
कांग्रेसी नेता सुजेवाला का वारंट निरस्त,22 साल पुराना चक्काजाम और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का मामला
वाराणसी। प्रभारी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पंचम) एमपी-एमएलए कोर्ट नितेश सिन्हा की अदालत ने चक्काजाम, सरकारी संपत्तियों को नुकसान करने के मामले में आरोपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट निरस्त कर दिया। उन्होंने कोर्ट में हाजिर होकर वारंट निरस्त करने की गुहार लगाई। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तिथि नियत की है।
अभियोजन पक्ष के बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं को फर्जी ढंग से आरोपित बनाए जाने के विरोध में 21 अगस्त 2000 को युवा कांग्रेस आई के आल इंडिया अध्यक्ष्य सुरजेवाला, कांग्रेस नेता एसपी गोस्वामी, अशोक मिश्र, विजय शंकर पांडेय के नेतृत्व में 700, 800 कांग्रेस कार्यकर्ता आयुक्त कार्यालय परिसर के जबरदस्ती घुस आए। और मंडलाआयुक्त कोर्ट में घुस कर नारेबाजी और हंगामा करने लगे। आरोप है कि इस दौरान तोड़फोड़ भी की गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब समझाने का प्रयास किया तो वे लोग पुलिस से उलझ गए। जिसके बाद पुलिस टीम ने बल प्रयोग किया तो वो लोग पथराव करते हुए वहा से भागने का प्रयास करने लगे।
इस दौरान पुलिस ने मौके से काग्रेस नेता सुरजेवाला, एसपी गोस्वामी आदि को गिरफ्तार किया था। इस मामले पुलिस में कैंट थाने में सैकड़ों कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में हाजिर न होने पर अदालत से गैरजमानती वारंट जारी था। जिस पर बुधवार को अपने अधिवक्ता संजीव वर्मा, विनोद शुक्ला समेत अन्य अधिवताओं के साथ कोर्ट में उपस्थित होकर वारंट निरस्त करने के लिए अर्जी दी। जिसे अदालत ने स्वीकार कर ली।