया।बीटिंग द रिट्रीट के मौके पर सेनाओं के बैंड ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ की धुन बजाई जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह में मौजूद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तालियों से इसका स्वागत किया।
बीटिंग द रिट्रीट के मौके पर नार्थ ब्लॉक साउथ ब्लॉक सहित राष्ट्रपति भवन को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद थे। कार्यक्रम में भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के बैंड की ओर से 26 धुनें बजाई गईं। विजय चौक पर ‘कदम कदम बढ़ाए जा’ की धुन के साथ सेनाओं के मार्चिंग दस्तों ने परेड किया जिसका नजारा बेहद शानदार था।इस बार बीटिंग रिट्रीट में महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन की धुन ‘अबाइड विद मी’ सुनाई नहीं दी। बीटिंग रिट्रीट के लिए 26 धुनों की लिस्ट बनाई गई थी, जिसमें ‘अबाइड विद मी’ शामिल नहीं है। इसे महात्मा गांधी की पुण्यतिथि से एक दिन पहले 29 जनवरी को होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह के आखिर में बजाया जाता था।इस बार बीटिंग रिट्रीट में ‘केरल’, ‘हिन्द की सेना’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ की धुन को मुख्य तौर पर शामिल रहे। आर्मी मिल बैंड ने केरला, सिकी-ए-मोल और हिंद की सेना धुन बजाईं। मास्ड बैंड ने कदम कदम बढ़ाए जा धुन पर प्रस्तुति दी।
बगलर्स ने इकबाल के लिखे गीत सारे जहां से अच्छा की धुन बजाई। पूरे समारोह में 44 ब्यूगलर्स (बिगुल बजाने वाले), 16 ट्रंपेट प्लेयर्स और 75 ड्रमर्स शामिल हुए।आपको बता दें कि ‘बीटिंग रिट्रीट’ सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है जो उन दिनों से चली आ रही है जब सूर्यास्त के समय सैनिक युद्ध से अलग हो जाते थे. बिगुल की धुन बजने के साथ सैनिक लड़ना बंद कर अपने हथियार समेटते हुए युद्ध के मैदान से हट जाते थे.महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई स्तुति गीतों में से एक ‘अबाइड विद मी’ की धुन को इस साल 29 जनवरी को होने वाले ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह से हटा दिया गया है. स्कॉटलैंड के एंग्लिकन कवि हेनरी फ्रांसिस लाइट द्वारा 1847 में लिखित 1950 से ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह का हिस्सा रहा है. इस साल के समारोह का समापन अबाइड विद मी’ की जगह ‘सारे जहां से अच्छा’ के साथ होगा.