उत्तर प्रदेश का बिजनौर जिला अपनी नगीना काष्ठ कला के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है लेकिन कोरोना महामारी के चलते इन कलाकारों का व्यवसाय बीते कुछ दिनों ठप पड़ गया था। लेकिन अनलॉक होने के बाद इन कलाकारों ने अपनी मेहनत, हुनर और जज्बे से इस काम को न सिर्फ दोबारा उठाया है बल्कि दुनियाभर में एक अलग पहचान बना रहे हैं और वोकल फॉर लोकल को एक नया आयाम भी दे रहे हैं।
अनलॉक के बाद पटरी पर लौटा व्यवसाय
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में कोरोना महामारी के चलते करोड़ों रुपए के निर्यात ऑर्डर निरस्त होने से नगीना काष्ठ कला व्यवसायियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। वहीं इस उद्योग में काम करने वाले मजदूरों के सामने भी भुखमरी की नौबत आ गई थी। महामारी के प्रकोप में कमी से अब इस उद्योग को नए ऑर्डर मिल रहे हैं जिससे इस उद्योग से जुड़े लोगों का जीवन पटरी पर लौटना शुरू हो गया है।
विश्व प्रसिद्ध है बिजनौर की नगीना काष्ठ कला
प्रदेश सरकार द्वारा ‘वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) के तहत उद्योगों को ऋण उपलब्ध कराएं जा रहे हैं। साथ ही साथ 25 प्रतिशत सब्सीट्यूट उद्योग के लिए संजीवनी का काम कर रहे हैं। बता दें बिजनौर जिला अपनी नगीना काष्ठ कला के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है।
कॉमन फैसिलिटी सेंटर किया स्थापित
प्रदेश सरकार द्वारा एक जनपद-एक उत्पाद कार्यक्रम के तहत एक कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना भी की गई है। इस उपलब्धि से जहां नगीना के काष्ठ उद्योग कारोबारी खुश हैं, वहीं कोरोना वायरस से उबरने के बाद अब जनपद को काष्ठ हैंडीक्राफ्ट सामग्री के लगभग 100 करोड़ से अधिक के ऑर्डर विदेशों से प्राप्त हुए हैं।
उद्योगों को आसानी से मिल रहा ऋण
कोरोना हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष इरशाद अली मुल्तानी बताते हैं कि ओडीओपी योजना लागू होने के बाद काष्ठ कला उद्योग के उद्योगों को आसानी से ऋण उपलब्ध हो रहा है और कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना से छोटे कारोबारी भी उच्च गुणवत्ता का उत्पादन कर सकेंगे।
240 उद्यमों को 9 करोड़ 86 लाख का मिला ऋण
बिजनौर जिले में तीन कॉमन फैसिलिटी सेंटर प्रस्तावित हैं जिनमें से एक पर काम शुरू हो चुका है। वहीं दो और सीएफसी की स्थापना की तैयारी भी चल रही है। उद्योग उपायुक्त लोकेंद्र कुमार ने बताया कि बिजनौर में इस योजना में 240 उद्यमों को 9 करोड़ 86 लाख ऋण उपलब्ध कराया गया है।
निर्यातक खुर्शीद अहमद ओडीओपी योजना को काष्ठ कला के विकास में मददगार मानते हैं। साथ ही सभी पात्र लोगों को आवश्यक लोन और सुविधाएं मुहैया कराने की अपील भी सरकार से करते हैं।
यूपी के बहुत से उत्पाद GI टैग धारक
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी एक जनपद एक उत्पाद योजना का उद्देश्य है कि यूपी को उन विशिष्ट कलाओं एवं उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाए, जो देश में कहीं और उपलब्ध नहीं है। इनमें से बहुत से उत्पाद जीआई टैग अर्थात भौगोलिक पहचान पट्टिका धारक हैं। ये वे उत्पाद हैं, जिनसे स्थान विशिष्ट की पहचान होती है।